भिवानी: कृषि मंत्री जेपी दलाल ने भिवानी के गोकुलपुरा गांव में 54 करोड़ रुपये की लागत से 63 एकड़ के बनकर तैयार होने वाले अनाज अनुसंधान केंद्र (Grain Research Center in Bhiwani) का शिलान्यास किया. इसके बाद जयप्रकाश दलाल ने बताया कि दक्षिण हरियाणा में मोटे अनाज की उपज को बेहतर बनाने के लिए ये अनाज अनुसंधान केंद्र किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
63 एकड़ में बनकर तैयार होने वाले इस अनाज अनुसंधान केंद्र में लगभग 54 करोड़ की लागत से एक आवासीय भवन, एक भवन क्षेत्रीय, केंद्र परिसर व किसान छात्रावास का निर्माण किया जाएगा. समय-समय पर इस केंद्र में देश के नामी आईआईएम हैदराबाद, सीएफटीआईआई मैसूर व सीआईटीएचईटी लुधियाना जैसे उन्नत कृषि संस्थानों के वैज्ञानिक यहां पर मोटे अनाज के अनुसंधान कार्य में हिस्सा लेंगे तथा किसानों के खेत तक पहुंचकर अनाज उत्पादन की उन्नत किस्मों को विकसित करने का काम करेंगे.
इस मौके पर कृषि मंत्री ने कहा कि अब बड़े शहरों की बजाए किसान के खेत तक पहुंचकर कृषि वैज्ञानिक अनाज पर अनुसंधान करेंगे. इससे दक्षिण हरियाणा से पूरे राज्य में मोटे अनाज की किस्मों को सुधारा जा सकेगा. उन्होंने कहा कि चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा इस अनुसंधान केंद्र की देखरेख की जाएगी. यहां पर प्रमुख रूप से मोटे अनाज गेहूं, मूंग, ग्वार के अलावा बाजरा आदि फसलों को लेकर अनुसंधान किया जाएगा तथा उन्नत किस्म के बीज व खाद पर कार्य होगा.
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जिससे हरियाणा के किसान खुशहाल होंगे. उन्होंने कहा कि अनाज उत्पादन में बढ़ोत्तरी से विशेष तौर पर किसानों व ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा तथा दक्षिण हरियाणा के इस मरूस्थली क्षेत्र का भी विकास होगा. इस मौके पर ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में इस रीजनल केंद्र के खुलने से इस क्षेत्र में अनाज उत्पादन को लेकर नई खोज होंगी तथा किसानों को अपना उत्पादन बढ़ाने का अवसर मिलेगा. कृषि वैज्ञानिकों की देखरेख में किसानों को अपनी फसल उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा तथा वे उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ सकेंगे.
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