ETV Bharat / state

भिवानी: अगर आप सरसों पर जलेबिया रोग लगने से परेशान हैं तो यहां जान लें उपाय

भिवानी में सरसों के किसान इन दिनों खासा परेशान हैं. कभी कड़ाके की सर्दी तो कभी हल्की गर्मी के कारण उनके सरसों के फसल पर जलेबिया रोग गया है.

bhiwani farmers in trouble Jalebia disease on mustard crop
bhiwani farmers in trouble Jalebia disease on mustard crop
author img

By

Published : Feb 5, 2020, 4:09 PM IST

भिवानी: कड़ाके की सर्दी के बाद मौसम में आए बदलाव से सरसो की फसल में जलेबिया रोग आ गया है. सरसो की फसल पर लगे ये जलेबिया रोग से किसान चिंतित है. हालात ये बने है कि इस बीमारी की चपेट में सरसों का आधा पौधा आ गया है. इन फसलों के ठूंठ पर न तो कोई फूल है और न ही कोई फली बनी है बल्कि वह टहनी मुड़कर जलेबी की तरह हो गई है. उस टहनी पर सफेद रंग का पाऊडर सा भी बिखरा हुआ है.

जलेबिया रोग से सरसों के किसान परेशान

आपको बता दें कि फसल पर इस रोग से किसान के चेहरे मुरझा गए है. उनकी फसल पर जलेबिया रोग लग गया है. इस रोग से फसल तबाह होने जैसे हालात में पहुंच गई है. गांव पलुवास के किसानों का कहना है कि फसल तबाह होने की कगार पर है. उन्होंने बताया कि अगर स्प्रे या दवाई हो तो फसल खराब होने से बच सकता है. एक एकड़ पर 10 हज़ार रुपए की लागत आई थी, लेकिन अब अब इस मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है.

सरसों पर जलेबिया रोग लगने से किसान परेशान, देखें वीडियो

सरकार से लगाई दरख्वास्त

किसानों का कहना है कि उन्होंने अपने खून पसीने की कमाई से फसल को लगाया था. लगाई गई फसल अच्छी भी थी, लेकिन अचानक अब मौसम के मार से ये इन फसलों पर बीमारी लग गई है. जिससे उनकी फसल तबाह हो रही है. किसानों ने सरकार से दरखास्त लगाई है कि सरकार कृषि विभाग के अधिकारियों को आदेश दे कर उन लोगो के लिए स्पेशल कैम्प लगवाएं, जिससे उन्हें बीमारी के बारे में सारी जानकारी मिल सके.

कृषि वैज्ञानिकों ने कही ये बात

कृषि वैज्ञानिको का कहना है, ये बीमारी तीसरी स्टेज पर आते ही फसल के बचने की संभावनाएं कम हो जाती है. कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. वेद प्रकाश का कहना है कि इस बीमारी के तीसरी स्टेज पर इलाज होना मुश्किल होता है. उन्होंने बताया की जो फ़सल लेट बिजाई वाली है उसमें इस बीमारी के ज्यादा चांस होते है.

ये है उपाय

कृषि अधिकारियों के अनुसार ये रोग सरसों की फसल की बिजाई के समय ही आ गया था, लेकिन सर्दी शुरू होते ही यह रोग आगे नहीं बढ़ा और पत्तों के निचले हिस्सों पर सफेदी के रूप में मौजूद रहा. कृषि अधिकारियों के अनुसार अगर किसान उसी वक्त इस बीमारी की रोकथाम के लिए कीटनाशक दवा या पाऊडर का छिड़काव कर देते तो यह बीमारी उसी वक्त खत्म हो जाती. उन्होंने बताया कि इस फसल के इलाज के लिए दवाई का छिड़काव करना चाहिए.

ऐसे फैलता है ये जलेबिया रोग

चूंकि अब दिन में सर्दी कम होने की वजह से और सुबह-शाम के वक्त धुंध होने के कारण इस रोग में बढ़ोतरी होती है. अब जैसे ही मौसम में ओर गरमाहट आएगी तो यह रोग लगातार बढ़ेगा.

भिवानी: कड़ाके की सर्दी के बाद मौसम में आए बदलाव से सरसो की फसल में जलेबिया रोग आ गया है. सरसो की फसल पर लगे ये जलेबिया रोग से किसान चिंतित है. हालात ये बने है कि इस बीमारी की चपेट में सरसों का आधा पौधा आ गया है. इन फसलों के ठूंठ पर न तो कोई फूल है और न ही कोई फली बनी है बल्कि वह टहनी मुड़कर जलेबी की तरह हो गई है. उस टहनी पर सफेद रंग का पाऊडर सा भी बिखरा हुआ है.

