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अनलॉक-2 में भी आर्थिक तंगी से जूझ रहा ट्रांसपोर्ट सेक्टर, कोरोना के डर से नहीं आ रहे लोग

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Published : Jul 22, 2020, 2:36 PM IST

देश में अनलॉक का दूसरा चरण जारी है. कुछ नियमों के साथ जरूरत की चीजों में छूट मिल चुकी है. लेकिन आज भी कई सेक्टर ऐसे हैं जो लॉकडाउन की वजह से आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. ट्रांसपोर्ट सेक्टर भी इनमें से एक है.

Transport sector is facing economic crisis
Transport sector is facing economic crisis

अंबाला: भले ही देश में अनलॉक का दूसरा चरण जारी हो गया हो, ज्यादातर चीजों में छूट मिल गई हों, लेकिन अभी तक लॉकडाउन का असर खत्म नहीं हुआ है. ज्यादातर सेक्टर अभी भी मंदी की मार से जूझ रहे हैं. इनमें से एक है ट्रांसपोर्ट सेक्टर. अंबाला जिले में कुल 10 से 12 निजी बस ट्रांसपोर्टर्स हैं. इसके इलावा 100 से ज्यादा निजी टैक्सी ट्रांसपोर्टर्स हैं. इन सब के पास लगभग 10,000 से ऊपर ड्राइवर और कन्डक्टर कार्यरत हैं. जो लॉकडाउन की वजह से भूखे मरने की कगार पर हैं.

ईटीवी भारत हरियाणा के साथ बातचीत में ट्रांसपोर्टर्स ने बताया कि अनलॉक के बाद उन्हें उम्मीद जगी कि सब ठीक हो जाएगा. अभी तक उनका काम ठप पड़ा है. कुछ नियमों के साथ सरकार ने ट्रांसपोर्ट सेवा को शुरु करने के निर्देश जरूर दिए, लेकिन ट्रांसपोर्टर्स सरकार की कार्यप्रणाली से नाराज दिखे. ट्रासपोर्टर ने सरकार से रियायत की मांग भी की.

अनलॉक-2 में भी आर्थिक तंगी से जूझ रहा ट्रांसपोर्ट सेक्टर

क्या हैं ट्रांसपोर्टर्स की मांगें?

  • टांसपोर्टर्स की सरकार से मांग है कि उन्हें टैक्स में थोड़ी रियायत दी जाए.
  • पेट्रोल और डीजल के दाम कम किए जाए ताकि उनको थोड़ी राहत मिले.
  • केंद्रीय आर्थिक पैकेज में ट्रांसपोर्टर्स के लिए भी कुछ होना चाहिए.
  • सरकार की योजनाओं का लाभ उन्हें जल्द मिले.

जब सरकार ने अनलॉक वन के तहत लॉकडाउन में ढील दी. तक ट्रांसपोर्टर्स को कुछ उम्मीद जगी थी कि एक बार फिर से उनकी आमदनी शुरू हो पाएगी, लेकिन आलम ये है कि अब अनलॉक का दूसरा फेज जारी जारी है. इसके बाद भी इनका काम ठप पड़ा है. सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक बस में आधी सवारी ही बैठ सकती हैं. ताकि सोशल डिस्टेंस बना रहे. लेकिन ट्रासंपोर्टर्स के लिए अभी यात्री नहीं मिल रहे.

ये भी पढ़ें- कोई महीनों से नहीं गया घर, किसी ने टाल दी शादी, देखिए किन परिस्थितियों में काम कर रहे हैं स्वास्थ्य कर्मी

बारात ट्रांसपोर्टर्स की कमाई का प्रमुख साधन थी. लेकिन अब सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक शादी में 20 या 50 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकते. अब इतनी छोटे इवेंट के लिए सब लोग अपनी गाड़ियों से ही चले जाते हैं. इसलिए भी इन ट्रांसपोर्टर्स को अभी इंतजार करना पड़ रहा है. ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि हम गाड़ियों की ईएमआई और ड्राइवर की फीस नियमित दे रहे हैं. सरकार की तरफ से उन्हें कोई राहत नहीं मिली. जिसकी वजह से उन्हें खासा नुकसान हुआ है.

अंबाला: भले ही देश में अनलॉक का दूसरा चरण जारी हो गया हो, ज्यादातर चीजों में छूट मिल गई हों, लेकिन अभी तक लॉकडाउन का असर खत्म नहीं हुआ है. ज्यादातर सेक्टर अभी भी मंदी की मार से जूझ रहे हैं. इनमें से एक है ट्रांसपोर्ट सेक्टर. अंबाला जिले में कुल 10 से 12 निजी बस ट्रांसपोर्टर्स हैं. इसके इलावा 100 से ज्यादा निजी टैक्सी ट्रांसपोर्टर्स हैं. इन सब के पास लगभग 10,000 से ऊपर ड्राइवर और कन्डक्टर कार्यरत हैं. जो लॉकडाउन की वजह से भूखे मरने की कगार पर हैं.

ईटीवी भारत हरियाणा के साथ बातचीत में ट्रांसपोर्टर्स ने बताया कि अनलॉक के बाद उन्हें उम्मीद जगी कि सब ठीक हो जाएगा. अभी तक उनका काम ठप पड़ा है. कुछ नियमों के साथ सरकार ने ट्रांसपोर्ट सेवा को शुरु करने के निर्देश जरूर दिए, लेकिन ट्रांसपोर्टर्स सरकार की कार्यप्रणाली से नाराज दिखे. ट्रासपोर्टर ने सरकार से रियायत की मांग भी की.

अनलॉक-2 में भी आर्थिक तंगी से जूझ रहा ट्रांसपोर्ट सेक्टर

क्या हैं ट्रांसपोर्टर्स की मांगें?

  • टांसपोर्टर्स की सरकार से मांग है कि उन्हें टैक्स में थोड़ी रियायत दी जाए.
  • पेट्रोल और डीजल के दाम कम किए जाए ताकि उनको थोड़ी राहत मिले.
  • केंद्रीय आर्थिक पैकेज में ट्रांसपोर्टर्स के लिए भी कुछ होना चाहिए.
  • सरकार की योजनाओं का लाभ उन्हें जल्द मिले.

जब सरकार ने अनलॉक वन के तहत लॉकडाउन में ढील दी. तक ट्रांसपोर्टर्स को कुछ उम्मीद जगी थी कि एक बार फिर से उनकी आमदनी शुरू हो पाएगी, लेकिन आलम ये है कि अब अनलॉक का दूसरा फेज जारी जारी है. इसके बाद भी इनका काम ठप पड़ा है. सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक बस में आधी सवारी ही बैठ सकती हैं. ताकि सोशल डिस्टेंस बना रहे. लेकिन ट्रासंपोर्टर्स के लिए अभी यात्री नहीं मिल रहे.

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बारात ट्रांसपोर्टर्स की कमाई का प्रमुख साधन थी. लेकिन अब सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक शादी में 20 या 50 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकते. अब इतनी छोटे इवेंट के लिए सब लोग अपनी गाड़ियों से ही चले जाते हैं. इसलिए भी इन ट्रांसपोर्टर्स को अभी इंतजार करना पड़ रहा है. ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि हम गाड़ियों की ईएमआई और ड्राइवर की फीस नियमित दे रहे हैं. सरकार की तरफ से उन्हें कोई राहत नहीं मिली. जिसकी वजह से उन्हें खासा नुकसान हुआ है.

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