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सरकार का बड़ा फैसला, इस कपास का उत्पादन करने वाले किसान को मिलेगी 3 हजार प्रोत्साहन राशि

अब हरियाणा के किसानों को देशी कपास की बुआई (indigenous cotton farming in Haryana) करने पर सरकार द्वारा विशेष तौर पर तीन हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि के तौर पर मिलेंगे. इससे किसान तो मालामाल होगा ही साथ ही फसल भी बगैर यूरिया की होगी.

indigenous cotton farming in Haryana
हरियाणा में देशी कपास की बुआई पर प्रोत्साहन राशि
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Published : Apr 25, 2022, 2:28 PM IST

Updated : Apr 25, 2022, 6:14 PM IST

भिवानी: हरियाणा में कपास की खेती करने वाले किसानों को अब सरकार पैसा देगी. लेकिन इसके लिए शर्त ये है कि किसानों के केवल देशी कपास की किस्म भी लगानी पड़ेगी. किसानों को देशी कपास की बुआई करने पर सरकार द्वारा विशेष तौर पर तीन हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. इससे किसान तो मालामाल होगा ही साथ ही फसल भी बगैर यूरिया की होगी. सरकार के इस फैसले से किसान भी काफी खुश है. हालांकि ये प्रोत्साहन राशि उन्हीं किसानों को मिलेगी जो देशी कपास की फसल की बिजाई करेगा.

भिवानी के कृषि विभाग के उपनिदेशक आत्माराम गोदारा ने बताया कि किसान काफी संख्या में बीटी कॉटन की बिजाई करते है. जिसकी वजह से अब कपास में कीट-पतंगे ज्यादा आने लग गए. हर तरह का कीटनाशक डालने के बाद भी ये कीट-पतंगे नहीं मरते. आत्माराम गोदारा ने बताया कि सरकार चाहती है कि किसान अब देशी कपास की ओर रूख करे. उन्होंने बताया कि भिवानी में लगभग दो लाख का एरिया है जहां किसान बीटी कॉटन की बिजाई करते है. अब किसान अगर देशी कपास की बिजाई करेंगे तो सरकार उन्हें तीन हजार रुपये प्रति एकड़ देगी.

सरकार का बड़ा फैसला, इस कपास का उत्पादन करने वाले किसान को मिलेगी 3 हजार प्रोत्साहन राशि

25 अप्रैल से 31 मई तक होगा रज‍िस्‍ट्रेशन- देशी कपास लगाने वाले क‍िसानों को हर‍ियाणा सरकार प्रत‍ि एकड़ 3 हजार रुपये की व‍ित्‍तीय मदद देगी. इस मदद को प्राप्‍त करने के ल‍िए राज्‍य के ऐसे क‍िसानों को मेरी फसल मेरा ब्‍यौरा पोर्टल http://agriharyana.gov.in/ पर रज‍िस्‍ट्रेशन कराना होगा. रज‍िस्‍ट्रेशन की प्रक्र‍िया 25 जनवरी से शुरू होगी और क‍िसान 31 मई तक रज‍िस्‍ट्रेशन करा सकेंगे. जानकारी के मुताब‍िक क‍िसानों की तरफ से अनुदान के ल‍िए रजि‍स्‍ट्रेशन कराए जाने के बाद उसका भौति‍क सत्‍यापन होगा. ज‍िसके बाद क‍िसानों को अनुदान राश‍ि जारी की जाएगी.

तीन प्रकार की होती है देशी कपास की क‍िस्‍में- हर‍ियाणा में मुख्‍यत: कपास के 3 तरह के बीज किसानों की तरफ से प्रयोग क‍िए जा रहे हैं. ज‍िसमें नरमा, बीटी कॉटन तथा देशी कपास शाम‍िल है. देशी कपास की क‍िस्‍मों की बात करें तो मौजूदा समय में प्रमुख रूप से एचडी-107, 123, 324 व 432 को देशी कपास की क‍िस्‍मों के तौर पर पहचाना जाता है. जिसमें ज्यादा कीटनाशक और खाद डालने की जरूरत नहीं होती.

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भिवानी: हरियाणा में कपास की खेती करने वाले किसानों को अब सरकार पैसा देगी. लेकिन इसके लिए शर्त ये है कि किसानों के केवल देशी कपास की किस्म भी लगानी पड़ेगी. किसानों को देशी कपास की बुआई करने पर सरकार द्वारा विशेष तौर पर तीन हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. इससे किसान तो मालामाल होगा ही साथ ही फसल भी बगैर यूरिया की होगी. सरकार के इस फैसले से किसान भी काफी खुश है. हालांकि ये प्रोत्साहन राशि उन्हीं किसानों को मिलेगी जो देशी कपास की फसल की बिजाई करेगा.

भिवानी के कृषि विभाग के उपनिदेशक आत्माराम गोदारा ने बताया कि किसान काफी संख्या में बीटी कॉटन की बिजाई करते है. जिसकी वजह से अब कपास में कीट-पतंगे ज्यादा आने लग गए. हर तरह का कीटनाशक डालने के बाद भी ये कीट-पतंगे नहीं मरते. आत्माराम गोदारा ने बताया कि सरकार चाहती है कि किसान अब देशी कपास की ओर रूख करे. उन्होंने बताया कि भिवानी में लगभग दो लाख का एरिया है जहां किसान बीटी कॉटन की बिजाई करते है. अब किसान अगर देशी कपास की बिजाई करेंगे तो सरकार उन्हें तीन हजार रुपये प्रति एकड़ देगी.

सरकार का बड़ा फैसला, इस कपास का उत्पादन करने वाले किसान को मिलेगी 3 हजार प्रोत्साहन राशि

25 अप्रैल से 31 मई तक होगा रज‍िस्‍ट्रेशन- देशी कपास लगाने वाले क‍िसानों को हर‍ियाणा सरकार प्रत‍ि एकड़ 3 हजार रुपये की व‍ित्‍तीय मदद देगी. इस मदद को प्राप्‍त करने के ल‍िए राज्‍य के ऐसे क‍िसानों को मेरी फसल मेरा ब्‍यौरा पोर्टल http://agriharyana.gov.in/ पर रज‍िस्‍ट्रेशन कराना होगा. रज‍िस्‍ट्रेशन की प्रक्र‍िया 25 जनवरी से शुरू होगी और क‍िसान 31 मई तक रज‍िस्‍ट्रेशन करा सकेंगे. जानकारी के मुताब‍िक क‍िसानों की तरफ से अनुदान के ल‍िए रजि‍स्‍ट्रेशन कराए जाने के बाद उसका भौति‍क सत्‍यापन होगा. ज‍िसके बाद क‍िसानों को अनुदान राश‍ि जारी की जाएगी.

तीन प्रकार की होती है देशी कपास की क‍िस्‍में- हर‍ियाणा में मुख्‍यत: कपास के 3 तरह के बीज किसानों की तरफ से प्रयोग क‍िए जा रहे हैं. ज‍िसमें नरमा, बीटी कॉटन तथा देशी कपास शाम‍िल है. देशी कपास की क‍िस्‍मों की बात करें तो मौजूदा समय में प्रमुख रूप से एचडी-107, 123, 324 व 432 को देशी कपास की क‍िस्‍मों के तौर पर पहचाना जाता है. जिसमें ज्यादा कीटनाशक और खाद डालने की जरूरत नहीं होती.

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Last Updated : Apr 25, 2022, 6:14 PM IST
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