भिवानी: बिचला बाजार स्थित माता राम दुलारी मंदिर में नेत्रहीन विद्यार्थियों ने सुंदरकांड का पाठ किया. इस दौरान वहां सुंदरकांड पाठ को सुन रहे श्रद्धालूओं ने नेत्रहीन विद्यार्थियों की खूब प्रशंसा की.
ब्रेल लिपि का उपयोग कर नेत्रहीन विद्यार्थियों ने किया पाठ
इन नेत्रहीन विद्यार्थियों ने ब्रेल लिपि पुस्तिका में गढ़े हुए अक्षरों को अपनी उंगलियों से स्पर्श कर पाठ को पढ़ा. इस दौरान कुछ विद्यार्थियों ने हारमोनियम, ढोलक, झाल इत्यादी बजाकर सुंदरकांड पाठ सुन रहे लोगों को भाव विभोर होने पर मजबूर कर दिया. आश्चर्य की बात तो यह रही कि नेत्रहीन होते हुए भी सभी विद्यार्थी एक ही तर्ज में सुंदरकांड पाठ कर रहे थे और मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं को विभोर कर रहे थे.
इस संबंध में दृष्टि बाधित दिव्यांग सशक्ति संस्था के डायरेक्टर लालचंद यादव ने बताया कि आज भिवानी के बिचला बाजार में स्थित माता रामदुलारी मंदिर में दिव्यांग विद्यार्थियों द्वारा सुंदरकांड पाठ का गुणगान किया गया है. उन्होंने बताया कि यह विद्यार्थी अपनी ब्रेल लिपि का प्रयोग करके पाठ का गुणगान कर रहे हैं. अपने बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद भी ब्रेल लिपि से स्नातक की हुई है और सभी विद्यार्थियों को स्कूल में ब्रेन लिपि पढ़ाई जाती है. लालचंद यादव ने कहा किअब भिवानी में भी नेत्रहीन बच्चों के लिए स्कूल खोला गया है जिसमे भिवानी के लोगों को सहयोग मिल रहा है.
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'बाकी लोगों के लिए सीख है इन बच्चों का पाठ'
कार्यक्रम के आयोजनकर्ता राम अवतार ने बताया कि माता राम दुलारी मंदिर में सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया. इस पाठ का आयोजन नेत्रहीन विद्यार्थियों के एक समूह द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से नेत्रहीन विद्यार्थी बड़ी सुंदरता के साथ सुंदरकांड पाठ का गुणगान कर रहे हैं वह दूसरे लोगों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत हैं. उन्होंने कहा कि ये विद्यार्थी देख नहीं सकते उसके बावजूद भी इतना अच्छी बात है वह मधुर वाणी में लोगों को सुना रहे हैं.