भिवानी: भाई-बहन के प्यार के प्रतीक का त्योहार भाई दूज आज पूरे देश में मनाया जा रहा है. भाई दूज के पर्व को रक्षाबंधन की तरह से ही भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. इस दिन बहनें लंबी उम्र की कामना के साथ अपने भाइयों के माथे पर टीका लगाती हैं.
इसके बदले में भाई अपनी बहन को प्रेम स्वरूप कुछ उपहार भेंट करते हैं. भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक भैया दूज का पर्व सोमवार को उत्साह से मनाया जा रहा है. भैया दूज पर्व पर भिवानी में भी चहल-पहल दिखाई दी और मिठाईयों की दुकान पर भी काफी भीड़ रही. वहीं इस मौके पर बहन ने भाई को तिलक लगाकर यह पर्व मनाया.
बता दें कि भैया दूज के पर्व पर बहने अपने भाई की लंबी आयु के लिए मनाती है तो वही भाई अपने बहन की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं. भाई दूज हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस दिन बहनें व्रत, पूजा और कथा आदि करके भाई की लंबी आयु और समृद्धि की कामना करते हुए माथे पर तिलक लगाती हैं. इसके बदले भाई उनकी रक्षा का संकल्प लेते हुए तोहफा देता है.
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बहनों ने बताया कि वे इस पर्व का पूरे वर्ष इंतजार करती है. इस दिन वे अपने भाई को तिलक लगाकर उनका मुंह मीठा करवाती है और भाई की लंबी उम्र की कामना करती है. इस दिन भाई भी अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं. स्नेहपूर्वक उपहार भेंट करते हैं.
क्यों मनाते हैं भाई दूज
दिवाली के दो दिन उपरांत बहनें अपने भाइयों को टीका लगाकर तथा गोला देकर उनकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं. मान्यता है कि एक बार किसी कारणवश जरूरत के समय बार-बार यमुना द्वारा अपने भाई यमराज को बुलाने के बाद भी यमराज उनसे मिलने नहीं जा पाए थे. लेकिन जिस यमराज यमुना से मिलने के लिए पहुंचे थे, उसी दिन से हर साल भाई दूज मनाने की परंपरा शुरू हो गई.