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हरियाणा शिक्षा बोर्ड और प्राइवेट स्कूल आमने-सामने, 3 मार्च से होनी है बोर्ड परीक्षा

हर साल की तरह एक बार फिर इस बार भी हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की वार्षिक परीक्षा पर बोर्ड और प्राइवेट स्कूलों की तनातनी के चलते खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. प्राईवेट स्कूलों के परीक्षा केंद्र दूसरे गांवों में बनाने से नाराज प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने बोर्ड प्रशासन से बैठक में कहासुनी तक की.

Haryana Education Board
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Published : Feb 20, 2020, 9:42 AM IST

भिवानी: 3 मार्च से हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षाएं होने जा रही हैं. इन परीक्षाओं में प्रदेशभर के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के 8-9 लाख बच्चे परीक्षाएं देंगें. परीक्षा केंद्रों को लेकर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन और शिक्षा बोर्ड प्रशासन में खींचतान हो गई है.

प्राइवेट स्कूल एसोशिएशन और बोर्ड प्रशासन में खींचतान

प्राइवेट स्कूल एसोशिएशन का आरोप है कि शिक्षा बोर्ड ने भेदभाव करते हुए सरकारी स्कूलों के बच्चों के परीक्षा केंद्र ना केवल उसी गांव में बल्कि उन्हीं के स्कूलों में बनाए हैं और प्राइवेट स्कूलों के परीक्षा केंद्र दूसरे गांवों में बनाए हैं. इसको लेकर एसोसिएशन के पदाधिकारी शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन और सचिव से मिलने पहुंचे. इस दौरान एसोसिएशन पदाधिकारियों और बोर्ड चेयरमैन के बीच खूब खींचतान हुई और बोर्ड चेयरमैन बीच में ही उठ कर चल दिए.

हरियाणा शिक्षा बोर्ड और प्राइवेट स्कूल आमने-सामने, देखें वीडियो

हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव रामअवतार शर्मा ने आरोप लगाया कि शिक्षा बोर्ड प्राइवेट स्कूल और सरकारी स्कूल के बच्चों में भेदभाव कर रहा है. हमारे स्कूलों के बच्चे पाकिस्तान से नहीं आए जो उन्हे दूसरे गांवों के स्कूलों में पेपर देने के लिए मजबूर किया जा रहा हैं. 10वीं-12वीं कक्षा की बेटियां दूसरे गांवों में परीक्षा देने अकेली नहीं जा सकती.

प्राइवेट स्कूलों के साथ भेदभाव?

उनके अभिभावक काम करेंगे या अपनी बेटियों को परीक्षा दिलाने दिनभर बेटियों के साथ परीक्षा दिलाने के लिए जाएंगे. प्राइवेट स्कूलों के परीक्षा केंद्र दूसरे गांवों में बनाने के पीछे बोर्ड की बड़ी साजिश है जिसे जल्द सबके सामने लाया जाएगा. दो दिन में शिक्षा बोर्ड ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो हम प्राइवेट स्कूलों में परीक्षाएं नहीं होने देंगे और शिक्षा बोर्ड के विरोध में आंदोलन शुरु करेंगें.

वहीं शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह ने बताया कि बोर्ड ने सभी परीक्षा केंद्रों को नियमों के मुताबिक बनाया है. जो स्कूल या पंचायत अपने यहां परीक्षा केंद्र बनवाना चाहता है, उसके नियम हैं. उसके मुताबिक किसी प्राइवेट स्कूल ने आवेदन नहीं किया. साथ ही चेयरमैन ने कहा कि अभी किसी को पता नहीं कि किसके परीक्षा कंद्र कहां हैं? ये सब कंप्यूटर द्वारा अलॉट किए जाएंगे.

ड्यूटी न देने पर लगेगा 5 हजार का जुर्माना

साथ ही उन्होंने कहा कि एसो. की मांग पर विचार किया जाएगा. साथ ही एसो. द्वारा खिंचतान किए जाने पर चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह ने सख्ती दिखाई है और कहा कि पिछली बार प्राइवेट स्कूल के स्टाफ द्वारा ड्यूटी ना देने पर माफी दे दी थी, लेकिन इस बार ड्यूटी ना देने वाले स्टाफ के स्कूल पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा.

