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Bhiwani News: महिला आरक्षण बिल का महिलाओं ने किया स्वागत, बिल पास होने से मिलेगा समानता का अधिकार

Bhiwani News लोकसभा ने महिला आरक्षण विधेयक नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित कर दिया गया. महिला आरक्षण विधेयक का महिलाओं ने स्वागत किया है. इस बिल को लेकर भिवानी की महिलाओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. महिलाओं का कहना है कि इस बिल से समानता का अधिकार मिलेगा. (Mahila Aarakshan Bill Womens Reservation Bill 2023)

Womens Reaction on Womens Reservation Bill
महिला आरक्षण बिल का महिलाओं ने किया स्वागत
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 21, 2023, 1:06 PM IST

महिला आरक्षण बिल का महिलाओं की प्रतिक्रिया.

भिवानी: भारत के नए संसद भवन में प्रवेश के साथ ही संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन महिला आरक्षण बिल पेश किया गया. इसमें लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है. इस बिल को महिला सशक्तिरण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. इससे राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा साथ ही सक्रिय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ेगी. इसको लेकर भिवानी की महिलाओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए इस बिल को महिलाओं के लिए समानता और सशक्तिरण का प्रतीक बताया है.

महिला आरक्षण बिल: भिवानी राजीव गांधी महिला महाविद्यालय की असिस्टेंट प्रो. अनिता शर्मा, डॉ. सुनीता, डॉ. रेखा शर्मा ने बताया कि महिला आरक्षण विधेयक बिल लागू होने से देश में महिलाओं को राजनीति के क्षेत्र में पुरुषों के समान दर्जा मिलेगा. उन्होंने कहा कि इस बिल से महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर सक्रिय राजनीति में भाग ले सकेंगी. उन्होंने कहा कि देश की आबादी का 50 प्रतिशत महिलाएं हैं. ऐसे में महिलाओं की सदन में बड़ी उपस्थिति होने से देश की राजनीति नई दिशा लेगी. इससे लोकसभा में अनुशासन बढ़ने के साथ स्वच्छ राजनीति होगी.

'नए संसद भवन में महिलाओं के हित में ऐतिहासिक फैसला': उन्होंने कहा कि नए संसद भवन बनने के साथ ही महिला आरक्षण विधेयक महिलाओं के लिए किसी तोहफे से कम नहीं होगा. उन्होंने कहा कि महिलाएं विज्ञान, शिक्षा, उद्योग और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में जिस प्रकार से अपना नाम कमा चुकी हैं, अब आने वाले दिनों में भारतीय राजनीति में भी वे स्व. सुषमा स्वराज, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तर्ज पर देश की महिलाएं सक्रिय राजनीति में नजर आएंगी. इसके साथ ही अब महिलाओं को देश के विकास और देश के लिए नीतियों को बनाने का अवसर मिलेगा.

ये भी पढ़ें: Womens Reservation Bill : महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पास, समर्थन में 454 और विरोध में AIMIM के ओवैसी समेत दो ने मत डाला

महिला आरक्षण बिल को लेकर क्या है महिला अधिवकताओं की प्रतिक्रिया: भिवानी के लघु सचिवालय में अधिवक्ता मलिका श्योराण, सोनाली और ज्योति भारद्वाज ने बताया कि महिला आरक्षण विधेयक ने संविधान के 128वें संशोधन के तहत महिलाओं को लंबे समय से लोकसभा और राज्यसभा में आरक्षण दिए जाने के प्रयास किए जा रहे थे. अब नए संसद भवन बनने के बाद ही इन प्रयासों को विधेयक पेश कर लागू करने का कार्य किया जा रहा है.

'महिला आरक्षण बिल से महिलाओं को मिलेगा समानता का अधिकार': महिला आरक्षण बिल से महिलाओं में खुशी की लहर है और वे पुरुषों के समक्ष कंधे से कंधा मिलाकर देश की राजनीति में कदम रखने में सक्षम हो पाएंगी. उन्होंने बताया कि महिलाएं जिस प्रकार से घर के कार्यों को पारंगत तरीके से करती हैं, वैसे ही देश को चलाने के लिए लोकसभा और विधानसभा में भी अपनी भूमिका निभाएंगी. उन्होंने कहा कि महिलाएं अच्छी प्रशासक होती हैं. ऐसे में महिलाओं को महिला आरक्षण विधेयक के तहत 33 फीसदी आरक्षण मिलने से समानता का अवसर मिलेगा.