जलेबिया रोग से सरसों के किसान परेशान

आपको बता दें कि फसल पर इस रोग से किसान के चेहरे मुरझा गए है. उनकी फसल पर जलेबिया रोग लग गया है. इस रोग से फसल तबाह होने जैसे हालात में पहुंच गई है. गांव पलुवास के किसानों का कहना है कि फसल तबाह होने की कगार पर है. उन्होंने बताया कि अगर स्प्रे या दवाई हो तो फसल खराब होने से बच सकता है. एक एकड़ पर 10 हज़ार रुपए की लागत आई थी, लेकिन अब अब इस मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है.

सरसों पर जलेबिया रोग लगने से किसान परेशान, देखें वीडियो

सरकार से लगाई दरख्वास्त

किसानों का कहना है कि उन्होंने अपने खून पसीने की कमाई से फसल को लगाया था. लगाई गई फसल अच्छी भी थी, लेकिन अचानक अब मौसम के मार से ये इन फसलों पर बीमारी लग गई है. जिससे उनकी फसल तबाह हो रही है. किसानों ने सरकार से दरखास्त लगाई है कि सरकार कृषि विभाग के अधिकारियों को आदेश दे कर उन लोगो के लिए स्पेशल कैम्प लगवाएं, जिससे उन्हें बीमारी के बारे में सारी जानकारी मिल सके.

कृषि वैज्ञानिकों ने कही ये बात

कृषि वैज्ञानिको का कहना है, ये बीमारी तीसरी स्टेज पर आते ही फसल के बचने की संभावनाएं कम हो जाती है. कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. वेद प्रकाश का कहना है कि इस बीमारी के तीसरी स्टेज पर इलाज होना मुश्किल होता है. उन्होंने बताया की जो फ़सल लेट बिजाई वाली है उसमें इस बीमारी के ज्यादा चांस होते है.

ये है उपाय

कृषि अधिकारियों के अनुसार ये रोग सरसों की फसल की बिजाई के समय ही आ गया था, लेकिन सर्दी शुरू होते ही यह रोग आगे नहीं बढ़ा और पत्तों के निचले हिस्सों पर सफेदी के रूप में मौजूद रहा. कृषि अधिकारियों के अनुसार अगर किसान उसी वक्त इस बीमारी की रोकथाम के लिए कीटनाशक दवा या पाऊडर का छिड़काव कर देते तो यह बीमारी उसी वक्त खत्म हो जाती. उन्होंने बताया कि इस फसल के इलाज के लिए दवाई का छिड़काव करना चाहिए.

ऐसे फैलता है ये जलेबिया रोग

चूंकि अब दिन में सर्दी कम होने की वजह से और सुबह-शाम के वक्त धुंध होने के कारण इस रोग में बढ़ोतरी होती है. अब जैसे ही मौसम में ओर गरमाहट आएगी तो यह रोग लगातार बढ़ेगा.

Intro:सरसो पर लगा जलेबियां रोग, किसान परेशान

भिवानी में किसान इन दिनों परेशान है। उनकी फसल पर जलेबियां रोग लग गया है। इस रोग से फसल तबाह होने जैसे स्थिति में पहुंच जाती है। कृषि वैज्ञानिको का कहना है अब यह तीसरी स्टेज का रोग है इसमें रोग ठीक होने की संभावना कम होती है।

Body:वी ओ 1 गांव पलुवास के किसानों का कहना है कि फसल तबाह होने की कगार पर है। उंन्होने बताया कि एक एकड़ पर 10 हज़ार रुपए की लागत आई थी लेकिन अब यह समाप्त होती जा रही है।
बाइट - किसान

वी ओ 2 कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ वेद प्रकाश का कहना है कि इस बीमारी के तीसरी स्टेज पर इलाज होना मुश्किल होता है। उन्होंने बतया की जो फ़सल लेट बिजाई वाली है उसमें इस बीमारी के ज्यादा चांस होते है। उन्होंने बताया कि इस फसल के इलाज के लिए दवाई का छिड़काव करना चाहिए।
बाइट वेद प्रकाश
Conclusion:किसान अब चिंतित है। उनका कहना है कि उन्होंने अपने खून पसीने की कमाई को इस पर लगाया था। फसल अच्छी भी थी अचानक अब यह बीमारी आ गई जिस कारण उनकी फसल तबाह हो रही है। किसानों ने सरकार से दरखास्त लगाई है कि सरकार कृषि विभाग के अधिकारियों को आदेश दे कर उन लोगो के लिए स्पेशल कैम्प लगवाएं जिससे उन्हें बीमारी के बारे में सारी जानकारी मिल सके।

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.