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PTI टीचर्स भर्ती मामला: दोबारा नियुक्ति में मदद के लिए सांसद संजय भाटिया से मिले शिक्षक - पानीपत न्यूज

पानीपत सब्जी मंडी में हजारों की संख्या में पीटीआई शिक्षक सांसद संजय भाटिया से मिलने पहुंचे. इस दौरान पीटीआई शिक्षकों ने सांसद से दोबारा नियुक्ति में मदद की अपील की. हालांकि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गई.

PTI teachers meet MP sanjay bhatia for reappointment in panipat
दोबारा नियुक्ति को लेकर सांसद संजय भाटिया से मिले पीटीआई शिक्षक
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Published : May 28, 2020, 4:48 PM IST

पानीपत: पूरे विश्व में कोरोना महामारी अपना भयानक रूप दिखा रही है. अब तक तीन लाख से ज्यादा लोग काल के गाल में समा चुके हैं. कोरोना से बचने के लिए लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की जा रही है. लेकिन सांसद संजय भाटिया खुद ही हजारों की भीड़ इकठ्ठा कर रहे हैं.

ताजा मामला पानीपत का है. जहां दोबारा नियुक्ति को लेकर करनाल से लोकसभा सांसद संजय भाटिया से मिलने हजारों की संख्या में पीटीआई टीचर पानीपत सब्जी मंडी पहुंचे. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गई.

दोबारा नियुक्ति को लेकर सांसद संजय भाटिया से मिले पीटीआई शिक्षक

पीटीआई शिक्षक सुनीता ने कहा कि पीटीआई शिक्षक सांसद संजय भाटिया को ज्ञापन देने पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि वो सरकार से मांग करती हैं कि उनकी नौकरी को सुरक्षित रखा जाए. सुनीता ने कहा कि सभी पीटीआई शिक्षक 2010 से नौकरी कर रहे हैं. जिसके बाद अब उन्हें हटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि वो सरकार से मांग करती हैं कि जैसे अन्य मामलों में कर्मचारियों की संवैधानिक प्रक्रिया के तहत नौकरी सुरक्षित रखी गई है. उसी प्रकार पीटीआई शिक्षकों की भी नौकरी सुरक्षित किया जाए.

वहीं एक अन्य पीटीआई शिक्षक मंजीत कौर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में नियुक्ति प्रक्रिया को गड़बड़ बताया है. ना कि पीटीआई शिक्षकों में कोई गड़बड़ी पाई गई है. उन्होंने कहा कि हमारे सारे दस्तावेज सही हैं. इसलिए मानवता के आधार पर सरकार उनकी नौकरी सुरक्षित रखे.

इस मामले में सांसद संजय भाटिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है वह कानूनी पहलू है. लेकिन पीटीआई शिक्षकों का पानीपत पहुंचकर मुझसे मिलना मानवीय पहुलू है. उन्होंने कहा कि पीटीआई शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने कहा कि वो परमात्मा से अपील करते हैं कि इनकी पुनर्विचार याचिका स्वीकार कर ली जाए.

क्या है PTI टीचर्स भर्ती मामला?

साल 2010 में हरियाणा में 1983 पीटीआई शिक्षकों की भर्ती की गई थी. भर्ती में अनियमतिता का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि सैकड़ों चयनित उम्मीदवारों का शैक्षिक रिकॉर्ड बेहद खराब है. आरोप में ये भी लगाया गया कि 90 फीसदी मेधावी उम्मीदवार मौखिक परीक्षा में असफल रहे. उन्हें 30 में से 10 नंबर भी नहीं आए. इसी के साथ यह भी आरोप लगा था कि इंटरव्यू के लिए तय किए गए 25 अंक को बदलकर 30 कर दिया गया. इन सबके मद्देनजर 30 सितंबर 2013 को पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने पीटीआई भर्ती को रद्द कर दिया था.

