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गन्ना किसानों का ऐलान, पीएम मोदी के सामने करेंगे अर्धनग्न होकर प्रदर्शन

किसान गन्ना संघर्ष समिति के किसानों का जल सत्याग्रह जारी है. किसानों का सत्याग्रह पिछले सात दिनों से जारी है. जाने क्या है इनकी मांग?

water satyagrah carry on 7 days of sugarcane farmer
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Published : Aug 29, 2019, 10:43 AM IST

अंबाला: किसान गन्ना संघर्ष समिति के बैनर तले बेगना नदी में जल सत्याग्रह कर भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसान सरकार और शुगर मिल के खिलाफ आन्दोलन पर है. इसी बीच एक किसान की तबीयत बिगड़ गई, जिसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया.

पिछले सात दिनों से जारी है जल सत्याग्रह

दरअसल ये किसान अपनी मांगों को लेकर जल समाधि लिए हैं. किसानों का कहना है कि इस समय शासन और प्रशासन हमारी मांगों के प्रति बिल्कुल भी सक्रिय नहीं है. उन्होंने सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि सरकार कुछ भी कर ले, लेकिन हमारा यह आन्दोलन चलता रहेगा.

सौ करोड़ की रुकी है पेमेंट

किसानों का कहना है कि जब तक उनकी पेमेंट नहीं होती वो हिलने वाले नहीं हैं. किसानों का कहना है पानी कम हो या ज्यादा सत्याग्रह जारी रहेगा. आपको बता दें कि इन किसानों के गन्ने की सौ करोड़ से भी ज्यादा की रकम शुगर मिल में बकाया पड़ी हुई है.

लगातार सात दिनों से जारी है गन्ना किसानों का जल सत्याग्रह, क्लिक कर देखें वीडियो

पेमेंट न होने से हो रही है परेशानी

किसानों का कहना है कि एक साल हो जाने के बाद भी पेमेंट नहीं हुआ है. सरकार ने किसान को मरने के कगार पर ही छोड़ दिया है. पेमेंट न होने की वजह से कहीं बिजली का कनेक्शन कट रहा है तो कहीं बच्चों के स्कूलों की फीस तक नहीं भरी जा सकी है. किसानों का कहना है कि बैंक वाले भी उन्हें तंग कर रहे हैं.

पीएम के सामने करेंगे अर्धनग्न होकर प्रदर्शन

किसानों का कहना है कि अगर सरकार मांगें नहीं मानती है तो वो सीएम की रोहतक में होने वाली रैली में अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करेंगे. गौरतलब है कि इस रैली में प्रधानमंत्री मोदी भी होंगे.

अंबाला: किसान गन्ना संघर्ष समिति के बैनर तले बेगना नदी में जल सत्याग्रह कर भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसान सरकार और शुगर मिल के खिलाफ आन्दोलन पर है. इसी बीच एक किसान की तबीयत बिगड़ गई, जिसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया.

पिछले सात दिनों से जारी है जल सत्याग्रह

दरअसल ये किसान अपनी मांगों को लेकर जल समाधि लिए हैं. किसानों का कहना है कि इस समय शासन और प्रशासन हमारी मांगों के प्रति बिल्कुल भी सक्रिय नहीं है. उन्होंने सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि सरकार कुछ भी कर ले, लेकिन हमारा यह आन्दोलन चलता रहेगा.

सौ करोड़ की रुकी है पेमेंट

किसानों का कहना है कि जब तक उनकी पेमेंट नहीं होती वो हिलने वाले नहीं हैं. किसानों का कहना है पानी कम हो या ज्यादा सत्याग्रह जारी रहेगा. आपको बता दें कि इन किसानों के गन्ने की सौ करोड़ से भी ज्यादा की रकम शुगर मिल में बकाया पड़ी हुई है.

