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अंबाला से चुनाव मैदान में किन्नर उम्मीदवार, पेशे से हैं मॉडल - अंबाला से किन्नर लतिका दास मैदान

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में अंबाला छावनी से भारतीय जन सम्मान पार्टी ने किन्नर उम्मीदवार लतिका दास को मैदान में उतारा है. लतिका पेशे से मॉडल हैं.

transgender latika das bjsp candidate from ambala constituency
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Published : Oct 12, 2019, 11:16 PM IST

अंबाला: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 का शोर बढ़ता ही जा है. चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से प्रदेश भर के नेता चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. अंबाला छावनी से मैदान में पहली बार किन्नर प्रत्याशी लतिका दास मैदान में हैं. लतिका को भारतीय जन सम्मान पार्टी ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के सामने मैदान में उतारा है.

किन्नर समाज का भला चहाती हैं लतिका
लतिका दास अपनी विरोधी पार्टियों को टक्कर देने के लिए तैयार हैं. वे अंबाला छावनी में सियासी पार्टियों द्वारा दरकिनार किए जाने वाले किन्नर समाज का भला करने की नीयत मैदान में उतरी हैं. भारतीय जन समाज पार्टी प्रमुख काजल मंगल मुखी का कहना है कि वे शरीर से जरूर किन्नर हैं लेकिन उनका दिलों दिमाग किन्नर नहीं है. काजल की माने तो उनका सपना भी अन्य की तरह आईपीएस, आईएएस, डॉक्टर और इंजीनियर बनने का है. उन्होंने अपने समाज के कुछ लोगों का इस काम में सहयोग किया है. लतिका दास भी ताली बजाकर नाच गाना नहीं करती बल्कि पढ़ी लिखी एक मॉडल हैं.

अंबाला से चुनाव मैदान में किन्नर उम्मीदवार

पेशे से मॉडल हैं लतिका
लतिका दास का कहना है कि वे एक पढ़ी लिखी और पेशे से मॉडल हैं. वे अपने समाज के लोगों की तरह ताली बजाकर, बधाई लेकर गुजर बसर करने की जगह अपनी मेहनत के बूते आगे बढ़कर अपने समाज को सुधारना चाहती हैं. वे अंबाला सहित प्रांत में फैले युवाओं में नशे को छुड़ाने का काम करेंगी.

ये भी पढ़ें:-बीजेपी नेताओं ने दिखाई सत्ता की हनक, देवी-देवताओं के सामने भी नहीं उतारे जूते

समाज की बुराई मिटाना चाहती हैं लतिका
वे समाज में फैली बुराईयों को मिटाना चाहती हैं. पूरी तरह समाज सेवा में रहकर गरीब, किसान, बेरोजगार, मजदूर और अन्य लोगों के हक की लड़ाई लड़ना चाहती हैं, लेकिन उनके मन में इसी बात का दर्द है कि उनके समाज के लोग ही उनका समर्थन नहीं कर रहे हैं.

अंबाला: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 का शोर बढ़ता ही जा है. चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से प्रदेश भर के नेता चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. अंबाला छावनी से मैदान में पहली बार किन्नर प्रत्याशी लतिका दास मैदान में हैं. लतिका को भारतीय जन सम्मान पार्टी ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के सामने मैदान में उतारा है.

किन्नर समाज का भला चहाती हैं लतिका
लतिका दास अपनी विरोधी पार्टियों को टक्कर देने के लिए तैयार हैं. वे अंबाला छावनी में सियासी पार्टियों द्वारा दरकिनार किए जाने वाले किन्नर समाज का भला करने की नीयत मैदान में उतरी हैं. भारतीय जन समाज पार्टी प्रमुख काजल मंगल मुखी का कहना है कि वे शरीर से जरूर किन्नर हैं लेकिन उनका दिलों दिमाग किन्नर नहीं है. काजल की माने तो उनका सपना भी अन्य की तरह आईपीएस, आईएएस, डॉक्टर और इंजीनियर बनने का है. उन्होंने अपने समाज के कुछ लोगों का इस काम में सहयोग किया है. लतिका दास भी ताली बजाकर नाच गाना नहीं करती बल्कि पढ़ी लिखी एक मॉडल हैं.

