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50 लाख के फ्रॉड होने पर पति ने किया सुसाइड, पत्नी ने लड़ा केस और दोषी को दिलाई सजा - अनिल कौशिक दोषी

पीड़िता के पति ने आरोपी को 50 लाख रुपये दिए थे, जिनके बदले आरोपी ने चेक दिए थे जो बाउंस हो गए थे. इससे आहत पीड़िता के पति ने आत्महत्या कर ली थी. भिवानी जेएमआईसी कोर्ट ने सभी सबूतों के आधार पर अनिल कौशिक को दोषी पाते हुए, दोषी को 80 लाख रुपये राहत के तौर पर देने और दो साल की सजा सुनाई है.

bhiwani court justice to a women in 50 lac fraud case
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Published : Nov 19, 2019, 10:11 PM IST

भिवानी: जेएमआईसी कोर्ट ने चार बेटियों की विधवा मां को न्याय दिलाते हुए एतिहासिक फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आरोपी को विधवा महिला को 80 लाख रूपये देने और दो साल की सजा सुनाई है. बता दें कि पीड़िता के पति ने आरोपी को 50 लाख रुपये दिए थे, जिनके बदले आरोपी ने चेक दिए थे जो बाउंस हो गए थे. इससे आहत पीड़िता के पति ने आत्महत्या कर ली थी.

'दोषी ने लिए थे ब्याज पर पैसे'
पूरा मामला साल 2015 का है. जब गांव धनाना निवासी अनिल शर्मा, जो बॉम्बे में ट्रांसपोर्ट का काम करता था. अनिल शर्मा ने 2 मार्च 2015 को बॉम्बे में अपना फ्लैट बेचा था. इसके बाद गांव बास निवासी अनिल कौशिक, जो फिलहाल भिवानी सेक्टर-23 में रहता है, उसने अनिल शर्मा से एक अप्रैल 2015 को 50 लाख रुपये तीन महीने के लिए ब्याज पर लिए.

कोर्ट के फैसले के बारे में पीड़िता के वकील ने दी जानकारी, देखिए वीडियो

'बाउंस चेक देकर ठगा'
जब पैसे लौटाने का समय आया तो आरोपी अनिल कौशिक ने अनिल शर्मा को नगद की बजाय 25-25 लाख रुपये के दो चेक 18 नवंबर 2015 दिए. पीड़ित अनिल शर्मा ने जब ये चेक बैंक में लगाए तो दोनों चैक बाउंस हो गए.

इसके बाद अनिल शर्मा ने 10 मार्च 2016 को जेएमआईसी कोर्ट के माध्यम से केस किया. इस मामले में अनिल शर्मा के वकील रमेश सांगवान ने बताया कि आरोपी अनिल कौशिक ने अनिल शर्मा के व्हॉट्स ऐप पर मेसैज भेजा कि उसने अपने दोनों चेक गुम होने की शिकायत थाने में दी है. अब तुम्हे कोर्ट से भी कुछ नहीं मिलेगा.

ये पढ़ें- सोहना में तीन युवकों ने की नाबालिग से रेप की कोशिश, बचाने आई मां और चाची को पीटा

'फ्रॉड से परेशान होकर अनिल ने की थी आत्महत्या'
सारी जिंदगी की कमाई डूबने के डर से परेशान होकर अनिल शर्मा ने 22 अप्रैल 2016 को फांसी का फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली. इसके बाद अनिल शर्मा की विधवा पत्नी ममता जो चार बेटियों की मां है, न्याय के लिए सभी सबूत जुटाए और कोर्ट में केस लड़ा.

'कोर्ट ने ठहराया दोषी, देने पड़े 80 लाख'
एडवोकेट रमेश सांगवान ने बताया कि जेएमआईसी कोर्ट ने सभी सबूतों के आधार पर अनिल कौशिक को दोषी पाते हुए पीड़ित ममता को 80 लाख रुपये राहत के तौर पर देने तथा दो साल की सजा सुनाई है.

भिवानी: जेएमआईसी कोर्ट ने चार बेटियों की विधवा मां को न्याय दिलाते हुए एतिहासिक फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आरोपी को विधवा महिला को 80 लाख रूपये देने और दो साल की सजा सुनाई है. बता दें कि पीड़िता के पति ने आरोपी को 50 लाख रुपये दिए थे, जिनके बदले आरोपी ने चेक दिए थे जो बाउंस हो गए थे. इससे आहत पीड़िता के पति ने आत्महत्या कर ली थी.

'दोषी ने लिए थे ब्याज पर पैसे'
पूरा मामला साल 2015 का है. जब गांव धनाना निवासी अनिल शर्मा, जो बॉम्बे में ट्रांसपोर्ट का काम करता था. अनिल शर्मा ने 2 मार्च 2015 को बॉम्बे में अपना फ्लैट बेचा था. इसके बाद गांव बास निवासी अनिल कौशिक, जो फिलहाल भिवानी सेक्टर-23 में रहता है, उसने अनिल शर्मा से एक अप्रैल 2015 को 50 लाख रुपये तीन महीने के लिए ब्याज पर लिए.

कोर्ट के फैसले के बारे में पीड़िता के वकील ने दी जानकारी, देखिए वीडियो

'बाउंस चेक देकर ठगा'
जब पैसे लौटाने का समय आया तो आरोपी अनिल कौशिक ने अनिल शर्मा को नगद की बजाय 25-25 लाख रुपये के दो चेक 18 नवंबर 2015 दिए. पीड़ित अनिल शर्मा ने जब ये चेक बैंक में लगाए तो दोनों चैक बाउंस हो गए.

