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सावन माह की शिवरात्रि आज, छोटी काशी में भगवान शिव का जलाभिषेक - भिवानी भक्त शिवरात्री मनाया

शिवरात्रि (Shivaratri Pooja) के पर्व पर जहां देशभर में जलाभिषेक कर मंगल कामानाएं की गई. वहीं छोटी काशी के नाम से विख्यात भिवानी में भी श्रद्धालुओं ने कोरोना महामारी के खात्मे और देश-प्रदेश की सुख-समृद्धि के लिए मन्दिर में जलाभिषेक करते हुए प्रार्थना की.

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सावन माह की शिवरात्रि आज
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Published : Aug 6, 2021, 12:56 PM IST

भिवानी: जिला भिवानी जिसे छोटी काशी भी कहा जाता है, वहां शिवरात्रि का पर्व श्रद्धा एवं उल्लास के साथ ( Bhiwani Devotees Are Celebrating Shivratri) मनाया जा रहा है. शिवभक्तों की तरफ से शिव का जलाभिषेक किया गया. भक्तों की मान्यता है कि शिव उनकी मुरादें पूरी करते हैं. उन्होंने देश में अमन और शांति की कामना की है. इस मौके पर ध्वजा यात्रा के माध्यम श्रद्धालुओं गंगाजल चढ़ाया, तो कहीं किसी ने व्रत धारण कर गंगाजल, बेलपत्र व दुग्ध से भगवान शिव का जलाभिषेक किया. शिव भक्तों ने नाच-गाकर भोले के छोटे बड़े विभिन्न मन्दिरों में जलाभिषेक किया और मन्नतें मांगी.

आज शिवरात्रि के पर्व पर सुबह से मदिरों में शिवभक्तों की भारी भीड़ देखी गई. श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर मौसमी सब्जी, फल, धतूरा, दुग्ध और गंगाजल चढ़ाकर भगवान से सुख-समृद्धि के लिए कामना की. मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं का मानना है कि भगवान शिव की आराधना से हर प्रकार का संकट दूर होता है. वही महंत वेदनाथ महाराज ने कहा कि भगवान शिव की आराधना आज शिव भक्तों के द्वारा की गई है. श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर गंगाजल, दूध और बेलपत्र आदि सामग्री से भगवान शिव की पूजा अर्चना की है. श्रद्धालुओं का कहना है कि सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की लम्बी-लम्बी लाइनें लगी हुई है.

छोटी काशी में भगवान शिव का जलाभिषेक, देखिए वीडियो

ये पढे़ं- सावन शिवरात्रि होती है विशेष, जानें शिव पूजा मुहूर्त और महत्व

आज श्रद्धालु बम-बम भोले के जयकारें लगाते हुए शिव भक्तों ने श्रद्धा एवं उल्लास से यह पर्व मना रहे हैं. शिव मंदिर के महंत वेदनाथ महाराज ने बताया कि यह पर्व शांति-सद्भावना को समर्पित किया गया है ताकि प्रदेश और देश में अमन-शांति बनी रहे. बता दें कि सावन माह के चतुर्दशी तिथि का प्रारम्भ 6 अगस्त दिन शुक्रवार को शाम 06 बजकर 28 मिनट पर हो रहा है. इसका समापन अगले दिन 7 अगस्त दिन शनिवार को शाम 07 बजकर 11 मिनट पर होगा. शिवरात्रि में रात्रि पूजा का महत्व होता है. इसलिए सावन माह की शिवरात्रि 06 अगस्त को मनाई जाएगी. इसवर्ष शिवरात्रि को निशिता काल पूजा का समय रात्रि 12 बजकर 06 मिनट से रात्रि 12 बजकर 48 मिनट तक लगभग 43 मिनट तक रहेगा. इसके अतिरिक्त रात्रि प्रहर में और भी मुहूर्त हैं, जो इस प्रकार है.

पढ़ेंः सावन का पहला प्रदोष व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

भिवानी: जिला भिवानी जिसे छोटी काशी भी कहा जाता है, वहां शिवरात्रि का पर्व श्रद्धा एवं उल्लास के साथ ( Bhiwani Devotees Are Celebrating Shivratri) मनाया जा रहा है. शिवभक्तों की तरफ से शिव का जलाभिषेक किया गया. भक्तों की मान्यता है कि शिव उनकी मुरादें पूरी करते हैं. उन्होंने देश में अमन और शांति की कामना की है. इस मौके पर ध्वजा यात्रा के माध्यम श्रद्धालुओं गंगाजल चढ़ाया, तो कहीं किसी ने व्रत धारण कर गंगाजल, बेलपत्र व दुग्ध से भगवान शिव का जलाभिषेक किया. शिव भक्तों ने नाच-गाकर भोले के छोटे बड़े विभिन्न मन्दिरों में जलाभिषेक किया और मन्नतें मांगी.

आज शिवरात्रि के पर्व पर सुबह से मदिरों में शिवभक्तों की भारी भीड़ देखी गई. श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर मौसमी सब्जी, फल, धतूरा, दुग्ध और गंगाजल चढ़ाकर भगवान से सुख-समृद्धि के लिए कामना की. मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं का मानना है कि भगवान शिव की आराधना से हर प्रकार का संकट दूर होता है. वही महंत वेदनाथ महाराज ने कहा कि भगवान शिव की आराधना आज शिव भक्तों के द्वारा की गई है. श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर गंगाजल, दूध और बेलपत्र आदि सामग्री से भगवान शिव की पूजा अर्चना की है. श्रद्धालुओं का कहना है कि सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की लम्बी-लम्बी लाइनें लगी हुई है.

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आज श्रद्धालु बम-बम भोले के जयकारें लगाते हुए शिव भक्तों ने श्रद्धा एवं उल्लास से यह पर्व मना रहे हैं. शिव मंदिर के महंत वेदनाथ महाराज ने बताया कि यह पर्व शांति-सद्भावना को समर्पित किया गया है ताकि प्रदेश और देश में अमन-शांति बनी रहे. बता दें कि सावन माह के चतुर्दशी तिथि का प्रारम्भ 6 अगस्त दिन शुक्रवार को शाम 06 बजकर 28 मिनट पर हो रहा है. इसका समापन अगले दिन 7 अगस्त दिन शनिवार को शाम 07 बजकर 11 मिनट पर होगा. शिवरात्रि में रात्रि पूजा का महत्व होता है. इसलिए सावन माह की शिवरात्रि 06 अगस्त को मनाई जाएगी. इसवर्ष शिवरात्रि को निशिता काल पूजा का समय रात्रि 12 बजकर 06 मिनट से रात्रि 12 बजकर 48 मिनट तक लगभग 43 मिनट तक रहेगा. इसके अतिरिक्त रात्रि प्रहर में और भी मुहूर्त हैं, जो इस प्रकार है.

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