भिवानी: नियमित और स्थायी प्रकृति के पदों पर कच्चे अनुबंध कर्मचारी रखने के कौशल रोजगार निगम के प्रावधान के कुछ समय बाद अब पदोन्नति कोटे के पदों को भी कौशल रोजगार में बदलने अथवा खाली रखते हुए समाप्त करने के लक्ष्य से नियमों में बदलाव किया जा रहा है. सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर इन तुगलकी फरमानों के विरोध में कर्मचारी भिवानी लघु सचिवालय के सामने एकत्रित हुए और इन फरमानों की प्रतियां फूंकते हुए एक ज्ञापन तहसीलदार के मार्फत मुख्यमंत्री के नाम भेजा.
भिवानी में रोष प्रदर्शन की अध्यक्षता ब्लॉक प्रधान सुशील आलमपुर तथा संचालन उपाध्यक्ष अनिल नागर द्वारा किया गया. मुख्य वक्ता के तौर पर सर्व कर्मचारी संघ राज्य कमेटी की ओर से नरेंद्र दिनोद, सुखदर्शन सरोहा, सतवीर स्वामी ने कहा कि भर्ती के समय से बाद के सेवा नियमों को पुराने कर्मियों पर लादना नियम के विरूद्ध है.
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एक बार प्रस्तावित नया नियम अधिसूचित कर दिया जाता है तो यह सभी विभागों, निगमों व बोर्डो में काम करने वाले समस्त कर्मियों पर लागू हो जाएगा. इसके लिए सेवा नियमों में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे. नए बदलाव के बाद पदोन्नति वरिष्ठता आधारित नहीं रहेगी बल्कि उसे मैरिट व सीनियरटी के आधार पर तय किया जाएगा. बाकी शर्तों के साथ पदोन्नति से पूर्व लिखित परीक्षा को अनिवार्य किया जाएगा. पदोन्नति के लिए निर्धारित अंकों के साथ लिखित परीक्षा पास करनी होगी.
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जिसमें सामान्य वर्ग के कर्मचारी 50 प्रतिशत, अनुसचित, पिछड़े, आर्थिक रूप से पिछड़े तबके, भूतपूर्व सैनिक, विकलांग व खिलाड़ियों के लिए 45 प्रतिशत अंकों के साथ लिखित परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा. भर्ती के समय कर्मचारी ने जिस कैटेगरी के तहत प्रार्थना पत्र दिया था. उसकी वही कैटेगरी मानी जाएगी. उन्होंने पदोन्नति में लगाए टेस्ट की शर्त व कौशल रोजगार निगम को शीघ्र भंग करने की मांग की. इसके साथ ही खाली पदांे पर स्थायी भर्तियां कर बेरोजगारों को स्थाई रोजगार देने की मांग की.