इसके खिलाफ पीटीआई शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए आठ अप्रैल 2020 को अपना फैसला सुनाया. फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि साल 2010 में पीटीआई भर्ती में नियमों का उल्लंघन किया गया था.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सभी पीटीआई शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डाली है और सांसद संजय भाटिया की शरण में आए हैं. ताकि वह उनकी कुछ मदद कर सकें. लेकिन बीजेपी सांसद की मौजूदगी में इतनी भारी संख्या में भीड़ कहीं ना कहीं सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़े करती है.

इसे भी पढ़ें:श्रमिक मामले में केंद्र को राजधर्म याद दिलाने के लिए गए सुप्रीम कोर्ट : सुरजेवाला

पानीपत: पूरे विश्व में कोरोना महामारी अपना भयानक रूप दिखा रही है. अब तक तीन लाख से ज्यादा लोग काल के गाल में समा चुके हैं. कोरोना से बचने के लिए लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की जा रही है. लेकिन सांसद संजय भाटिया खुद ही हजारों की भीड़ इकठ्ठा कर रहे हैं.

ताजा मामला पानीपत का है. जहां दोबारा नियुक्ति को लेकर करनाल से लोकसभा सांसद संजय भाटिया से मिलने हजारों की संख्या में पीटीआई टीचर पानीपत सब्जी मंडी पहुंचे. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गई.

दोबारा नियुक्ति को लेकर सांसद संजय भाटिया से मिले पीटीआई शिक्षक

पीटीआई शिक्षक सुनीता ने कहा कि पीटीआई शिक्षक सांसद संजय भाटिया को ज्ञापन देने पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि वो सरकार से मांग करती हैं कि उनकी नौकरी को सुरक्षित रखा जाए. सुनीता ने कहा कि सभी पीटीआई शिक्षक 2010 से नौकरी कर रहे हैं. जिसके बाद अब उन्हें हटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि वो सरकार से मांग करती हैं कि जैसे अन्य मामलों में कर्मचारियों की संवैधानिक प्रक्रिया के तहत नौकरी सुरक्षित रखी गई है. उसी प्रकार पीटीआई शिक्षकों की भी नौकरी सुरक्षित किया जाए.

वहीं एक अन्य पीटीआई शिक्षक मंजीत कौर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में नियुक्ति प्रक्रिया को गड़बड़ बताया है. ना कि पीटीआई शिक्षकों में कोई गड़बड़ी पाई गई है. उन्होंने कहा कि हमारे सारे दस्तावेज सही हैं. इसलिए मानवता के आधार पर सरकार उनकी नौकरी सुरक्षित रखे.

इस मामले में सांसद संजय भाटिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है वह कानूनी पहलू है. लेकिन पीटीआई शिक्षकों का पानीपत पहुंचकर मुझसे मिलना मानवीय पहुलू है. उन्होंने कहा कि पीटीआई शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने कहा कि वो परमात्मा से अपील करते हैं कि इनकी पुनर्विचार याचिका स्वीकार कर ली जाए.

क्या है PTI टीचर्स भर्ती मामला?

साल 2010 में हरियाणा में 1983 पीटीआई शिक्षकों की भर्ती की गई थी. भर्ती में अनियमतिता का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि सैकड़ों चयनित उम्मीदवारों का शैक्षिक रिकॉर्ड बेहद खराब है. आरोप में ये भी लगाया गया कि 90 फीसदी मेधावी उम्मीदवार मौखिक परीक्षा में असफल रहे. उन्हें 30 में से 10 नंबर भी नहीं आए. इसी के साथ यह भी आरोप लगा था कि इंटरव्यू के लिए तय किए गए 25 अंक को बदलकर 30 कर दिया गया. इन सबके मद्देनजर 30 सितंबर 2013 को पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने पीटीआई भर्ती को रद्द कर दिया था.

इसके खिलाफ पीटीआई शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए आठ अप्रैल 2020 को अपना फैसला सुनाया. फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि साल 2010 में पीटीआई भर्ती में नियमों का उल्लंघन किया गया था.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सभी पीटीआई शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डाली है और सांसद संजय भाटिया की शरण में आए हैं. ताकि वह उनकी कुछ मदद कर सकें. लेकिन बीजेपी सांसद की मौजूदगी में इतनी भारी संख्या में भीड़ कहीं ना कहीं सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़े करती है.

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