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भिवानी: बारिश के कमी से किसानों को भारी नुकसान, मुआवजे की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

बारिश की कमी से बवानीखेड़ा के किसानों की फसलें बर्बाद होने लगी हैं. जिसके चलते किसानों ने खंड विकास अधिकारी को अपनी समस्या से अवगत कराया और मुआवजे को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की मांग की.

बारिश के कमी के चलते किसानो को भारी नुकसान, मुआवजे की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन
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Published : Sep 19, 2019, 11:29 PM IST

भिवानी: बारिश की कमी के चलते भिवानी के बवानीखेड़ा के किसानों की फसलें बर्बाद होने लगी हैं. गुरुवार को बवानीखेड़ा के किसान फसलों की उचित गिरदावरी की मांग को लेकर खंड कृषि अधिकारी कार्यालय पहुंचे और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन सौंपने वाले किसानों ने बताया कि उनके क्षेत्र में अबकी बार बारिश ना के बराबर हुई है. किसानों ने बताया कि बारिश की कमी के कारण खेतों मे खड़ी धान और कपास की फसलें बर्बाद होने की कगार पर पहुंच चुकी है.

बारिश की कमी के चलते कपास की फसल पर सफेद मक्खी प्रकोप बढ़ गया है. इससे कपास की फसल को 100 प्रतिशत नुकसान पहुंचने का अनुमान है. किसानों ने ज्ञापन सौंपने के बाद अधिकारियों से मांग की है कि जल्द ही वो फसलों का मुआयना करें और उचित गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलवाने का प्रबंध करें. बारिश की कमी के कारण किसानों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

बारिश के कमी के चलते किसानों को भारी नुकसान, मुआवजे की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

बता दें कि अलनीनो के कारण कमजोर पड़े मॉनसून ने कॉटन बेल्ट समेत प्रदेशभर में 29 साल बाद फिर से सूखे जैसे हालात पैदा कर दिए हैं. इस साल का मॉनसून लौटने की तैयारी में है. 30 सितंबर को मॉनसून प्रदेश से विदा हो जाएगा. ऐसे में 1990 के बाद फिर से प्रदेश सूखे की दहलीज पर खड़ा है. साल 1990 में आज के दिन तक सामान्य से 57.8 प्रतिशत कम बारिश हुई थी, जबकि इस बार 421.3 एमएम बरसात के मुकाबले 244.9 मिलीमीटर पानी गिरा है. यानि के सामान्य से 41.9 प्रतिशत कम बरसात दर्ज हुई है.

ये भी पढ़ें: नायब तहसीलदार पेपर लीक कांड: जेल जाने के बाद भी नहीं हुई मुख्य आरोपी पर कार्रवाई, फिर बना प्रधानाचार्य

भिवानी: बारिश की कमी के चलते भिवानी के बवानीखेड़ा के किसानों की फसलें बर्बाद होने लगी हैं. गुरुवार को बवानीखेड़ा के किसान फसलों की उचित गिरदावरी की मांग को लेकर खंड कृषि अधिकारी कार्यालय पहुंचे और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन सौंपने वाले किसानों ने बताया कि उनके क्षेत्र में अबकी बार बारिश ना के बराबर हुई है. किसानों ने बताया कि बारिश की कमी के कारण खेतों मे खड़ी धान और कपास की फसलें बर्बाद होने की कगार पर पहुंच चुकी है.

बारिश की कमी के चलते कपास की फसल पर सफेद मक्खी प्रकोप बढ़ गया है. इससे कपास की फसल को 100 प्रतिशत नुकसान पहुंचने का अनुमान है. किसानों ने ज्ञापन सौंपने के बाद अधिकारियों से मांग की है कि जल्द ही वो फसलों का मुआयना करें और उचित गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलवाने का प्रबंध करें. बारिश की कमी के कारण किसानों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

बारिश के कमी के चलते किसानों को भारी नुकसान, मुआवजे की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

बता दें कि अलनीनो के कारण कमजोर पड़े मॉनसून ने कॉटन बेल्ट समेत प्रदेशभर में 29 साल बाद फिर से सूखे जैसे हालात पैदा कर दिए हैं. इस साल का मॉनसून लौटने की तैयारी में है. 30 सितंबर को मॉनसून प्रदेश से विदा हो जाएगा. ऐसे में 1990 के बाद फिर से प्रदेश सूखे की दहलीज पर खड़ा है. साल 1990 में आज के दिन तक सामान्य से 57.8 प्रतिशत कम बारिश हुई थी, जबकि इस बार 421.3 एमएम बरसात के मुकाबले 244.9 मिलीमीटर पानी गिरा है. यानि के सामान्य से 41.9 प्रतिशत कम बरसात दर्ज हुई है.

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Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश दुहन भिवानी
दिनांक 19 सितंबर।
गिरदावरी की मांग को लेकर बीएओ कार्यालय पहुंचे किसान
बारिश की कमी के चलते किसानों की फसल होने लगी बबार्द
गिरदावरी करवाने की मांग को लेकर किसानों ने खंड कृषि अधिकारी से लगाई गुहार
बारिश की कमी के चलते फसलों पर बढ़ा सफेद मक्खी का प्रकोप
बारिश की कमी के चलते बवानीखेड़ा के किसानों की फसलें बर्बाद होने लगी हैं। बृहस्पितवार को बवानीखेड़ा के किसान फसलों की उचित गिरदावरी की मांग को लेकर खंड कृषि अधिकारी कार्यालय पहुंचे और वहां पर उन्होंने अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
Body:ज्ञापन सौंपने वाले किसान विकास महता, अजय, सुरेंद्र, ठंडीराम, हरिचरण, ओमपाल, सुरेंद्र, बिजेंद्र, सुनील, सुरेश, रामेहर, रामबीर आदि ने बताया कि उनके क्षेत्र में अबकी बार बारिश न के बराबर हुई है। बारिश की कमी के चलते खेतों में खड़ी धान व कपास की फसल बर्बादी की कगार पर पहुंच चुकी है। बारिश की कमी के चलते कपास की फसल पर सफेद मक्खी का प्रकोप बढ़ गया है। इससे कपास की फसल को सौ 100 प्रतिशत नुकसान पहुंचने का अनुमान है।
Conclusion:उन्होंने कृषि अधिकारी को ज्ञापन सौंप मांग की है कि जल्द ही वे फसलों का मुआयना करें और उचित गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलवाने का प्रबंध करें।
बाईट : विकास महता किसान।
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