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प्राइवेट स्कूलों पर भी लॉकडाउन की मार, सरकार से रियायत की मांग - लॉकडाउन में प्राइवेट स्कूल अंबाला

लॉकडाउन के चलते प्राइवेट स्कूलों को भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान कुलभूषण ने प्राइवेट स्कूलों को रियायत देने की मांग की है.

Private schools in lockdown
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Published : Apr 25, 2020, 12:49 PM IST

अंबालाः देश के अंदर कोरोना महामारी की चेन को तोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने एहतियातन 3 मई तक पूरे देश में लॉकडाउन किया है. आम लोगों पर लॉकडाउन का खासा असर पड़ा है. घर का खर्च चलाने से लेकर बच्चों के स्कूल की फीस देना तक लोगों के लिए काफी मुश्किल हो रहा है.

जिसको लेकर प्रदेश सरकार ने सभी निजी स्कूलों को निर्देश जारी किया है कि लॉकडाउन के दौरान अभिभावकों को बच्चों की फीस देने के लिए प्रेशराइज ना किया जाए. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान कुलभूषण शर्मा से बात की और निजी स्कूलों को हो रही परेशानियों के बारे में जाना.

प्राइवेट स्कूलों पर भी लॉकडाउन की मार, सरकार से रियायत की मांग

सिर्फ ट्यूशन फीस लेंगे निजी स्कूल

ईटीवी भारत से बातचीत में कुलभूषण शर्मा ने कहा कि सरकार ने यह निर्देश जारी किया हैं कि लॉकडाउन के दौरान जो भी समर्थवान अभिभावक हैं, वह अपने बच्चों की फीस जमा करवा सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा निजी स्कूलों को तीन महीने की फीस एक साथ लेने के बजाय मंथली फीस लेने के लिए कहा गया है. मंथली फीस में भी निजी स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस लेंगे इसके अलावा वह किसी भी तरह की एक्स्ट्रा एक्सपेंडेचर की फीस को उसमें नहीं जोड़ा जाएगा.

कुलभूषण शर्मा ने कहा कि मौजूदा हालात में निजी स्कूलों के लिए भी काफी मुश्किलें खड़ी हो रही हैं. उन्होंने बताया कि स्कूलों ने मार्च माह की तनख्वाह तो अध्यापकों को दे दी है, लेकिन अप्रैल महीने की तनख्वाह देने में उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि निजी स्कूलों के अध्यापक ई लर्निंग के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे हैं.

लॉकडाउन में बढ़ी निजी स्कूलों की मुश्किलें

उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों के पास बच्चों के फीस के अलावा आय का और कोई साधन नहीं है. निजी स्कूल उसी से अध्यापकों का वेतन, बिजली के बिल, लोन, बसों की इंश्योरेंस, ड्राइवर, ग्रुप 4 एम्पलाइज को वेतन देते हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार को निजी स्कूलों को भी रियायत देनी चाहिए. उन्होंने सरकार से अपील की कि लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों के बच्चों को भी 3000 रुपये प्रति माह दिया जाए. जिससे अभिभावक और निजी स्कूल दोनों के बीच उत्पन्न हो रही तनाव की स्थिति भी खत्म हो जाए और बच्चों की पढ़ाई सुचारु रुप से चल सके. साथ ही निजी स्कूलों को भी मुश्किलों का सामना करने में मदद मिले.

ये भी पढ़ेंः- चंडीगढ़ः घर जाना चाहते हैं शेल्टर होम में रह रहे प्रवासी, बोले- मदद करो सरकार

अंबालाः देश के अंदर कोरोना महामारी की चेन को तोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने एहतियातन 3 मई तक पूरे देश में लॉकडाउन किया है. आम लोगों पर लॉकडाउन का खासा असर पड़ा है. घर का खर्च चलाने से लेकर बच्चों के स्कूल की फीस देना तक लोगों के लिए काफी मुश्किल हो रहा है.

जिसको लेकर प्रदेश सरकार ने सभी निजी स्कूलों को निर्देश जारी किया है कि लॉकडाउन के दौरान अभिभावकों को बच्चों की फीस देने के लिए प्रेशराइज ना किया जाए. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान कुलभूषण शर्मा से बात की और निजी स्कूलों को हो रही परेशानियों के बारे में जाना.

प्राइवेट स्कूलों पर भी लॉकडाउन की मार, सरकार से रियायत की मांग

सिर्फ ट्यूशन फीस लेंगे निजी स्कूल

ईटीवी भारत से बातचीत में कुलभूषण शर्मा ने कहा कि सरकार ने यह निर्देश जारी किया हैं कि लॉकडाउन के दौरान जो भी समर्थवान अभिभावक हैं, वह अपने बच्चों की फीस जमा करवा सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा निजी स्कूलों को तीन महीने की फीस एक साथ लेने के बजाय मंथली फीस लेने के लिए कहा गया है. मंथली फीस में भी निजी स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस लेंगे इसके अलावा वह किसी भी तरह की एक्स्ट्रा एक्सपेंडेचर की फीस को उसमें नहीं जोड़ा जाएगा.

कुलभूषण शर्मा ने कहा कि मौजूदा हालात में निजी स्कूलों के लिए भी काफी मुश्किलें खड़ी हो रही हैं. उन्होंने बताया कि स्कूलों ने मार्च माह की तनख्वाह तो अध्यापकों को दे दी है, लेकिन अप्रैल महीने की तनख्वाह देने में उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि निजी स्कूलों के अध्यापक ई लर्निंग के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे हैं.

लॉकडाउन में बढ़ी निजी स्कूलों की मुश्किलें

उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों के पास बच्चों के फीस के अलावा आय का और कोई साधन नहीं है. निजी स्कूल उसी से अध्यापकों का वेतन, बिजली के बिल, लोन, बसों की इंश्योरेंस, ड्राइवर, ग्रुप 4 एम्पलाइज को वेतन देते हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार को निजी स्कूलों को भी रियायत देनी चाहिए. उन्होंने सरकार से अपील की कि लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों के बच्चों को भी 3000 रुपये प्रति माह दिया जाए. जिससे अभिभावक और निजी स्कूल दोनों के बीच उत्पन्न हो रही तनाव की स्थिति भी खत्म हो जाए और बच्चों की पढ़ाई सुचारु रुप से चल सके. साथ ही निजी स्कूलों को भी मुश्किलों का सामना करने में मदद मिले.

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