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भिवानी के उमरावत गांव में पेयजल संकट, ग्रामीण करेंगे पंचायत चुनाव का बहिष्कार - पेयजल संकट भिवानी

भिवानी के उमरावत गांव के लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों ने पेयजल संकट से परेशान होकर पंचायती चुनाव का बहिष्कार करने की बात कही है.

drinking water crisis in umrawat village of bhiwani
भिवानी के उमरावत गांव में सूखे जलघर का दृश्य
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Published : Jul 11, 2020, 3:46 PM IST

Updated : Jul 11, 2020, 8:09 PM IST

भिवानी: जिले के गांव उमरावत में पानी का जलस्तर इतना नीचे जा चुका है कि पानी इस गांव के लोगों के लिए सपना बन गया है. एक तरफ कोरोना जैसी भंयकर महामारी तो दूसरी तरफ गहराता जलसंकट दोनों के भय ने गांववासियों को घुट-घुटकर मरने पर विवश कर दिया है.

गांव मे पानी सप्लाई के नाम पर एक जलघर बना हुआ है, जिसमे केवल एक टैंक बना है. जो जनसंख्या के हिसाब से नाकाफी है. पिछले तीन महीनों से गांवों के नलकूपों से पानी की एक बुंद को देखने के लिए ग्रामीणों की आंखें तरस गई हैं. ग्राम पंचायत से लेकर संबंधित अधिकारियों, विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री तक को समस्या से अवगत करवाने के बाद भी हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं. गांव के लोगों को निजी टैंकरों से 400-500 रुपयों मे पानी खरीदकर अपना और पशुओं का काम चलाना पड़ रहा है.

भिवानी के उमरावत गांव में पेयजल संकट

इस बारे मे ग्रामीणों ने बताया कि पिछले तीन महीनों से गांव मे पानी की एक बूंद भी नहीं आई है. जिसके चलते घर के कामकाज करना मुश्किल हो गया है. वहीं ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आने वाले 10 दिनों में पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ. तो गांव मे किसी भी राजनेता और प्रशासनिक अधिकारी को घुसने नहीं दिया जाएगा और आगामी पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा. जिसकी जिम्मेवारी सरकार और प्रशासन की होगी.

ये भी पढ़ें: सीएम मनोहर लाल ने की केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर से मुलाकात

भिवानी: जिले के गांव उमरावत में पानी का जलस्तर इतना नीचे जा चुका है कि पानी इस गांव के लोगों के लिए सपना बन गया है. एक तरफ कोरोना जैसी भंयकर महामारी तो दूसरी तरफ गहराता जलसंकट दोनों के भय ने गांववासियों को घुट-घुटकर मरने पर विवश कर दिया है.

गांव मे पानी सप्लाई के नाम पर एक जलघर बना हुआ है, जिसमे केवल एक टैंक बना है. जो जनसंख्या के हिसाब से नाकाफी है. पिछले तीन महीनों से गांवों के नलकूपों से पानी की एक बुंद को देखने के लिए ग्रामीणों की आंखें तरस गई हैं. ग्राम पंचायत से लेकर संबंधित अधिकारियों, विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री तक को समस्या से अवगत करवाने के बाद भी हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं. गांव के लोगों को निजी टैंकरों से 400-500 रुपयों मे पानी खरीदकर अपना और पशुओं का काम चलाना पड़ रहा है.

भिवानी के उमरावत गांव में पेयजल संकट

इस बारे मे ग्रामीणों ने बताया कि पिछले तीन महीनों से गांव मे पानी की एक बूंद भी नहीं आई है. जिसके चलते घर के कामकाज करना मुश्किल हो गया है. वहीं ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आने वाले 10 दिनों में पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ. तो गांव मे किसी भी राजनेता और प्रशासनिक अधिकारी को घुसने नहीं दिया जाएगा और आगामी पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा. जिसकी जिम्मेवारी सरकार और प्रशासन की होगी.

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Last Updated : Jul 11, 2020, 8:09 PM IST
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