लगातार सात दिनों से जारी है गन्ना किसानों का जल सत्याग्रह, क्लिक कर देखें वीडियो

पेमेंट न होने से हो रही है परेशानी

किसानों का कहना है कि एक साल हो जाने के बाद भी पेमेंट नहीं हुआ है. सरकार ने किसान को मरने के कगार पर ही छोड़ दिया है. पेमेंट न होने की वजह से कहीं बिजली का कनेक्शन कट रहा है तो कहीं बच्चों के स्कूलों की फीस तक नहीं भरी जा सकी है. किसानों का कहना है कि बैंक वाले भी उन्हें तंग कर रहे हैं.

पीएम के सामने करेंगे अर्धनग्न होकर प्रदर्शन

किसानों का कहना है कि अगर सरकार मांगें नहीं मानती है तो वो सीएम की रोहतक में होने वाली रैली में अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करेंगे. गौरतलब है कि इस रैली में प्रधानमंत्री मोदी भी होंगे.

Intro:भारतीय किसान यूनियन,किसान गन्ना सर्घष समिति के बैनर तले सहित क्षेत्र का किसान सैक्डो किसान नारायणगढ़ की बेगना नदी में जल सत्याग्रह कर सरकार व शुगर के खिलाफ आन्दोलन पर है। लेकिन एक किसान की तबीयत बिगने पर उसे उपमंडल के शहजादपुर की सीएचसी में दाखील करवाया जहां उसको किसी जन्तु या इलरजी होने पर वहां उपचार चल रहा है। अपनी मांगो को लेकर किसान फिर भी जल समाधी लिए हुए है। Body:भारतीय किसान युनियन के जिला प्रधान मलकीत सिंह ने बताया कि आज जल सत्याग्रह का सातंवा दिन है। इस समय पानी गन्दा आ रहा है। एक किसान आन्दोलन के दौरान उसको चक्कर आने व उसके शरीर पर इलर्जी होने पर उसे एम्बुलैंस द्वारा शहजादपुर अस्पताल ले गए है। इस समय शासन व प्रशासन बिलकूल ही सौया हुआ है। अभी तक सरकार का कोई भी नुमेन्दा सुध तक लेने नही आया। सरकार कुछ भी कर ले लेकिन यह आन्दोलन चलता रहेगा। जब तक हमारी पेमेंट नही होती यहा से हम हिलने वाले नही है। पानी कम हो या ज्यादा हो यह सत्याग्रह चलता ही रहेगा। जब तक सरकार हमारी मांग नही मानती। सरकार ने हमें बुलाया था लेकिन 30 अगस्त की कैबनेट की मिटिंग रखी गई है इस मुद्दे को लेकर हल कर दिया जाएगा। जब हमारा हल हो जाएगा तबी हम यहा से हिलेगें नही तो हम यहा बैठकर आन्दोलन जारी रखेगें। गन्ने की सौ करोड से भी उपर की रकम शुगर मिल में किसानो की बकाया पडी है। वह भी एक साल से उपर हो गया है। किसान कहा जाए किसान तो मरने के कगार पर पडा है। कही बिजली का कनैक्शन कट रहा है कही बच्चो के स्कूलो की फीस तक रूक रही है,कही बैंक वाले तंग कर रहे है।। किसान कहा जाए। इस लिए सत्याग्रह करना पडा। यहा पडे हे मर जाएगें लेकिन यहा पडे है। इस मिल में हर साल यही काम रहता है। सरकार को चाहिए कि इसका पक्का इतजाम करे। किस के पास जाए हमारे पास सरकार ही है उसी के पास जा सकते है। अगर इस समस्या का हल नही होता तो हम सीएम की रोहतक में रेली है जहंा प्रधानमंत्री आ रहे है वहां पर भी अर्धनग्न होकर सरकार व प्रधानमंत्री का विरोध करेगें।
किसान गन्ना सर्घष समिति के सदस्य विनोद कुमार का कहना था कि अभी सरकार इस मामले को लेकर गम्भीर नही है। उन्होने सरकार का दौष निकालते हुए कोसा।

वोओ
बाइट--- जिला प्रधान मलकीत सिंह-- फाइल 2 में है।
वोओं---

बाइट--- किसान गन्ना सर्घष समिति के विनोद कुमार - 4 फाइल में है।

वोओं---


बाइट--- घायल किसान बोबी - 5 फाइल में है। Conclusion:

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