भिवानी: बारिश की कमी के चलते भिवानी के बवानीखेड़ा के किसानों की फसलें बर्बाद होने लगी हैं. गुरुवार को बवानीखेड़ा के किसान फसलों की उचित गिरदावरी की मांग को लेकर खंड कृषि अधिकारी कार्यालय पहुंचे और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन सौंपने वाले किसानों ने बताया कि उनके क्षेत्र में अबकी बार बारिश ना के बराबर हुई है. किसानों ने बताया कि बारिश की कमी के कारण खेतों मे खड़ी धान और कपास की फसलें बर्बाद होने की कगार पर पहुंच चुकी है.
बारिश की कमी के चलते कपास की फसल पर सफेद मक्खी प्रकोप बढ़ गया है. इससे कपास की फसल को 100 प्रतिशत नुकसान पहुंचने का अनुमान है. किसानों ने ज्ञापन सौंपने के बाद अधिकारियों से मांग की है कि जल्द ही वो फसलों का मुआयना करें और उचित गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलवाने का प्रबंध करें. बारिश की कमी के कारण किसानों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें कि अलनीनो के कारण कमजोर पड़े मॉनसून ने कॉटन बेल्ट समेत प्रदेशभर में 29 साल बाद फिर से सूखे जैसे हालात पैदा कर दिए हैं. इस साल का मॉनसून लौटने की तैयारी में है. 30 सितंबर को मॉनसून प्रदेश से विदा हो जाएगा. ऐसे में 1990 के बाद फिर से प्रदेश सूखे की दहलीज पर खड़ा है. साल 1990 में आज के दिन तक सामान्य से 57.8 प्रतिशत कम बारिश हुई थी, जबकि इस बार 421.3 एमएम बरसात के मुकाबले 244.9 मिलीमीटर पानी गिरा है. यानि के सामान्य से 41.9 प्रतिशत कम बरसात दर्ज हुई है.
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