भिवानी: केंद्र सरकार के खेती-किसानी से जुड़े तीन अध्यादेशों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के किसान लामबंद होते दिखाई दे रहे हैं. भिवानी में किसान संगठन इस अध्यादेश के खिलाफ अपनी नाराजगी जताने के लिए सड़क पर उतरे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
केंद्र सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे किसान
इस प्रदर्शन के दौरान किसानों ने सरकार का पुतला भी फूंका और जमकर नारेबाजी की. किसानों ने केंद्र सरकार के किसान विरोधी तीन काले अध्यादेशों को रद्द करने, बिजली बिल 2020 वापस लेने और डीजल-पेट्रोल के रेट आधे करने की मांग की. इस मांग को लेकर ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन (एआईकेकेएमएस) के बैनर तले किसान भिवानी के दिनोद गेट पर इकठ्ठा हुए और विरोध स्वरूप केंद्र सरकार का पुतला फूंका.
तीन अध्यादेश को वापस लेने की मांग
प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि इसस अध्यादेश से किसानों की खेती में कारपोरेट की दखलअंदाजी बढ़ जाएगी. केंद्र सरकार इस कानून के माध्यम से लूट को बढ़ावा दे रही है. किसानों ने सरकार के इस अध्यादेश को काला कानून करार दिया. इसके अलावा किसानों ने बिजली बिल 2020 वापस लेने की मांग की.
ये भी है मांग
किसानों ने कहा कि डीजल पेट्रोल के दाम आधे होने चाहिए. सरकार बुढ़ापा पेंशन पांच हजार रुपये महीना लागू करे. मनरेगा में पूरे साल काम मिलने चाहिए. खराब हुई फसलों का 40 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दे. किसान मजदूरों के सभी कर्ज खत्म किया जाए और फसलों की लागत से डेढ़ गुना दाम देने की मांग रखी गई.
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इस मौके पर रोहताश और अन्य कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार समर्थन मूल्य पर फसल खरीदने की प्रणाली को ही समाप्त करना चाहती है, जिसे हरगिज नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि फूल, खीरा, तरबूज, टमाटर आदि सब्जियों की फसल में किसानों को भारी घाटा हुआ है.
'किसान होंगे बर्बाद'
किसानों की आय दोगुनी करने के नाम पर एक राष्ट्र एक बाजार का सरकारी प्रचार एक छलावा है. इन काले अध्यादेशों को लाने के पीछे केंद्र सरकार की मंशा छोटे और मध्यम किसानों को बर्बाद करने की है. इनमें बड़े पूंजीपति घरानों को प्राइवेट मंडी खोलने की पूरी छूट दे दी है.
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद सरकार इसका फायदा लोगों तक नहीं पहुंचने दे रही है. डीजल पेट्रोल पर भारी टैक्स लगाकर सरकार खुद ही किसानों और उपभोक्ताओं को लूट रही है. किसानों ने कहा कि जब तक मांगे नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.