ये भी पढ़ें-पंजाब वैन हादसे से टूटी चंडीगढ़ प्रशासन की नींद, स्कूल वाहनों के लिए चलाया चैकिंग अभियान

अब देखना होगा कि एसो. और बोर्ड प्रशासन की खिंचतान का कब और कैसे समाधान होता है? पर इतना जरूर है कि ये खिंचतान लंबी चली तो कहीं ना कहीं खामयाजा निजी स्कूलों और उनके बच्चों को उठाना पड़ेगा. इसका एक उदाहरण खिंचतान के तुरंत बाद प्राइवेट स्कूलों को चेयरमैन ने पांच हजार रुपये जर्माना लगाने की बात कह कर दे दिया है.

भिवानी: 3 मार्च से हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षाएं होने जा रही हैं. इन परीक्षाओं में प्रदेशभर के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के 8-9 लाख बच्चे परीक्षाएं देंगें. परीक्षा केंद्रों को लेकर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन और शिक्षा बोर्ड प्रशासन में खींचतान हो गई है.

प्राइवेट स्कूल एसोशिएशन और बोर्ड प्रशासन में खींचतान

प्राइवेट स्कूल एसोशिएशन का आरोप है कि शिक्षा बोर्ड ने भेदभाव करते हुए सरकारी स्कूलों के बच्चों के परीक्षा केंद्र ना केवल उसी गांव में बल्कि उन्हीं के स्कूलों में बनाए हैं और प्राइवेट स्कूलों के परीक्षा केंद्र दूसरे गांवों में बनाए हैं. इसको लेकर एसोसिएशन के पदाधिकारी शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन और सचिव से मिलने पहुंचे. इस दौरान एसोसिएशन पदाधिकारियों और बोर्ड चेयरमैन के बीच खूब खींचतान हुई और बोर्ड चेयरमैन बीच में ही उठ कर चल दिए.

हरियाणा शिक्षा बोर्ड और प्राइवेट स्कूल आमने-सामने, देखें वीडियो

हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव रामअवतार शर्मा ने आरोप लगाया कि शिक्षा बोर्ड प्राइवेट स्कूल और सरकारी स्कूल के बच्चों में भेदभाव कर रहा है. हमारे स्कूलों के बच्चे पाकिस्तान से नहीं आए जो उन्हे दूसरे गांवों के स्कूलों में पेपर देने के लिए मजबूर किया जा रहा हैं. 10वीं-12वीं कक्षा की बेटियां दूसरे गांवों में परीक्षा देने अकेली नहीं जा सकती.

प्राइवेट स्कूलों के साथ भेदभाव?

उनके अभिभावक काम करेंगे या अपनी बेटियों को परीक्षा दिलाने दिनभर बेटियों के साथ परीक्षा दिलाने के लिए जाएंगे. प्राइवेट स्कूलों के परीक्षा केंद्र दूसरे गांवों में बनाने के पीछे बोर्ड की बड़ी साजिश है जिसे जल्द सबके सामने लाया जाएगा. दो दिन में शिक्षा बोर्ड ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो हम प्राइवेट स्कूलों में परीक्षाएं नहीं होने देंगे और शिक्षा बोर्ड के विरोध में आंदोलन शुरु करेंगें.

वहीं शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह ने बताया कि बोर्ड ने सभी परीक्षा केंद्रों को नियमों के मुताबिक बनाया है. जो स्कूल या पंचायत अपने यहां परीक्षा केंद्र बनवाना चाहता है, उसके नियम हैं. उसके मुताबिक किसी प्राइवेट स्कूल ने आवेदन नहीं किया. साथ ही चेयरमैन ने कहा कि अभी किसी को पता नहीं कि किसके परीक्षा कंद्र कहां हैं? ये सब कंप्यूटर द्वारा अलॉट किए जाएंगे.

ड्यूटी न देने पर लगेगा 5 हजार का जुर्माना

साथ ही उन्होंने कहा कि एसो. की मांग पर विचार किया जाएगा. साथ ही एसो. द्वारा खिंचतान किए जाने पर चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह ने सख्ती दिखाई है और कहा कि पिछली बार प्राइवेट स्कूल के स्टाफ द्वारा ड्यूटी ना देने पर माफी दे दी थी, लेकिन इस बार ड्यूटी ना देने वाले स्टाफ के स्कूल पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा.

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अब देखना होगा कि एसो. और बोर्ड प्रशासन की खिंचतान का कब और कैसे समाधान होता है? पर इतना जरूर है कि ये खिंचतान लंबी चली तो कहीं ना कहीं खामयाजा निजी स्कूलों और उनके बच्चों को उठाना पड़ेगा. इसका एक उदाहरण खिंचतान के तुरंत बाद प्राइवेट स्कूलों को चेयरमैन ने पांच हजार रुपये जर्माना लगाने की बात कह कर दे दिया है.

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