अंबाला से चुनाव मैदान में किन्नर उम्मीदवार

पेशे से मॉडल हैं लतिका
लतिका दास का कहना है कि वे एक पढ़ी लिखी और पेशे से मॉडल हैं. वे अपने समाज के लोगों की तरह ताली बजाकर, बधाई लेकर गुजर बसर करने की जगह अपनी मेहनत के बूते आगे बढ़कर अपने समाज को सुधारना चाहती हैं. वे अंबाला सहित प्रांत में फैले युवाओं में नशे को छुड़ाने का काम करेंगी.

ये भी पढ़ें:-बीजेपी नेताओं ने दिखाई सत्ता की हनक, देवी-देवताओं के सामने भी नहीं उतारे जूते

समाज की बुराई मिटाना चाहती हैं लतिका
वे समाज में फैली बुराईयों को मिटाना चाहती हैं. पूरी तरह समाज सेवा में रहकर गरीब, किसान, बेरोजगार, मजदूर और अन्य लोगों के हक की लड़ाई लड़ना चाहती हैं, लेकिन उनके मन में इसी बात का दर्द है कि उनके समाज के लोग ही उनका समर्थन नहीं कर रहे हैं.

Intro:अंबाला के इतिहास में पहला मौका है जब भारतीय जन सम्मान पार्टी ने छावनी विधान सभा से ट्राँसफीमेल (किन्नर) को चुनाव मैदान में उतरा है । ट्राँसफीमेल लतिका दास अपने विरोधियों को टक्कर देने को तैयार है और वे अंबाला छावनी में सियासी पार्टियों द्वारा दरकिनार किये जाने वाले किन्नर समाज का भला करना चाहती है । उनके मन में इसी बात का दर्द है कि उनके समाज के लोग ही उन्हें समर्थन नहीं कर रहे हैं ।Body:वैसे तो देश में एक दो बार किन्नर समाज से लोग राजनीती में आ चुके हैं लेकिन लतिका दास ट्राँसफीमेल का कहना है कि वे एक पढ़ी लिखी पेशे से मॉडल है और वे अपने समाज के लोगों की तरह ताली बजाकर, बधाई लेकर गुजर बसर करने की जगह अपनी मेहनत के बूते आगे बढ़कर अपने समाज को सुधारना चाहती है । उनका कहना है वे अंबाला सहीत प्रान्त में फैले युवाओं में नशे को छुड़ाने का काम करेगी । वे समाज में फैली बुराई को मिटाना चाहती है और पूरी तरह समाज सेवा में रहकर गरीब, किसान, बेरोजगार, मजदुर और अन्य लोगों के हक़ की लड़ाई लड़ना चाहती है , लेकिन उन्हें इस बात का अफ़सोस है कि जिस समाज से वे हैं और उनके कल्याण के लिए काम करना चाहती है वो समाज ही उसको स्पोर्ट नहीं कर रहा है ।

बाईट :-- लतिका दास, प्रत्याशी (किन्नर) भारतीय जन समाज पार्टी ।

वीओ :-- यहाँ मौजूद उनकी गुरु और समाज की सर्वोसर्वा काजल मंगल मुखी का दर्द उस समय फूट गया जब समाज में फैली कुरूतियों जिन्हे वे दूर करना चाहती है वे ही उनके आड़े आ गई । उनका कहना है कि हमने अदालत में अपने समाज के लिए लड़ाई लड़ी और महिला, पुरुष के बाद ट्राजेन्डर (किन्नर) को समाज में सम्मान दिलाने का काम किया । उनका कहना है कि वे शरीर से जरूर किन्नर हैं लेकिन उनका दिलों दिमाग किन्नर नहीं है । उनका कहना है कि वे ताली नहीं बजाती लेकिन बजवाना जानती है । काजल की माने तो उनका सपना भी अन्य की तरह आईपीएस, आईएएस, डाक्टर और इंजिनियर बनने का है और उन्होंने अपने समाज के कुछ लोगों को इसमें सहयोग किया है । उनका कहना है लतिका दास भी ताली बजाकर नाच गाना नहीं करती बल्कि पढ़ी लिखी एक मॉडल है ।उनका सपना है कि एक किन्नर भी विधानसभा में जाकर लोगों की आवाज उठा सके ।

बाईट :-- काजल मंगल मुखी, भारतीय जन समाज पार्टी प्रमुख ।Conclusion:
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