ये भी पढ़ें: Women Reservation : महिला आरक्षण कब से होगा लागू, जानें

महिला आरक्षण बिल का महिलाओं की प्रतिक्रिया.

भिवानी: भारत के नए संसद भवन में प्रवेश के साथ ही संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन महिला आरक्षण बिल पेश किया गया. इसमें लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है. इस बिल को महिला सशक्तिरण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. इससे राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा साथ ही सक्रिय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ेगी. इसको लेकर भिवानी की महिलाओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए इस बिल को महिलाओं के लिए समानता और सशक्तिरण का प्रतीक बताया है.

महिला आरक्षण बिल: भिवानी राजीव गांधी महिला महाविद्यालय की असिस्टेंट प्रो. अनिता शर्मा, डॉ. सुनीता, डॉ. रेखा शर्मा ने बताया कि महिला आरक्षण विधेयक बिल लागू होने से देश में महिलाओं को राजनीति के क्षेत्र में पुरुषों के समान दर्जा मिलेगा. उन्होंने कहा कि इस बिल से महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर सक्रिय राजनीति में भाग ले सकेंगी. उन्होंने कहा कि देश की आबादी का 50 प्रतिशत महिलाएं हैं. ऐसे में महिलाओं की सदन में बड़ी उपस्थिति होने से देश की राजनीति नई दिशा लेगी. इससे लोकसभा में अनुशासन बढ़ने के साथ स्वच्छ राजनीति होगी.

'नए संसद भवन में महिलाओं के हित में ऐतिहासिक फैसला': उन्होंने कहा कि नए संसद भवन बनने के साथ ही महिला आरक्षण विधेयक महिलाओं के लिए किसी तोहफे से कम नहीं होगा. उन्होंने कहा कि महिलाएं विज्ञान, शिक्षा, उद्योग और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में जिस प्रकार से अपना नाम कमा चुकी हैं, अब आने वाले दिनों में भारतीय राजनीति में भी वे स्व. सुषमा स्वराज, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तर्ज पर देश की महिलाएं सक्रिय राजनीति में नजर आएंगी. इसके साथ ही अब महिलाओं को देश के विकास और देश के लिए नीतियों को बनाने का अवसर मिलेगा.

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महिला आरक्षण बिल को लेकर क्या है महिला अधिवकताओं की प्रतिक्रिया: भिवानी के लघु सचिवालय में अधिवक्ता मलिका श्योराण, सोनाली और ज्योति भारद्वाज ने बताया कि महिला आरक्षण विधेयक ने संविधान के 128वें संशोधन के तहत महिलाओं को लंबे समय से लोकसभा और राज्यसभा में आरक्षण दिए जाने के प्रयास किए जा रहे थे. अब नए संसद भवन बनने के बाद ही इन प्रयासों को विधेयक पेश कर लागू करने का कार्य किया जा रहा है.

'महिला आरक्षण बिल से महिलाओं को मिलेगा समानता का अधिकार': महिला आरक्षण बिल से महिलाओं में खुशी की लहर है और वे पुरुषों के समक्ष कंधे से कंधा मिलाकर देश की राजनीति में कदम रखने में सक्षम हो पाएंगी. उन्होंने बताया कि महिलाएं जिस प्रकार से घर के कार्यों को पारंगत तरीके से करती हैं, वैसे ही देश को चलाने के लिए लोकसभा और विधानसभा में भी अपनी भूमिका निभाएंगी. उन्होंने कहा कि महिलाएं अच्छी प्रशासक होती हैं. ऐसे में महिलाओं को महिला आरक्षण विधेयक के तहत 33 फीसदी आरक्षण मिलने से समानता का अवसर मिलेगा.

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