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नेत्रदान: दूसरों को रोशनी देंती रहेंगी हरीश की आंखें

भिवानी के निवासी हरीश (61) ने अपने मरने के बाद नेत्र दान का प्रण लिया था. उनके मरने के बाद उनके परिवार ने उनकी आंखें दान कर दी है. उनके मरने के बाद भी उनकी आंखें इस दुनिया के देख पाएंगी.

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Published : May 22, 2019, 8:48 AM IST

Updated : May 22, 2019, 8:57 AM IST

मरकर भी दुनिया देखेंगे हरीश

भिवानी: जिले से 61 साल के हरीश ने अपनी आंख दान की थी. मृत्यु के उपरांत हरीश की आंखें उनके परिजनों ने दान कर दी. उनकी मृत्यु के बाद भी उनकी आंखें इस दुनिया को देख पाएंगी.

आज भले ही हरीश इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन फिर भी उनकी आंखें इस दुनिया को देखती रहेंगी. हरीश ने अपने मरने से पहले ही नेत्रदान का प्रण लिया था. इस काम में हरिश के परिवार ने भी उनका पूरा साथ दिया. हरीश अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं.

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मंगलवार को हरीश की मृत्यु हो गई. वे पिछले कुछ दिन से बीमार चल रहे थे. उनकी मृत्यु के उपरांत उनकी इच्छा को पूरा करने के लिए परिवार ने नेत्र बैंक को सूचित किया. जिसके बाद डॉक्टरों की टीम उनके घर पर पहुंची. टीम ने हरीश की आंखों को सुरक्षित रख लिया है. अब हरीश की आंख उनके मरने के बाद भी इस दुनिया की खूबसूरती को देख पाएंगी.

भिवानी: जिले से 61 साल के हरीश ने अपनी आंख दान की थी. मृत्यु के उपरांत हरीश की आंखें उनके परिजनों ने दान कर दी. उनकी मृत्यु के बाद भी उनकी आंखें इस दुनिया को देख पाएंगी.

आज भले ही हरीश इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन फिर भी उनकी आंखें इस दुनिया को देखती रहेंगी. हरीश ने अपने मरने से पहले ही नेत्रदान का प्रण लिया था. इस काम में हरिश के परिवार ने भी उनका पूरा साथ दिया. हरीश अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं.

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मंगलवार को हरीश की मृत्यु हो गई. वे पिछले कुछ दिन से बीमार चल रहे थे. उनकी मृत्यु के उपरांत उनकी इच्छा को पूरा करने के लिए परिवार ने नेत्र बैंक को सूचित किया. जिसके बाद डॉक्टरों की टीम उनके घर पर पहुंची. टीम ने हरीश की आंखों को सुरक्षित रख लिया है. अब हरीश की आंख उनके मरने के बाद भी इस दुनिया की खूबसूरती को देख पाएंगी.

Intro:अब दूसरों के आंखों को उजाला देगी हरीश की आंखें

मृत्यु उपरांत नेत्रदान का लिया था संकल्प 

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Body:भिवानी शहर के जैन चौक निवासी 61 वर्षीय हरीश आज भले ही दुनिया में न हो, परंतु उनकी आंखें आज भी दुनिया देखती रहेंगी। यह सब संभव हो पाया है हरीश के मृत्यु उपरांत नेत्रदान प्रण के चलते। डेरा सच्चा सौदा की ब्लड डोनेशन समिति के जिम्मेवार मनीष इन्सां के पिता हरीश के बारे में जानकारी देते हुए सेवादार मनोज इन्सां, नरेश इन्सां व राजू इन्सां ने बताया कि हरीश ने नेत्रदान करने का प्रण लिया हुआ था। मंगलवार सुबह साढ़े 6 बजे उनकी अचानक मृत्यु हो गई। वे पिछले दो दिन से बीमार थे। वे अपने पीछे पत्नी, बेटा, बेटी व दोहते, पौतों सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गए। उनकी मृत्यु के उपरांत भिवानी जालान आंखों के अस्पताल के नेत्र बैंक को सूचित किया गया। जिसके बाद डॉ. शिल्पा की अगुवाई में टीम उनके घर पहुंची तथा उनकी आंखें सुरक्षित रख ली। जिनका उपयोग किसी नेत्रहीन को दृष्टि देने में किया जाएगा। गौरतलब है कि हरीश मृत्यु उपरांत ही अपने नेत्रदान के प्रण के चलते सदा किए जाते रहेंगे।   






Conclusion:
Last Updated : May 22, 2019, 8:57 AM IST
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