भिवानी: हरियाणा सरकार ने दिव्यांगों को सक्षम बनाने के लिए रोजगार (haryana jobs for disabled persons) के अवसर देना शुरू कर दिया है. इसके तहत हरियाणा में वीटा दूध की 50 हजार एजेंसियां और पांच मिल्क प्लांटों के माध्यम से आवंटित की जाएंगी, जिसमें दिव्यांगों को नौकरी के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है. इसके अलावा प्रदेश सरकार प्रदेश के सभी 22 जिलों में नए 20 हजार हरहित रिटेल स्टोर स्थापित किया जा रहे हैं. जिसमें दिव्यांगों को रोजगार के लिए भी कोटा दिया गया है. ये बात हरियाणा दिव्यांग जन आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने रविवार को भिवानी में पत्रकार वार्ता के दौरान कही.
राजकुमार मक्कड़ ने बताया कि 50 हजार वीटा दूध की एजेंसियों में से पांच हजार दूध की एजेंसियां दिव्यांगों को दी जाएंगी. एजेंसी लाइसेंस प्राप्त करने के लिए दिव्यांगों को पांच हजार रुपये धरोहर राशि जमा करनी होगी और साथ ही 10वीं पास होना आवश्यक होगा. सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए ग्रामीण बैंक से बगैर गारंटी के चार प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर ऋण देने के लिए 30 करोड़ रुपये आवंटित भी किए जा चुके हैं. जिससे दिव्यांगों को रोजगार मिल सकेगा तथा वे आत्मनिर्भर हो पाएंगे.
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वहीं इस प्रकार हरियाणा सरकार प्रदेश में नए 20 हजार रिटेल स्टोर स्थापित कर रही है. जिसमें दिव्यांगों को 15 हजार रुपये प्रति महीने का वेतन राज्य सरकार द्वारा दिया जायेगा. कमिशनर ने बताया कि केंद्र सरकार ने हरियाणा राज्य में दिव्यांगों के रोजगार के लिए 80 करोड़ रुपये का बजट भी पास किया है. इस बजट के द्वारा दिव्यांगों को बगैर गारंटी का ऋण देकर स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाया जाएगा. उन्होंने बताया कि दिव्यांगों को रोजगार देने की दिशा में एक जनवरी 1996 से नौकरियों में बैकलॉग दिया गया है तथा इनकी भर्ती प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.
इससे प्रदेश के 80 विभागों, 14 मेडिकल कॉलेज व 12 कॉर्पोरेट विभागों में 15 हजार दिव्यांगों को नौकरी मिल सकेगी. इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग ने 103 दिव्यांग एमबीबीएस डॉक्टरों से नौकरियों के लिए आवेदन भी मांगें हैं. इसके अलावा हर जिले में तीन करोड़ रुपये दिव्यांगों को कृत्रिम अंग देने के लिए आवंटित किए हैं, ताकि दिव्यांग को व्हील चेयर, चश्में, स्कूटी व दृष्टि संबंधित उपकरण दिव्यांगों को नि:शुल्क उपलब्ध करवाए जाएं.
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हरियाणा राज्य में पहली बार दिव्यांगों के उपकरणों का निर्माण करने के लिए पांच एकड़ में 300 करोड़ रुपये की लागत से शैल्टर का निर्माण किया जा रहा है, ताकि हरियाणा राज्य में कृत्रिम अंगों का निर्माण कर दिव्यांगों को वितरित किया जा सके. हरियाणा के अंबाला में बौद्धिक दिव्यांग लाईफ सेंटर का निर्माण किया जा रहा है. जिसकी प्रोजेक्ट की लगत 37 करोड़ 80 लाख है. कमिशनर ने बताया कि हरियाणा प्रदेश का ऐसा पहला राज्य है, जो इस प्रकार से आरक्षण देकर दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रहा है.
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