भिवानी: शिक्षक दिवस 2022 (Teachers day 2022) पर शिक्षा, समाज व राष्ट्रहित में बेहतर कार्य करने वाले हरियाणा सहित 11 राज्यों के 51 अध्यापकों को भिवानी में सम्मानित (Teachers honored in bhiwani) किया गया. 20वें राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर अध्यापकों को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षक पुरस्कार दिया गया. इस सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा से सांसद धर्मबीर (MP Dharambir from Bhiwani Mahendragarh Lok Sabha) थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक घनश्याम सर्राफ ने की.
इस मौके पर सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि शिक्षक कि समाज में बहुत बड़ी भूमिका होती है. केवल किताबों का ज्ञान ही शिक्षक न दें बल्कि आजकल समाज में फैली बुराइयों को खत्म करने के लिए भी शिक्षक आगे आए. सांसद ने कहा कि भारत में पाश्चात्य संस्कृति (western culture in india) हावी होने के कारण हमारे संस्कार और संस्कृति में गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि दुनिया में शिक्षक का बहुत बड़ा औहदा है. इसलिए हमे शिक्षक का सम्मान करना चाहिए.
सांसद ने कहा कि शिक्षक का दायित्व है कि वे बच्चों के अंदर पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करें. वहीं, समाज में बढ़ रही अन्य प्रकार की बुराइयों को खत्म करने के लिए भी सांसद धर्मवीर सिंह ने शिक्षकों से अपील की है. भिवानी से विधायक घनश्याम सर्राफ (Bhiwani MLA Ghanshyam Sarraf) ने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों में संस्कार व ज्ञान का समावेश करता है. इसलिए आज के समय में जरूरत है कि विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा प्रदान की जाए जिससे वो समाज और राष्ट्र के हित में खड़ा हो सके.
भिवानी में शिक्षक दिवस पर सम्मानित अध्यापक (Teacher honored on Teacher Day in Bhiwani) सविता एवं अनिल कुमार ने बताया कि एक कुशल अध्यापक की जिम्मेदारी छात्र के सर्वांगीण विकास की होती है. अध्यापक बच्चों को पढ़ाने के साथ ही उनका सामाजिक, मानसिक विकास विकास कर राष्ट्र के लिए अच्छे नागरिक तैयार कर सकता है. विद्यार्थियों को अपने अध्यापक-अध्यापिकाओं का सदैव सम्मान करना चाहिये. इससे उन्हें विद्या धन इस सम्मान के बदले प्राप्त होगा.
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में मनाया जाता है शिक्षक दिवस- भारत में शिक्षक दिवस हर साल भारत के दूसरे राष्ट्रपति (second President of India) डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में मनाया जाता है. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr Sarvepalli Radhakrishnan) का जन्म 5 सितंबर 1888 को तत्कालिन आंध्र प्रदेश के चितूर जिले के गांव तिरूत्तनी गांव में हुआ था. ये गांव अब तमिलनाडु के तिरुवल्लूर जिले में आता है.
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