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शुरू हुई 7वीं आर्थिक जनगणना, घर-घर जाकर इक्टठे किए जाएंगे आंकड़े - आर्थिक सर्वे

7वीं आर्थिक जनगणना शुरू हो गई है. जनगणना के तहत आपको बताना होगा कि आप कितना कमाते हो? और आपकी कमाई का स्त्रोत क्या है?

शुरू हुई 7वीं आर्थिक जनगणना
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Published : Aug 23, 2019, 7:13 PM IST

भिवानी: जिला सांख्यिकीय विभाग द्वारा सातवीं आर्थिक जनगणना के लिए सर्वे कराया जा रहा है. ये आर्थिक जनगणना शुक्रवार से शुरू की गई. इसमें देखा जाएगा कि व्यक्ति किस प्रकार का काम कर रहा है वो अपनी आर्थिक जरूरत के लिए क्या कर रहा है, कितने लोगों को रोजगार मिला है कितने लोग बेरोजगार हैं.


घर-घर जा कर होगा सर्वे
सर्वे में सीएससी केंद्रों के माध्यम से घर-घर जाकर आंकड़े एकत्रित किए जाएगें. सर्वे का शुभारंभ उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने लघु सचिवालय से हरी झंडी दिखा कर किया.

शुरू हुई 7वीं आर्थिक जनगणना


क्या है सर्वे
सांख्यिकी मंत्रायल ने ई-गर्वेनस से जुड़ी कंपनी सीएससी को सर्वेक्षण का जिम्मा दिया गया है. वहीं केंद्र सरकार का राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण एवं राज्य शासन का सांख्यिकी विभाग सुपरविजन कर रहा है. यह सातवीं आर्थिक जनगणना होगी.

हर कार्य क्षेत्र से लिया जाएगा डाटा
उपायुक्त मनोज कुमार ने सर्वे (आर्थिक जनगणना) की जानकारी देते हुए बताया कि आर्थिक गणना के दौरान कृषि क्षेत्र को छोड़कर अन्य सभी व्यवसायों, रोजगार, उद्योग व आय के अन्य स्त्रोतों से संबंधी आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे. उपायुक्त ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि इस आर्थिक जनगणना का उद्देश्य लोगों के लिए उज्जवल भविष्य के लिए योजनाए एवं कार्यक्रम बनाना है.

लोगों से की अपील
जिला उपायुक्त ने लोगों से अपील की है कि वे आर्थिक गणना के दौरान अपनी सही रिपोर्ट दर्ज करवाए. जिससे सरकार उनके लिए नीति तैयार कर सके.

पहले भी हो चुके हैं सर्वे
जिला सांख्यिकीय अधिकारी ने बताया कि अब से पहले भी इस प्रकार के सर्वे होते रहे हैं. साल 1977 में देश में पहली आर्थिक गणना शुरू हुई थी. इसके पश्चात साल 1980, 1990, 1998, 2005 तथा 2013 में आर्थिक गणना का कार्य किया गया. उन्होंने बताया कि गणना का कार्य आर्थिक गतिविधियों के लिए किया जाता है और यह डाटा गोपनीय रखा जाता है.

भिवानी: जिला सांख्यिकीय विभाग द्वारा सातवीं आर्थिक जनगणना के लिए सर्वे कराया जा रहा है. ये आर्थिक जनगणना शुक्रवार से शुरू की गई. इसमें देखा जाएगा कि व्यक्ति किस प्रकार का काम कर रहा है वो अपनी आर्थिक जरूरत के लिए क्या कर रहा है, कितने लोगों को रोजगार मिला है कितने लोग बेरोजगार हैं.


घर-घर जा कर होगा सर्वे
सर्वे में सीएससी केंद्रों के माध्यम से घर-घर जाकर आंकड़े एकत्रित किए जाएगें. सर्वे का शुभारंभ उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने लघु सचिवालय से हरी झंडी दिखा कर किया.

शुरू हुई 7वीं आर्थिक जनगणना


क्या है सर्वे
सांख्यिकी मंत्रायल ने ई-गर्वेनस से जुड़ी कंपनी सीएससी को सर्वेक्षण का जिम्मा दिया गया है. वहीं केंद्र सरकार का राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण एवं राज्य शासन का सांख्यिकी विभाग सुपरविजन कर रहा है. यह सातवीं आर्थिक जनगणना होगी.

