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ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों के मुआवजे को लेकर भिवानी में धरने पर बैठे किसान

ओलावृष्टि और बारिश के कारण बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे के लिए किसानों ने भिवानी में प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो हम आंदोलन करेंगे.

farmers protest for compensation in bhiwani
ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों के मुआवजे को लेकर धरने पर बैठे किसान
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Published : Mar 13, 2020, 11:49 PM IST

भिवानी: ओलावृष्टि, अंधड़ और जलभराव से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे को लेकर किसनों ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने तहसीलदार को मांग पत्र सौंपा.

किसानों की मांग है कि ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों की गिरदावरी के लिए प्रदेश के 52 गांवों की सूची तैयार की गई है. जिसमें भिवानी जिला को शामिल नहीं किया गया है. इसलिए किसान धरने पर बैठे हैं.

इस मामले में किसान नेता ओमप्रकाश सैनी ने कहा कि जिले में सैकड़ों गांव की ओलावृष्टि और जलभराव से 80 प्रतिशत तक फसल बर्बाद हो गई है. लेकिन सरकार केवल 11 गांवों को ही चिन्हित किया है. उन्होंने कहा कि जिले के किसानों को न्याय दिया जाए.

ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों के मुआवजे को लेकर धरने पर बैठे किसान

वहीं कामरेड ओमप्रकाश ने कहा कि 15 मार्च को जिला कार्यकारिणी की बैठक भगत सिंह स्मारक पर होगी. जिसमें समीक्षा और आगे के आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी.

उन्होंने कहा कि जिला में आवारा पशुओं के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो रही है और आवारा पशुओं के चलते आए दिन हादसे होते रहते हैं. सरकार ने इनके प्रबंधन के लिए अनेक दावे किए थे, लेकिन अभीतक कोई प्रबंध नहीं किया गया. उन्होंने मांग की कि आवार पशुओं के प्रबंधन के लिए सरकार और प्रशासन को कदम उठाने चाहिए. ताकि हादसे और किसानों की फसलें बच सकें.

ये भी पढ़िए: कोरोना के खतरे के बीच हरियाणा सरकार ने किया पशुधन मेले का आयोजन

भिवानी: ओलावृष्टि, अंधड़ और जलभराव से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे को लेकर किसनों ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने तहसीलदार को मांग पत्र सौंपा.

किसानों की मांग है कि ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों की गिरदावरी के लिए प्रदेश के 52 गांवों की सूची तैयार की गई है. जिसमें भिवानी जिला को शामिल नहीं किया गया है. इसलिए किसान धरने पर बैठे हैं.

इस मामले में किसान नेता ओमप्रकाश सैनी ने कहा कि जिले में सैकड़ों गांव की ओलावृष्टि और जलभराव से 80 प्रतिशत तक फसल बर्बाद हो गई है. लेकिन सरकार केवल 11 गांवों को ही चिन्हित किया है. उन्होंने कहा कि जिले के किसानों को न्याय दिया जाए.

ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों के मुआवजे को लेकर धरने पर बैठे किसान

वहीं कामरेड ओमप्रकाश ने कहा कि 15 मार्च को जिला कार्यकारिणी की बैठक भगत सिंह स्मारक पर होगी. जिसमें समीक्षा और आगे के आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी.

उन्होंने कहा कि जिला में आवारा पशुओं के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो रही है और आवारा पशुओं के चलते आए दिन हादसे होते रहते हैं. सरकार ने इनके प्रबंधन के लिए अनेक दावे किए थे, लेकिन अभीतक कोई प्रबंध नहीं किया गया. उन्होंने मांग की कि आवार पशुओं के प्रबंधन के लिए सरकार और प्रशासन को कदम उठाने चाहिए. ताकि हादसे और किसानों की फसलें बच सकें.

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