भिवानी: जिले में बाल दिवस बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया. इस अवसर पर कहीं पर विद्यार्थियों ने स्कूल-पार्कों में मौज-मस्ती और खेल खेले, तो कहीं पर नन्हें बच्चों ने रोड़ सेफ्टी नियमों के बारे में वाहन चालकों को जागरूक किया. नन्हें बच्चों ने अपने हाथों में गुलाब और स्लोग्न पट्टी लेकर उन वाहन चालकों को जागरूक किया, जो हैल्मेट और सीट बेल्ट का प्रयोग नहीं कर रहे थे.
बच्चों ने गुलाब देकर किया वाहन चालकों को जागरूक
अध्यापिका तेजस्विनी और रीतू ने बताया कि आज बाल दिवस के उपलक्ष्य पर विद्यार्थियों ने मौज-मस्ती के साथ सड़क सुरक्षा का भी संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों ने अपने हाथों में गुलाब और रोड सेफ्टी स्लोग्न लेकर चालकों को जागरूक किया है कि वो हेल्मेट और सीट बेल्ट का प्रयोग करें.
वहीं बाल दिवस पर बच्चों ने कहा कि उन्होंने आज बाल दिवस पर खूब मौज-मस्ती की है और पार्कों का भ्रमण किया है. बच्चों ने कहा कि उन्होंने यातायात के नियमों के बारे में भी वाहन चालकों को जागरूक किया है कि अंकल हेल्मेट आपके जीवन के लिए बहुत जरूरी है.
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14 नवंबर को क्यों मनाया जाता है बाल दिवस
यूएन ने 20 नवंबर 1954 को बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी और भारत में पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन से पहले 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता था. 27 मई 1964 को पंडित जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद बच्चों के प्रति उनके प्यार को देखते हुए सर्वसम्मति से ये फैसला हुआ कि अब से हर साल 14 नवंबर को चाचा नेहरू के जन्मदिवस पर बाल दिवस मनाया जाएगा. जिसके बाद से ही हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाने लगा.