अंबाला: सीबीएसई (CBSE) द्वारा 12वीं का रिजल्ट घोषित करने को लेकर बनाए गए फॉर्मूले को लेकर ज्यादातर छात्रों में नाराजगी देखी जा रही है. छात्रों का कहना है कि हमने 10वीं और 11वीं कक्षा से ज्यादा मेहनत 12 वीं में की है इसलिए शिक्षा विभाग को एग्जाम करवाने के लिए कोई और रास्ता निकालना चाहिए था, लेकिन 10वीं और 11वीं में प्रदर्शन के आधार पर तय करना ठीक नहीं है. हालांकि कुछ छात्र इस फैसले से संतुष्ट भी दिखाई दे रहे हैं.
वहीं अंबाला में स्थित डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. विकास कोहली ने कहा कि कोरोना महामारी (Corona Virus) और बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए सीबीएसई ने जो रिजल्ट घोषित करने का तरीका निकाला है वो सही है, क्योंकि सीबीएसई के पास इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी इस फॉर्मूले से खुश नहीं है उनके लिए एग्जाम का ऑपशन भी दिया गया है.
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आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सीबीएसई 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के लिए ग्रेड/अंक देने के लिए अपना मूल्यांकन फॉर्मूला पेश किया. केंद्र ने बताया कि 12वीं कक्षा के परिणाम कक्षा 10 (30% वेटेज), कक्षा 11 (30% वेटेज) और कक्षा 12 (40% वेटेज) में प्रदर्शन के आधार पर तय किए जाएंगे.
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हालांकि न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर (Justice A M Khanwilkar) और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी (Justice Dinesh Maheshwari) की पीठ को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल (Attorney General KK Venugopal) ने बताया कि मूल्यांकन के फॉर्मूले से असंतुष्ट सीबीएसई छात्रों को 12वीं कक्षा की परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा, जो महामारी के हालात में सुधार होने पर कराई जाएगी.