भिवानी: हरियाणा के जिला भिवानी के रहने वाले राष्ट्रीय बॉक्सिंग खिलाड़ी आकाश ने कर्नाटक में गोल्ड जीता, लेकिन उनके लिए वो जिंदगी का सबसे बुरा दिन साबित हुआ. आकाश ने नेशनल टूर्नामेंट में गोल्ड जीत कर अपनी मां सपना तो पूरा किया, लेकिन अपनी मां को खो दिया. अब मजबूरन आकाश को अपना गोल्ड मां के चरणों की बजाय मां की फोटो पर चढ़ाना पड़ा.
बता दें कि हाल ही में कर्नाटक में नेशनल बॉक्सिंग सर्विसेजज टूर्नामेंट हुए थे. जिनमें भिवानी के गांव पालुवास निवासी बॉक्सर 20 वर्षीय आकाश 13 सितंबर को 54 किलोग्राम भारवर्ग में भाग लेने के लिए अपनी बीमार मां संतोष को अस्पताल में छोड़ कर रवाना हुए. 14 सितंबर से ये टूर्नामेंट शुरू हुई और आकाश ने एक के बाद एक मुकाबला जीत कर 21 सितंबर को गोल्ड मेडल हासिल किया. 22 सितंबर की शाम आकाश गांव पहुंचा. घर आते समय आकाश की खुशियों का ठिकाना नहीं था, लेकिन घर पहुंच कर उन्हें जो खबर मिली उससे आकाश के पैरों तले जमीन खिसक गई. आकाश की मां की मौत 14 सितंबर की रात को ही हो चुकी थी.
आकाश का कहना है कि उनकी मां ने गोल्ड लाने को लेकर बहुत संघर्ष की थी. अपनी मां के इस संघर्ष के कारण ही वो गोल्ड मेडल जीत पाया. आकाश ने कहा कि उनकी मां ने कहा था कि वो गोल्ड मेडल देखना चाहती है. आकाश ने बताया कि अब वो अगले महीने सर्बिया में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी कर रहा है और उसके बाद कॉमनवेल्थ, एशियन और एक दिन ऑलंपिक में गोल्ड जीतकर अपनी मां का सपना पूरा करेगा.
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वहीं आकाश के चाचा भंवर सिंह ने बताया कि आकाश को इसकी मां की मौत की सूचना इसके भविष्य को देखते हुए नहीं दी. वहीं उनके कहने पर कोच ने भी बात मानी और आकाश और उसके साथी बॉक्सरों के फोन जमा कर लिए थे. उन्होंने बताया कि आकाश के पिता की मौत साल 2008 में हो चुकी है. चाचा ने कहा कि आकाश ने अपनी मां के सपने को पूरा किया, लेकिन उसकी मां का गोल्ड देखने का सपना पूरा नहीं हो सका.
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