भिवानी: अब लोहारू के रेतीले क्षेत्र के किसान पौधे पर नहीं बेल पर टमाटर व खीरे की पैदावार लेंगे. जिनकी पौध गांव गिगनाऊ में स्थापित किए गए अर्द्ध शुष्कीय इंडो-इजराइल बागवानी उत्कृष्ट केंद्र में तैयार की जा रही हैं. इस केंद्र में नवीनतम तकनीक पर आधारित 16-17 स्ट्रेक्चर बनाए गए हैं, जहां पर कड़ाके की सर्दी और लू के प्रकोप का भी पौधों पर असर नहीं होगा. यहां पर 35 से 40 लाख पौध एक साथ तैयार होंगी. यहां जर्मनी की तकनीक पर आधारित एक ऐसा स्ट्रेक्चर भी है, जो पौधे को हवा-पानी की जरूरत होने के अनुरूप अपने आप खुल जाएगी. यह उत्कृष्ट केंद्र न केवल लोहारू क्षेत्र बल्कि पूरे दक्षिण हरियाणा के किसानों के लिए वरदान साबित होगा, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी.
भिवानी के गांव गिगनाऊ में प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल द्वारा अर्द्ध शुष्क बागवानी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करवाया गया है, जिसका उद्घाटन हाल ही में 22 जनवरी को कृषि मंत्री जेपी दलाल व भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन व मध्यप्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल द्वारा किया गया था. करीब 50 एकड़ में बनाए गए इस उत्कृष्टता केंद्र पर 12 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आई है.
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इस हाइटेक ग्रीन हाउस में सब्जियों की 30 से 40 लाख तक पौध तैयार की जा रही है. यहां पर 20 एकड़ में खजूर, अनार, अमरूद, बादाम, नाशपाती, नींबू वर्गीय फल, बेर, अनार, ड्रैगन फ्रूट एवं रेड ब्लड माल्टा के पौधों को रोपण किया जा रहा है. केंद्र में फल व सब्जियों में सिंचाई का प्रबंध सूक्ष्म सिंचाई पद्धति द्वारा किया गया है. इसके लिए 62 लाख लीटर के दो टैंक बनवाए गए हैं.
पूरे केंद्र में सूक्ष्म सिंचाई की जाती है. इस बारे में बागवानी विभाग के उप निदेशक डॉ. आत्मप्रकाश ने बताया कि यह अनूठा उत्कृष्ठ केंद्र है, जो यहां के किसानों के लिए सौगात है. यहां के किसानों को बागवानी फसलों की खेती के लिए बहुत कुछ सीखने को मिलेगा, जिससे वे नवीनत्तम तकनीक पर आधारित खेती कर सकेंगे. यहां पर बागवानी विभाग के विशेषज्ञ तैनात किए जाएंगे, जो किसानों को नवीनत्तम जानकारी देंगे. इजराइल के बागवानी से संबंधित वैज्ञानिक भी यहां पर जानकारी देंगे.
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हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने गिगनाऊ में बनाए जा रहे बागवानी के एक्सीलेंस सेंटर के बारे में कहा कि यह किसानों की समृद्धि में मील का पत्थर साबित होगा. प्रदेश में बागवानी के बजट को कई गुणा बढ़ाया गया है. अब वो दिन दूर नहीं, जब हरियाणा के किसानों के उत्पाद अमेरिका व दूसरे देशों में भेजे जाएंगे.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक 17 लाख एकड़ बागवानी का क्षेत्र बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. किसानों को जोखिम फ्री करने के लिए भावांतर भरपाई योजना लागू की गई है. मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना लागू की गई हैं, जिसमें सभी सब्जियां व बाग कवर किए गए हैं. सूक्ष्म सिंचाई योजना पर 85 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है.