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अलविदा सुषमा: रोते हुए भतीजा बोला, मेरे लिए कहीं नहीं गई हैं बुआ

आज भले ही सुषमा स्वराज हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन वो हमेशा हमारे दिलों में एक अमिट याद बनकर रहेंगी. जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है.

सुषमा स्वराज का भतीजा हर्ष
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Published : Aug 8, 2019, 8:03 AM IST

अंबाला: प्रखर वक्ता और हर दिल अजीज नेता सुषमा स्वराज पंचतत्व में विलीन हो चुकी हैं. नम आंखों के साथ देशवासियों ने अपनी प्रिय नेता को आखिरी विदाई दी. भले ही आज सुषमा स्वराज हमारे बीच न हों, लेकिन वो हमेशा एक याद बनकर हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी.

भतीजे को महंगा बच्चा कहती थीं सुषमा
सुषमा स्वराज के भतीजे हर्ष ने बताया कि उनकी बुआ उन्हें हमेशा से महंगा बच्चा कहती थीं. उनके लिए उनकी बुआ कहीं नहीं गई है. ये कहते ही हर्ष अपने आप को रोक नहीं सके और वो अपनी बुआ को याद कर फफक-फफक कर रो पड़े.

हमेशा याद रहेंगी सुषमा स्वराज

ये भी पढ़ें:हरियाणा: सुषमा स्वराज को बेहद पसंद थे इस हलवाई के पूड़ी छोले, दुकानदार ने ताजा की यादें

गाजर के हलवे से था लगाव
सुषमा स्वराज के भाई के घर पर काम करने वाली गुड़िया ने कहा कि उन्हें बहुत गर्व है कि उन्होंने सुषमा स्वराज को इतने करीब से देखा. सुषमा स्वराज से जुड़ी अपनी यादें ताजा करते हुए गुड़िया ने बताया कि सुषमा दीदी को गाजर का हलवा बेहद पसंद था. वो जब भी यहां आतीं तो वो उनके लिए बड़ी मेहनत से गाजर का हलवा बनाती. जिसे दीदी बड़े प्यार से खाती.

हमेशा याद रहेंगी सुषमा
किसी वक्त में सुषमा स्वराज के भाई के घर किराए पर रहने वाली बुजुर्ग महिला प्रकाश कौर ने बताया कि सुषमा उन्हें अपनी नानी की तरह मान-सम्मान देती थीं. सुषमा की याद में रूंधे गले से उन्हें याद करते हुए प्रकाश कौर ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि भगवान ने उन्हें इतनी कम आयु क्यों दी ?

अंबाला: प्रखर वक्ता और हर दिल अजीज नेता सुषमा स्वराज पंचतत्व में विलीन हो चुकी हैं. नम आंखों के साथ देशवासियों ने अपनी प्रिय नेता को आखिरी विदाई दी. भले ही आज सुषमा स्वराज हमारे बीच न हों, लेकिन वो हमेशा एक याद बनकर हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी.

भतीजे को महंगा बच्चा कहती थीं सुषमा
सुषमा स्वराज के भतीजे हर्ष ने बताया कि उनकी बुआ उन्हें हमेशा से महंगा बच्चा कहती थीं. उनके लिए उनकी बुआ कहीं नहीं गई है. ये कहते ही हर्ष अपने आप को रोक नहीं सके और वो अपनी बुआ को याद कर फफक-फफक कर रो पड़े.

हमेशा याद रहेंगी सुषमा स्वराज

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गाजर के हलवे से था लगाव
सुषमा स्वराज के भाई के घर पर काम करने वाली गुड़िया ने कहा कि उन्हें बहुत गर्व है कि उन्होंने सुषमा स्वराज को इतने करीब से देखा. सुषमा स्वराज से जुड़ी अपनी यादें ताजा करते हुए गुड़िया ने बताया कि सुषमा दीदी को गाजर का हलवा बेहद पसंद था. वो जब भी यहां आतीं तो वो उनके लिए बड़ी मेहनत से गाजर का हलवा बनाती. जिसे दीदी बड़े प्यार से खाती.

हमेशा याद रहेंगी सुषमा
किसी वक्त में सुषमा स्वराज के भाई के घर किराए पर रहने वाली बुजुर्ग महिला प्रकाश कौर ने बताया कि सुषमा उन्हें अपनी नानी की तरह मान-सम्मान देती थीं. सुषमा की याद में रूंधे गले से उन्हें याद करते हुए प्रकाश कौर ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि भगवान ने उन्हें इतनी कम आयु क्यों दी ?

