अंबाला: केन्द्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) और बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (डीआरआईपी) को लेकर केन्द्रीय जल आयोग के अधिकारियों के साथ नई दिल्ली के सेवा भवन मे समीक्षा बैठक की.
आयोग के अधिकारियों द्वारा राज्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि पिछले डेढ़ साल के दौरान प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत चुनी गई 99 प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से 10 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और बाकी परियोजनाओं पर अलग-अलग स्तरों पर कार्य चल रहे हैं. इनमें से अधिकांश परियोजनाओं के शीघ्र पूरा होने का अनुमान है. कटारिया ने इस कार्यक्रम के संचालन में केंद्रीय जल आयोग की भूमिका की सराहना की.
आयोग के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना कार्यक्रम के पहले चरण के तहत सात राज्यों में स्थित 223 बांधों का पुनर्वास 3466 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ किया गया है. इसके बाद केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना के दूसरे और तीसरे चरणों को मंजूरी दे दी है. इन योजनाओं में व्यय होने वाले कुल 10,000 करोड़ रुपये की राशि में से 7,000 करोड़ रुपये की राशि विश्व बैंक और Asian Infrastructure Investment Bank (AIIB) द्वारा वित्त पोषित की जाएगी.
राज्यमंत्री ने देश में राज्यों के मध्य जल बंटवारे से उत्पन्न विवादों को लेकर चिन्ता व्यक्त की. इस विषय पर केन्द्रीय जल आयोग के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रव्यापी नदी बेसिन संगठनों के गठन के बाद इस समस्या का समाधान शीघ्र करने में सहायता मिलेगी. इसके अतिरिक्त देश में बेहतर जल प्रबंधन के लिए भी नदी बेसिन संगठनों की अहम भूमिका होगी.
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अधिकारियों ने बताया कि अंतरराज्यीय नदी जल विवाद (आईएसडब्लयूआरडी) संशोधन विधेयक जो संसद के अगले सत्र में पेश किया जाना प्रस्तावित है, के पारित होने के साथ पानी के टकराव को और अधिक तेजी से हल किया जाएगा. उन्होंने बताया कि देश में जल संसाधनों के समग्र प्रबंधन के लिए आईएसडब्लयूआरडी बिल और डैम सेफ्टी बिल का पारित होना बहुत आवश्यक है.
बैठक में बताया गया कि पिछले एक साल में केन्द्रीय जल आयोग द्वारा 79 नए बाढ़ पूर्वानुमान स्टेशनों को चालू किया गया है. इसके परिणामस्वरूप साल 2020 में 198 नदी घाटियों में स्थापित 328 स्टेशनों से 11,721 पूर्वानुमान जारी किए गए थे. इसके अतिरिक्त एक नई बाढ़ पूर्वानुमान वेबसाइट https://ffs.tamcnhp.com की भी मई, 2020 से शुरुआत की गई है.
बैठक के दौरान यमुनानगर के आदिबद्री में सरस्वती नदी के उदगम स्थल पर प्रस्तावित बांध के विषय पर अधिकारियों ने बताया कि नई दिल्ली स्थित केन्द्रीय मृदा और सामग्री अनुसंधान स्टेशन में प्रस्तावित बांध स्थल की मिट्टी और चट्टानों की जांच जारी है. जिसकी रिपोर्ट आने के बाद तीन महीने में केन्द्रीय जल आयोग बांध की ड्राइंग और डिजाइन को जांच कर सरस्वती हैरिटेज बोर्ड और हरियाणा सरकार को आगे की कार्यवाही के लिए भेज देगा.