भिवानी: अब हरियाणा में बाल विवाह में संलिप्त होना आपको जेल की सलाखों के पीछे भेज सकता है. ऐसे में किसी भी विवाह समारोह में शामिल होने से पहले यह जांच लें कि जिस समारोह में आप शामिल हो रहे हैं, उसमें वर-वधु दोनों बालिग हैं. यदि दुल्हा व दुल्हन में से कोई भी नाबालिग है तो उसकी सूचना तुरंत महिला एवं बाल विकास विभाग, बाल संरक्षण अधिकारी या जिला प्रशासन को दें.
22 अप्रैल को अक्षय तृतीया यानी अखा तीज है, इस अबूझ मुहूर्त पर होने वाली शादियों पर जिला प्रशासन की भी पैनी नजर है. इस दिन बाल विवाह होने की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्क है. बाल विवाह निषेध अधिनियम-2006 के तहत बाल विवाह करना कानून अपराध है. बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक व लड़के की उम्र 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए.
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यदि लड़की या लड़के की शादी निर्धारित उम्र से पहले की जाती है तो यह बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत कानूनी अपराध माना जाता है और एक्ट के तहत बाल विवाह में शामिल होने वाले सभी लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाती है. इसके अनुसार दो साल की सजा व एक लाख रूपये जुर्माना का भी प्रावधान है. जिला प्रशासन ने अक्षय तृतीया यानी आखा तीज के अवसर पर आयोजित होने वाले विवाह समारोहों के दौरान बाल विवाह की रोकथाम के लिये विशेषकर पुजारियों से अपील करते हुए कहा है कि वे किसी बाल विवाह का आयोजन ना होने दें.
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उनके द्वारा संपन्न करवाए जाने वाले विवाह में दुल्हा व दुल्हन की आयु का प्रमाण पत्र जरूर देखें. संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी बबीता चौधरी ने आम जन से बाल विवाह की सूचना देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 112 व 100, चाइल्ड हेल्पलाइन 1096 और महिला हेल्पलाइन 1091 पर बाल विवाह की सूचना दी जा सकती है. इसके साथ ही मोबाइल नंबर 9729011062 पर भी सूचना दी जा सकती है.