भिवानी: जिला सांख्यिकीय विभाग द्वारा सातवीं आर्थिक जनगणना के लिए सर्वे कराया जा रहा है. ये आर्थिक जनगणना शुक्रवार से शुरू की गई. इसमें देखा जाएगा कि व्यक्ति किस प्रकार का काम कर रहा है वो अपनी आर्थिक जरूरत के लिए क्या कर रहा है, कितने लोगों को रोजगार मिला है कितने लोग बेरोजगार हैं.
घर-घर जा कर होगा सर्वे
सर्वे में सीएससी केंद्रों के माध्यम से घर-घर जाकर आंकड़े एकत्रित किए जाएगें. सर्वे का शुभारंभ उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने लघु सचिवालय से हरी झंडी दिखा कर किया.
क्या है सर्वे
सांख्यिकी मंत्रायल ने ई-गर्वेनस से जुड़ी कंपनी सीएससी को सर्वेक्षण का जिम्मा दिया गया है. वहीं केंद्र सरकार का राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण एवं राज्य शासन का सांख्यिकी विभाग सुपरविजन कर रहा है. यह सातवीं आर्थिक जनगणना होगी.
हर कार्य क्षेत्र से लिया जाएगा डाटा
उपायुक्त मनोज कुमार ने सर्वे (आर्थिक जनगणना) की जानकारी देते हुए बताया कि आर्थिक गणना के दौरान कृषि क्षेत्र को छोड़कर अन्य सभी व्यवसायों, रोजगार, उद्योग व आय के अन्य स्त्रोतों से संबंधी आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे. उपायुक्त ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि इस आर्थिक जनगणना का उद्देश्य लोगों के लिए उज्जवल भविष्य के लिए योजनाए एवं कार्यक्रम बनाना है.
लोगों से की अपील
जिला उपायुक्त ने लोगों से अपील की है कि वे आर्थिक गणना के दौरान अपनी सही रिपोर्ट दर्ज करवाए. जिससे सरकार उनके लिए नीति तैयार कर सके.
पहले भी हो चुके हैं सर्वे
जिला सांख्यिकीय अधिकारी ने बताया कि अब से पहले भी इस प्रकार के सर्वे होते रहे हैं. साल 1977 में देश में पहली आर्थिक गणना शुरू हुई थी. इसके पश्चात साल 1980, 1990, 1998, 2005 तथा 2013 में आर्थिक गणना का कार्य किया गया. उन्होंने बताया कि गणना का कार्य आर्थिक गतिविधियों के लिए किया जाता है और यह डाटा गोपनीय रखा जाता है.