भिवानी: जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत आरटीआई की गलत जानकारी देने के मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी फंस गए हैं. राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई की गलत जानकारी देने पर डिप्टी डायरेक्टर इन्द्रा बैनीवाल को संबंधित एसपीआईओ इन्द्र सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक और विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
दरअसल, स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने शिक्षा निदेशालय से 18 जून, 2019 को निजी स्कूलों द्वारा फार्म नंबर 6 के साथ ऑडिट बैलेंस सीट जमा कराए जाने संबंधी आदेशों की अनुपालना के बारे में आरटीआई से जानकारी मांगी थी. इस पर निदेशालय की तरफ से कोई जवाब नहीं आया. इसके बाद 5 अगस्त को निदेशालय में अपील की गई. फिर भी कोई जवाब नहीं आया.
इसके बाद बृजपाल सिंह ने 3 अक्टूबर को राज्य सूचना आयोग के सामने गुहार लगाई. 30 दिसंबर को शिक्षा निदेशालय ने राज्य सूचना आयोग के सामने कहा कि निजी स्कूलों की ऑडिट बैलेंस सीट ऑनलाइन उपलब्ध है. बृजपाल सिंह परमार ने निदेशालय द्वारा दी गई इस गलत जानकारी को राज्य सूचना आयोग के सामने रखा. जिस पर राज्य सूचना आयोग ने 28 फरवरी को सुनवाई की.
बृजपाल सिंह परमार ने कहा कि निजी स्कूलों की ऑडिट रिपोर्ट विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है, जिस पर सूचना आयोग ने एसपीआईओ कम डिप्टी डॉयरेक्टर से इसका जवाब मांग तो ऑडिट रिपोर्ट ऑनलाइन साबित नहीं कर पाई. इस पर गलत जानकारी देने पर सूचना आयोग ने उसे कड़ी फटकार लगाई. चेतावनी देते हुए 24 जुलाई तक सही जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता को दिए जाने का अंतिम मौका दिया था.
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इसी मामले में राज्य सूचना आयोग ने उसी दिन अगली सुनवाई करते हुए डिप्टी डॉयरेक्टर इन्द्रा बैनीवाल को संबंधित एसपीआईओ इन्द्र सिंह सुपरिडेंट के खिलाफ शिक्षा विभाग को अनुशासनात्मक और विभागीय कार्रवाई के आदेश किए हैं. वहीं आरटीआई कार्यकर्ता को शिक्षा विभाग पूरी सूचना उपलब्ध नहीं कराता है तो 20 अगस्त तक आयोग के समक्ष दोबारा शिकायत कर सकते हैं, ताकि इसी फाइल को रिओपन कर सुनवाई की जा सके.