अंबाला: हरियाणा में बॉन्ड पॉलिसी का मुद्दा इन दिनों तेजी से तूल पकड़ता जा रहा है. पॉलिसी के खिलाफ MBBS छात्रों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. वहीं इस प्रदर्शन से मरीजों को खासी परेशानी हो रही है. वहीं डॉक्टर्स की हड़ताल की कुछ मरीजों को खबर नहीं है परेशान मरीज सुबह से अस्पताल में बैठे डॉक्टर्स का इंतजार कर रहे हैं लेकिन मरीज की सुध लेने वाला अस्पताल में कोई भी नहीं है.
वहीं कुछ लोगों का कहना है कि सुबह से वो अपने छोटे बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंचे है लेकिन बीमार बच्चों को एडमिट करने के लिए कोई भी डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं है. जिसके कारण बीमार बच्चों की हालत और ज्यादा बिगड़ रही है. साफ तौर पर कहा जा सकता है कि मरीजों पर इस हड़ताल का खासा असर दिखाई दे रहा है. मरीज बीमारी में तड़प रहे हैं और उनकी सूध लेने वाले हड़ताल पर हैं.
वहीं अब बांड पॉलिसी के खिलाफ डटे MBBS छात्रों के सहयोग में IMA भी उतर आया है. आज अंबाला के निजी हस्पतालों में मरीजों को डॉक्टरों ने सिर्फ इमरजेंसी में ही चेक किया. इसके अलावा ओपीडी को बंद रखा. इस दौरान मरीज व तीमारदार परेशान होते एक हस्पताल से दूसरे हस्पताल में भटकते नजर आए.
हरियाणा में बांड पॉलिसी के विरोध में MBBS छात्र धरने पर हैं और अब उनके सहयोग में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भी उतर आई है. IMA की कॉल पर निजी अस्पतालों ने ओपीडी बंद रखी और सिर्फ इमरजेंसी जैसे हालातो में ही मरीजों को चेक किया. इस दौरान मरीजों और तीमारदारों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
अंबाला में ज्यादातर अस्पताल इस हड़ताल में शामिल नहीं हुए और उन्होंने ओपीडी चालू रखी लेकिन काफी अस्पतालों ने IMA की कॉल का समर्थन किया. हड़ताल का समर्थन कर रहे डॉ गुरप्रीत सिंह ने बताया कि यह स्ट्राइक डॉक्टरों द्वारा इसलिए की जा रही है क्योंकि जो बच्चे रोहतक से पास होते हैं तो उनके खिलाफ साइन शुरू होते है कि अगर कोई छोड़ कर जाता है. तो उसको 40 लाख बॉन्ड देना पड़ता है. तो इसी के कारण आज डाक्टर्स ने सटाइक रखी.