अंबाला: किसी भी साफ सुथरे शहर के लिए अच्छी सीवरेज और नालों की व्यवस्था का होना बहुत जरूरी है. अगर सीवरेज और नालों की व्यवस्था सही नहीं हो तो शहर के लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर हो जाते हैं. ऐसा ही कुछ हाल है अंबाला छावनी के निवासियों का. पानी निकासी, अच्छी सीवरेज व्यवस्था, नालों की व्यवस्था नहीं होने की वजह से दशकों से ये लोग परेशान हैं. कहने को तो ये गृह मंत्री अनिल विज का गृह जिला है. इसके बाद भी यहां के लोग गंदगी के साथ जीने को मजबूर हैं.
ईटीवी भारत की टीम सबसे पहले अंबाला छावनी के पक्की सराय इलाके पहुंची. जहां हालात बद से बदतर दिखे. यहां नालियां गंदगी से अटी पड़ी थी. ना ही सीवरेज और पानी निकासी की कोई व्यवस्था दिखी. चमन कौर और फूलवती नाम की महिला ने बताया कि यहां सफाई ना के बराबर है.
'मानसून के दिनों घर में घुस जाता है पानी'
बारिश के दिनों में यहां हालात और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है. पानी निकासी नहीं होने की वजह से बारिश का पानी घरों में चला जाता है. यहां के लोगों ने इस बारे में प्रशासन को भी कई बार बताया, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. इसके बाद ईटीवी भारत की टीम ने रुख किया तिब्बत कॉलोनी का. यहां भी तस्वीरें पक्की सराय कॉलोनी जैसी ही दिखी. चारों तरफ गंदगी से भरे नाले. ठहरा हुआ गंदा पानी और अव्यवस्थाओं का अंबार. एक साल पहले इस कॉलोनी के तीन बच्चों की गंदे नाले में गिरकर मौत भी हो गई थी. इसके बाद भी प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली है.
इसके बाद हमारी टीम अंबाला छावनी के ग्वाल मंडी इलाके पहुंची. जहां हालात और भी बदतर दिखे. ग्वाल मंडी निवासियों ने बताया कि यहां सफाई कर्मी तक नहीं आते. प्रशासन भी इस तरफ कोई कदम नहीं उठाता. इन सब समस्याओं को लेकर जब हमने नगर परिषद के अधिकारी हरीश शर्मा से बातचीत की तो उन्होंने समाधान की जगह योजनाएं गिनवा दी.
ये भी पढ़ें- जींद की आबोहवा में घुल रहा जहर, क्या पराली प्रबंधन में विफल रही सरकार? देखिए ये रिपोर्ट
हरिश शर्मा ने बताया कि अंबाला में लगभग ढाई किलो मीटर लंबा गुड गुड़िया नाला बनाया जा रहा है. जिसे इसी साल लॉकडाउन से पहले बनाना शुरू किया था और 31 दिसंबर तक इसे बनाकर तैयार कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि ये नाला शहर का मुख्य नाला है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि अमृत स्कीम के तहत हमने हेड ऑफिस को अंबाला छावनी के लिए एक और अंडरग्राउंड नाला बनाने के लिए पत्र भेजा है. जिसकी लागत लगभग 35 करोड़ होगी. इस प्रोजेक्ट को जैसे ही हेड आफिस से हरी झंडी मिलेगी वैसे की काम शुरू कर दिया जाएगा.
ये तस्वीरें हैं गृहमंत्री अनिल विज के गृह जिले की. यहां लोगों ने नेताओं से लेकर अधिकारियों तक इस गंभीर समस्या की गुहार लगाई. जब समस्या का समाधान नहीं हुआ तो खुद से ही लोगों ने इन नालियों की सफाई की. ताकि कुछ हद तक इन्हें राहत मिल सके. प्रशासन की बेरुखी इनके लिए जानलेवा साबित हो रही है.