भिवानी: भिवानी के लोहारू कस्बे में दो नर कंकाल मिलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. गुरुवार को मानेसर के बाद भिवानी में महापंचायत की गई. यह महापंचायत बजरंग दल, विहिप के साथ ही अन्य हिंदू संगठनों के बीच गई. महापंचायत में संगठनों ने सरकार से पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने के साथ ही सरकारी नौकरी देने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने इस बात की भी मांग की कि गोरक्षकों को तंग न किया जाए. महापंचायत में हिंदू संगठनों ने मांग की कि सरकार सीबीआई से निष्पक्षतौर पर मामले की जांच करवाए.
भिवानी में आयोजित महापंचायत में कहा गया कि जिस तरह राजस्थान सरकार ने पहले मोनू मानेसर का नाम लिया उसके बाद 8 लोगों के नाम की सूची जारी की है, यह सभी निर्दोष हैं. उन्होंने कहा कि मामले की जांच हो, जिन लोगों ने गलत किया है महापंचायत उनके साथ नहीं है. लेकिन जो बेकसूर हैं उनके साथ गलत बर्ताव नहीं होना चाहिए. महापंचायत में शामिल संगठने के लोगों ने बताया कि गौरक्षक श्रीकांत की पत्नी के साथ राजस्थान पुलिस ने जिस तरह से बर्बरता पूर्वक व्यवहार किया है, वह निदंनीय है.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस के बर्बर व्यवहार के कारण गर्भ में पल रहे 9 महीने का बच्चे का गर्भपात हो गया, जिसे बजरंग दल व विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने मांग की है कि इस मामले की सीबीआई से निष्पक्ष जांच करवाई जाये. साथ ही गर्भ में हुई बच्चे की मौत मामले में पीड़ित को एक करोड़ रुपये का मुआवजा व सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की. इस प्रकरण में दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ 302 का मुकदमा दर्ज करके उनके खिलाफ करवाई की जाने की भी मांग की गई.
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महापंचायत में संगठनों ने कहा कि निर्दोष लोगों को इसमें फंसाया जा रहा है, जिसे वे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार को गोहत्या पर और कड़े नियम बनाने चाहिए. अगर सरकार कड़े नियम लगाती है तो गौरक्षकों की आने वाले समय में जरूरत ही नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले समय में हर जिला में महापंचायत का आयोजन किया जाएगा और इसका विरोध किया जाएगा.