भिवानी: मिनी क्यूबा कहे जाने वाले भिवानी में ऐसे बहुत से खिलाड़ी हैं, जो अपने गुरुओं की प्रेरणा से ना केवल देश, बल्कि पूरी दुनिया में अपने मुक्के के दम पर नाम कमा रहे हैं. इनमें एक हैं मनीष कोशिक. मनीष ने 2008 में बॉक्सिंग शुरू की और देखते ही देखते अपने कोच के सपने को ऐसे पंख लगाए की अब मंजिल केवल एक कदम दूर है.
बताते हैं कि मनीष का पढ़ाई में मन कम लगता था. एक बार वो बॉक्सिंग कोच मनजीत के संपर्क में आए. मनजीत ने मनीष को शुरू में ही बताया था कि वो कड़ी मेहनत करेगा तो एक दिन ओलंपिक में पदक ला सकता है. गुरु की प्रेरणा और मनीष की कड़ी मेहनत के चलते अब मनीष को 30 अगस्त को अर्जुन अवॉर्ड मिला है और मार्च महीने में मनीष टोकियो ओलंपिक के लिए टिकट हासिल कर चुका है.
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मनीष कहते हैं कि उनके कोच मनजीत ने कड़ी मेहनत करवाई, जिसके बाद आगे बढ़ता रहा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीते और मार्च में ओलंपिक कोटा हासिल हुआ. मनीष कौशिक ने बताया कि हाल ही में अर्जुन अवॉर्ड भी मिला है, जो उनके कोच की बदौलत है.
मनीष के कोच मनजीत का कहना है कि गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है. हम किसी भी फिल्ड में हों, हमारा गुरु के बिना आगे बढ़ना काफी मुश्किल है. अगर गुरु के बताए रास्ते पर चलेंगे तो मंजिल जरूर मिलेगी. मनजीत का कहना है कि मनीष ने उनकी हर बात और दांव को अच्छे से समझा और कामयाबी हासिल की. मनजीत ने उम्मीद जताई है कि मनीष ओलंपिक में पहली बार में ही मेडल लेकर देश का नाम रोशन करेगा.