REPORTER - 
LOCATION - AMBALA
SLUG - AMB SUSHMA MEMORIES FROM AMBALA
FEED BY - WE TRANSFER

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एंकर - अंबाला की बेटी और देश की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के आकस्मिक निधन की खबर ने उनसे जुड़े हर व्यक्ति को गमगीन कर दिया है ।  उनके पैतृक घर में उनके लिए खाना बनाने वाली मेड , उनका भतीजा , उनके वार्ड का पूर्व एमसी सब सदमे में हैं । सुषमा स्वराज से जुड़ी यादों को उन्होंने हमसे सांझा किया ।

वीओ - अंबाला में जन्मी सुषमा स्वराज अंबाला के बीसी बाजार की रहने वाली थी । अंबाला के इस बाजार में खेल कूद कर सुषमा स्वराज का बचपन बीता । यहां के रहने वाले बाशिंदों के जहन में आज भी सुषमा की यादें किसी फिल्म की तरह दौड़ रही हैं । वह यकीन भी नहीं कर पा रहे कि सुषमा अब उनके बीच मे नहीं रहीं । सुषमा स्वराज के भतीजे हर्ष ने बताया कि सुषमा उन्हें बहुत प्यार करती थी और वह उनके लिए कहीं नहीं गई है । सुषमा के लिए उनके पैतृक घर मे खाना बनाने वाली गुड़िया की माने तो वह बीते 5 साल से सुषमा स्वराज के घर पर काम कर रही हैं । जब उसे पता चला कि उसे सुषमा स्वराज के घर काम करना है तो यह उसके लिए बड़ी बात थी । हाल ही में जब सुषमा अंबाला आई थी तो उसने उनके लिए गाजर का हलवा बनाया था जिसे सुषमा ने बड़े चाव से चखा था । आज सुषमा उनके बीच नहीं है ये उनके लिए किसी सदमे से कम नहीं ।

बाईट 01 - हर्ष - सुषमा स्वराज का भतीजा ।
बाईट 02 - गुड़िया - सुषमा स्वराज के घर काम करने वाली उनकी मेड ।

वीओ - सुषमा स्वराज के बोर्ड के पूर्व एमसी रहे सुभाष शर्मा ने बताया कि सुषमा हर बार रक्षाबंधन और भैया दूज पर अपने पैतृक घर आती थी तो हर किसी से बड़े प्यार से मिलती थी । इस बार सुषमा स्वराज ने वादा भी किया था कि वह रक्षाबंधन पर अंबाला जरूर आएगी । सुषमा स्वराज की सादगी को बयान करते हुए सुभाष शर्मा ने बताया कि जब वह हम से बने तो वह उनसे मिलने दिल्ली गए तो उनके पीए ने उन्हें बाहर ही रोक लिया लेकिन जब वह सुषमा से मिले तो सुषमा स्वराज ने इतनी बड़ी नेता होने के बावजूद बड़ी ही सादगी से अपने पिए को कहा यह मेरे वार्ड के एमसी हैं कि वहां के लोकल काम तो इन्हीं से करवाने हैं ।

बाईट 03 - सुभाष शर्मा - बीसी बाजार के एमसी 

वीओ - सुषमा स्वराज से 1977 में जुड़ी महिलाएं उन्हें , उनके काम करने के तरीके और उनकी हर बात को आसानी से भुला नहीं सकती । सुषमा स्वराज के पड़ोस में ही रहने वाली मुनिया ने हमें बताया कि जब सुषमा 1977 में पहली बार विधायक बनी वह हमसे तब से जुड़ी हुई है और वह उस समय 13 साल की थी । सुषमा स्वराज उस समय विधायक बन गई थी जब ज्यादातर महिलाओं को घर से बाहर निकलने नहीं दिया जाता था । वह हर कार्यकर्ताओं को गले लगाकर मिलती थी ,  और हर कार्यकर्ता का नाम तक याद रखती थी ।

बाईट 04 - गुड़िया - सुषमा स्वराज के पैतृक घर की पड़ोसन ।

वीओ - सुषमा स्वराज के घर किराए पर अपनी जिंदगी के कई साल बिता चुकी बुजुर्ग महिला प्रकाश कौर बताती है सुषमा स्वराज उन्हें अपनी नानी की तरह मान सम्मान देती थी । सुषमा की याद में रूंधे गले से उन्हें याद करते हुए प्रकाश कौर कहती हैं कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि भगवान ने उन्हें इतनी कम आयु क्यो दी । 

बाईट 05 - प्रकाश कौर - सुषमा स्वराज के पैतृक घर मे किराये पर रही महिला ।
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