अंबाला: बरसात का मौसम शुरू होते ही सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं. आलम ये है कि 15 से 20 रुपये किलो बिकने वाली सब्जी अब 35 से 40 रुपये किलो बिकने लगी है. लोगों का कहना है कि सरकार को सब्जी के रेट नियंत्रित करने चाहिए.
अंबाला में प्याज और अदरक के रेट दोगुने हो चुके हैं. वहीं परचून की दुकानों और रेहड़ी वालों के रेट होल सेल मंडी से 10 से 20 रुपये ज्यादा चल रहे हैं. इस बार कच्ची अदरक जहां परचून की दुकान में 200 रुपये किलो बिक रही है. वहीं होलसेल में इसका रेट 100 रुपये किलो है. इसी तरह प्याज, आलू , भिंडी, घीया का रेट पहले से दोगुना हो गया है.
ग्राहकों का कहना है कि आज से एक सप्ताह पहले सभी सब्जियां 15 से 20 रुपये किलो मिल रही थी. लेकिन बरसात शुरू होते ही सब्जियों और खासकर टमाटर के दाम लोगों और गृहणियों की जेब से बाहर हो गए हैं.
20 रुपये किलो वाला टमाटर 60 से 80 रुपये किलो बिक रहा है. 40 रुपये प्रति किलो बिकने वाली मटर अब 80 रुपये किलो बिक रही है. वहीं 15 रुपये किलो बिकने वाला बैंगन 40 रुपये किलो बिक रह है. 10 रुपये किलो बिकने वाला खीरा 40 रुपये किलो बिक रहा है. 80 से 100 रुपये किलो बिकने वाला अदरक अब 200 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. सब्जियों की बढ़ती महंगाई ने हर वर्ग को प्रभावित कर दिया है.
प्याज और टमाटर व्यापारी हर्ष की माने तो यहां सब्जियों और टमाटर के दाम बरसात की वजह से बढ़ रहे हैं. उनका तर्क है कि ये दाम हर साल बढ़ते हैं, क्योंकि लोकल सब्जी खत्म हो जाती है और बाहर से मंगवाने पर महंगी पड़ती है. जिस कारण सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं.
होलसेल आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान संजय बहल का कहना है कि टमाटर की आवक ऊपर से कम आ रही है और बरसात के कारण टमाटर तेजी से खराब हो जाता है. इसलिए टमाटर के दाम तेज हैं.