हर कार्य क्षेत्र से लिया जाएगा डाटा
उपायुक्त मनोज कुमार ने सर्वे (आर्थिक जनगणना) की जानकारी देते हुए बताया कि आर्थिक गणना के दौरान कृषि क्षेत्र को छोड़कर अन्य सभी व्यवसायों, रोजगार, उद्योग व आय के अन्य स्त्रोतों से संबंधी आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे. उपायुक्त ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि इस आर्थिक जनगणना का उद्देश्य लोगों के लिए उज्जवल भविष्य के लिए योजनाए एवं कार्यक्रम बनाना है.

लोगों से की अपील
जिला उपायुक्त ने लोगों से अपील की है कि वे आर्थिक गणना के दौरान अपनी सही रिपोर्ट दर्ज करवाए. जिससे सरकार उनके लिए नीति तैयार कर सके.

पहले भी हो चुके हैं सर्वे
जिला सांख्यिकीय अधिकारी ने बताया कि अब से पहले भी इस प्रकार के सर्वे होते रहे हैं. साल 1977 में देश में पहली आर्थिक गणना शुरू हुई थी. इसके पश्चात साल 1980, 1990, 1998, 2005 तथा 2013 में आर्थिक गणना का कार्य किया गया. उन्होंने बताया कि गणना का कार्य आर्थिक गतिविधियों के लिए किया जाता है और यह डाटा गोपनीय रखा जाता है.

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश दुहन भिवानी
दिनांक 23 अगस्त।
लोगों उज्जवल भविष्य के लिए योजनाए एवं कार्यक्रम बनाने के उद्देश्य से शुरू हुआ गणना कार्य
भिवानी के लघु सचिवालय से अतिरिक्त उपायुक्त ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
वर्ष 1977 में देश में पहली बार शुरू हुई थी आर्थिक गणना
घर-घर जाकर एकत्रित किए जाएंगे आंकड़े : एडीसी
सीएससी केंद्रों के माध्यम से घर-घर जाकर आंकड़ें एकत्रित करने के उद्देश्य से भिवानी में आज सातवी मतगणना का कार्य शुरू किया गया। इस मौके पर भिवानी के अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने जिला में सातवीं आर्थिक गणना के कार्य का लघु सचिवालय परिसर में हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। इस मतगणना का उद्देश्य लोगों के लिए उज्जवल भविष्य के लिए योजनाए एवं कार्यक्रम बनाया भी है।
Body:बता दें कि जिला सांख्यिकीय अधिकारी शिवतेज सिंह ने बताया कि वर्ष 1977 में देश में पहली आर्थिक गणना शुरू हुई थी, इसके पश्चात वर्ष 1980, 1990, 1998, 2005 तथा 2013 में छठी आर्थिक गणना का कार्य किया गया था। उन्होंने बताया कि गणना का कार्य आर्थिक गतिविधियों के लिए किया जाता है और यह डाटा गोपनीय रखा जाता है।
Conclusion: इस मौके पर भिवानी के अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि सातवीं आर्थिक गणना-2019 भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय एवं सीएससी ई-गवर्नेस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड द्वारा की जाएगी। उन्होंने बताया कि देश में आर्थिक गणना के आधार पर ही लोगों के लिए उज्जवल भविष्य के लिए योजनाए एवं कार्यक्रम बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सीएससी केन्द्रों के माध्यम से घर-घर जाकर आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि उच्च अधिकारियों द्वारा एकत्रित किए गए डाटा का निरीक्षण भी किया जाएगा। आर्थिक गणना के दौरान कृषि क्षेत्र को छोडक़र अन्य व्यवसायों की जानकारी एकत्रित की जाएगी। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया है कि वे आर्थिक गणना के दौरान अपनी सही रिपोर्ट दर्ज करवाए। उन्होंने बताया कि आर्थिक गणना के दौरान रोजगार, व्यवसाय, उधमी व आय संबंधी आकड़े एकत्रित किए जाएंगे।
बाईट : डॉ. मनोज कुमार अतिरिक्त उपायुक्त भिवानी।
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