इसके बाद अनिल शर्मा ने 10 मार्च 2016 को जेएमआईसी कोर्ट के माध्यम से केस किया. इस मामले में अनिल शर्मा के वकील रमेश सांगवान ने बताया कि आरोपी अनिल कौशिक ने अनिल शर्मा के व्हॉट्स ऐप पर मेसैज भेजा कि उसने अपने दोनों चेक गुम होने की शिकायत थाने में दी है. अब तुम्हे कोर्ट से भी कुछ नहीं मिलेगा.

ये पढ़ें- सोहना में तीन युवकों ने की नाबालिग से रेप की कोशिश, बचाने आई मां और चाची को पीटा

'फ्रॉड से परेशान होकर अनिल ने की थी आत्महत्या'
सारी जिंदगी की कमाई डूबने के डर से परेशान होकर अनिल शर्मा ने 22 अप्रैल 2016 को फांसी का फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली. इसके बाद अनिल शर्मा की विधवा पत्नी ममता जो चार बेटियों की मां है, न्याय के लिए सभी सबूत जुटाए और कोर्ट में केस लड़ा.

'कोर्ट ने ठहराया दोषी, देने पड़े 80 लाख'
एडवोकेट रमेश सांगवान ने बताया कि जेएमआईसी कोर्ट ने सभी सबूतों के आधार पर अनिल कौशिक को दोषी पाते हुए पीड़ित ममता को 80 लाख रुपये राहत के तौर पर देने तथा दो साल की सजा सुनाई है.

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश भिवानी
दिनांक 19 नवंबर।
चार बेटियों की विधवा मां को मिला न्याय
चार बेटियों की विधवा मां को जेएमआईसी कोर्ट ने दिया न्याय
ममता के पति अनिल शर्मा ने दिए थे बैंक ब्याज पर पैसे
बॉम्बे में मकान बेचकर अनिल कौशिक को दिए थे 50 लाख रुपये
पैसे की बजाय जो चेक दिए वो हुए बाउंस, फिर कोर्ट में किया केस
जीवन की सारी कमाई डूबने के डर से पीडि़त अनिल शर्मा ने किया था सुसाईड
इसके बाद अनिल की विधवा पत्नी ने लड़ा केस, तीन साल बाद हुई जीत
पीडि़त विधवा को आरोपी देगा 80 लाख रुपये, दो साल की सजा : कोर्ट
भिवानी जेएमआईसी कोर्ट ने चार बेटियों की विधवा मां को न्याय दिलाते हुए एतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी को विधवा महिला को 80 लाख रूपये देने तथा दो साल की सजा सुनाई है। बता दें कि पीडि़ता के पति ने आरोपी को 50 लाख रूपये दिए थे, जिनके बदले आरोपी ने चेक दिए थे जो बाउंस हो गए थे। इससे आहत पीडि़ता के पति ने आत्महत्या कर ली थी।
पूरा मामला साल 2015 का है। जब गांव धनाना निवासी अनिल शर्मा, जो बॉम्बे में ट्रांसपोर्ट का काम करता था। अनिल शर्मा ने 2 मार्च 2015 को बॉम्बे में अपना फ्लैट बेचा था। इसके बाद गांव बास निवासी अनिल कौशिक, जो फिलहाल भिवानी सेक्टर-23 में रहता है, ने अनिल शर्मा से एक अप्रैल 2015 को 50 लाख रूपये तीन महीने के लिए बैंक ब्याज पर लिए। जब पैसे लौटाने का समय आया तो आरोपी अनिल कौशिक ने अनिल शर्मा को नगद की बजाय 25-25 लाख रूपये के दो चेक 18 नवंबर 2015 दिए। पीडि़त अनिल शर्मा ने जब ये चेक बैंक में लगाए तो दोनों चैक बाउंस हो गए।
Body: इसके बाद अनिल शर्मा ने 10 मार्च 2016 को जेएमआईसी कोर्ट के माध्यम से केस किया। इस मामले में अनिल शर्मा के वकील रमेश सांगवान ने बताया कि आरोपी अनिल कौशिक ने अनिल शर्मा के वाट्सएप पर मेसैज भेजा कि उसने अपने दोनों चेक गुम होने की शिकायत थाने में दी है। अब तुम्हे कोर्ट से भी कुछ नहीं मिलेगा। अपने जीवन की सारी कमाई डूबने के डर से आहत होकर अनिल शर्मा ने 22 अप्रैल 2016 को फांसी का फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली। इसके बाद अनिल शर्मा की विधवा पत्नी ममता जो चार बेटियों की मां है, ने न्याय के लिए सभी सबुत जुटाए और कोर्ट में केस लड़ा।
Conclusion: एडवोकेट रमेश सांगवान ने बताया कि जेएमआईसी कोर्ट ने सभी सबुतों के आधार पर अनिल कौशिक को दोषी पाते हुए पीडि़त ममता को 80 लाख रूपये राहत के तौर पर देने तथा दो साल की सजा सुनाई है।
जब ममता के पति ने आत्महत्या की तो आरोपी अनिल कौशिक के हौसले बढ़ गए। उसे लगा कि अब उसे 50 लाख नहीं देने पङेंगें। पर कहते हैं भगवान के घर देर है, पर अंधेर नहीं। चार बेटियों की विधवा मां के लिए जेएमआईसी कोर्ट भगवान बनकर आई उसे न्याय दिलाया।
बाइट- रमेश सांगवान (पीङित ममता के वकील)।
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