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एमएसपी की मांग को लेकर हुसनीवाला बॉर्डर पंजाब से शुरू हुई मशाल यात्रा पहुंची भिवानी

एमएसपी की मांग को लेकर 28 नवंबर से हुसनीवाला बॉर्डर पंजाब से शुरू हुई किसानों की मशाल यात्रा (Farmers Torch March in Haryana) वीरवार को भिवानी पहुंची. यात्रा का खरकड़ी बावन से भिवानी में पहुंचने पर किसान नेता राकेश आर्य के नेतृत्व में अनेक किसानों ने स्वागत किया.

हरियाणा में किसानों की मशाल यात्रा
हरियाणा में किसानों की मशाल यात्रा
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Published : Dec 8, 2022, 5:24 PM IST

भिवानी: किसान नेताओं ने बताया कि 2019-2020 में जिन मांगों को लेकर किसान आंदोलन (Kisan Andolan Bhiwani) चलाया गया था, उसे समाप्त करने के लिए केन्द्र की मोदी सरकार ने किसानों की सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था, जिसमें लिखित में एमएसपी कानून बनाना भी था लेकिन अभी तक एक भी मांग को पूरा नहीं किया गया है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि लिखित में एमएसपी कानून बनाया जाए. 2022 में पारित किया जाने वाला बिजली कानून वापस लिया जाए, किसान मजदूरों पर दर्ज झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं, किसानों को बिना टैक्स के डीजल दिया जाए, लखीमपुरी हिंसा के जिम्मेदार मंत्री को बर्खास्त कर दोषियों को सजा दी जाए, गांव निमड़ीवाली में किसानों द्वारा दिए जा रहे धरने की सभी मांगों को पूरा किया जाए.

किसानों ने चेतावनी दी कि अगर समय रहते हुए इन सभी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 10 दिसंबर को टिकरी बॉडर पर किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat at Tikri border) आयोजित की जायेगी जहां आगामी आंदोलन की रूप रेखा तैयार होगी. 10 दिसंबर को जिले से हजारों की संख्या में किसान टिकरी बॉडर पर होने वाली किसान महापंचायत में भाग लेंगे. इस महापंचायत को सफल बनाने के लिए गांव-गांव जाकर किसानों व मजदूरों को निमंत्रण भी दिया जाएगा.

यात्रा में पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के राज्य प्रधान मंदीप सिंह नथवान, राज्य सचिव संदीप सिवाच, हिसार जिला प्रधान सतीश बैनीवाल, भिवानी संयोजक राजेश लक्ष्मणपुरा, अग्रोहा ब्लॉक प्रधान केडी अग्रोहा, टोहाना से मनजीत सिंह, आदमपुर से करण सिंह चुली कलां, राज्य कमेटी सदस्य प्रदीप मलिक व खरकड़ी से सुरेन्द्र पंघाल, वीरभान गिल मुख्यरूप से उपस्थित रहे.

ये भी पढ़ें- भिवानी में बोले आप नेता अशोक तंवर- 'लोग विकल्प चाहते हैं और विकल्प आम आदमी पार्टी है'

भिवानी: किसान नेताओं ने बताया कि 2019-2020 में जिन मांगों को लेकर किसान आंदोलन (Kisan Andolan Bhiwani) चलाया गया था, उसे समाप्त करने के लिए केन्द्र की मोदी सरकार ने किसानों की सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था, जिसमें लिखित में एमएसपी कानून बनाना भी था लेकिन अभी तक एक भी मांग को पूरा नहीं किया गया है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि लिखित में एमएसपी कानून बनाया जाए. 2022 में पारित किया जाने वाला बिजली कानून वापस लिया जाए, किसान मजदूरों पर दर्ज झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं, किसानों को बिना टैक्स के डीजल दिया जाए, लखीमपुरी हिंसा के जिम्मेदार मंत्री को बर्खास्त कर दोषियों को सजा दी जाए, गांव निमड़ीवाली में किसानों द्वारा दिए जा रहे धरने की सभी मांगों को पूरा किया जाए.

किसानों ने चेतावनी दी कि अगर समय रहते हुए इन सभी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 10 दिसंबर को टिकरी बॉडर पर किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat at Tikri border) आयोजित की जायेगी जहां आगामी आंदोलन की रूप रेखा तैयार होगी. 10 दिसंबर को जिले से हजारों की संख्या में किसान टिकरी बॉडर पर होने वाली किसान महापंचायत में भाग लेंगे. इस महापंचायत को सफल बनाने के लिए गांव-गांव जाकर किसानों व मजदूरों को निमंत्रण भी दिया जाएगा.

यात्रा में पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के राज्य प्रधान मंदीप सिंह नथवान, राज्य सचिव संदीप सिवाच, हिसार जिला प्रधान सतीश बैनीवाल, भिवानी संयोजक राजेश लक्ष्मणपुरा, अग्रोहा ब्लॉक प्रधान केडी अग्रोहा, टोहाना से मनजीत सिंह, आदमपुर से करण सिंह चुली कलां, राज्य कमेटी सदस्य प्रदीप मलिक व खरकड़ी से सुरेन्द्र पंघाल, वीरभान गिल मुख्यरूप से उपस्थित रहे.

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