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अंबाला में किसान आंदोलन के चलते यात्रियों को करना पड़ रहा भारी परेशानियों का सामना

अंबाला में किसान आंदोलन के चलते यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यात्रियों का कहना है कि किसानों को जा कर संसद भवन का घेराव करना चाहिए. उनको हाईवे जाम कर क्या मिलेगा?

passengers facing problems due to farmers protest against agriculture laws in ambala
अंबाला में किसान आंदोलन के चलते यात्रियों को करनी पड़ रही भारी परेशानियों का सामना
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Published : Nov 5, 2020, 7:08 PM IST

अंबाला: किसान संगठनों द्वारा किए गए भारत बंद का असर अंबाला जिले से लगते दिल्ली-चंडीगढ़ और दिल्ली अमृतसर नेशनल हाईवे पर देखने को मिला. जहां किसान कृषि कानूनों के विरोध में नेशनल हाईवे को जाम कर अपना विरोध जताया. किसानों का कहना है कि जब तक मोदी सरकार कृषि के तीनों कानूनों को वापस नहीं लेती या फिर उसमें संसोधन नहीं करती. तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.

एक तरफ जहां किसान अपने हक को लेकर प्रदर्शन और सड़कें जाम कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ हाईवे जाम होने के चलते यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि आर्मी के काफिले को भी किसानों ने रास्ता नहीं दिया.

अंबाला में किसान आंदोलन के चलते यात्रियों को करना पड़ रहा भारी परेशानियों का सामना

बता दें कि, कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने बकायदा 12 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक शंभू और सद्दोपुर बॉर्डर को ब्लॉक करके रखा. इस दौरान किसानों ने मरीजों और एंबुलेंस को छोड़कर किसी भी वाहन को सफर तय नहीं करने दिया. किसानों का कहना है कि कृषि कानूनों को लेकर उनका संघर्ष जारी रहेगा. चाहे इसके लिए उन्हें मरना या मारना क्यों ना पड़ जाए.

पंजाब के किसानों द्वारा लालरू में नेशनल हाईवे को बंद किया गया था. जिसके चलते पंजाब और हरियाणा पुलिस ने साझा कार्य करते हुए वाहन चालकों को डायवर्ट किए हुए रास्तों के बारे अवगत करवाया. जिसके चलते यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

इस संबंध में जब ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने जाम में फंसे यात्रियों से बात की तो उन्होंने किसानों को जमकर कोसा. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यदि किसानों को कृषि कानूनों से आपत्ति है, तो वह संसद का घेराव करें. यूं नेशनल हाईवे को बंद करके आम जिंदगी रोकने से उन्हें क्या मिलेगा.

ये भी पढ़ें: कृषि कानूनों के विरोध में विधानसभा तक पैदल मार्च निकालेगी कांग्रेस: किरण चौधरी

अंबाला: किसान संगठनों द्वारा किए गए भारत बंद का असर अंबाला जिले से लगते दिल्ली-चंडीगढ़ और दिल्ली अमृतसर नेशनल हाईवे पर देखने को मिला. जहां किसान कृषि कानूनों के विरोध में नेशनल हाईवे को जाम कर अपना विरोध जताया. किसानों का कहना है कि जब तक मोदी सरकार कृषि के तीनों कानूनों को वापस नहीं लेती या फिर उसमें संसोधन नहीं करती. तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.

एक तरफ जहां किसान अपने हक को लेकर प्रदर्शन और सड़कें जाम कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ हाईवे जाम होने के चलते यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि आर्मी के काफिले को भी किसानों ने रास्ता नहीं दिया.

अंबाला में किसान आंदोलन के चलते यात्रियों को करना पड़ रहा भारी परेशानियों का सामना

बता दें कि, कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने बकायदा 12 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक शंभू और सद्दोपुर बॉर्डर को ब्लॉक करके रखा. इस दौरान किसानों ने मरीजों और एंबुलेंस को छोड़कर किसी भी वाहन को सफर तय नहीं करने दिया. किसानों का कहना है कि कृषि कानूनों को लेकर उनका संघर्ष जारी रहेगा. चाहे इसके लिए उन्हें मरना या मारना क्यों ना पड़ जाए.

पंजाब के किसानों द्वारा लालरू में नेशनल हाईवे को बंद किया गया था. जिसके चलते पंजाब और हरियाणा पुलिस ने साझा कार्य करते हुए वाहन चालकों को डायवर्ट किए हुए रास्तों के बारे अवगत करवाया. जिसके चलते यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

इस संबंध में जब ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने जाम में फंसे यात्रियों से बात की तो उन्होंने किसानों को जमकर कोसा. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यदि किसानों को कृषि कानूनों से आपत्ति है, तो वह संसद का घेराव करें. यूं नेशनल हाईवे को बंद करके आम जिंदगी रोकने से उन्हें क्या मिलेगा.

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