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15 दिन से एनएचएम कर्मियों की हड़ताल बनी मरीजों की मुसीबत, ये है टकराव की बड़ी वजह

अपनी लंबित मागों को लेकर पूरे हरियाणा में एनएचएम कर्मचारी पिछले 5 फरवरी से हड़ताल पर बैठे हैं. का कहना हैं कि अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती तो हम पहले 24 घंटे की हड़ताल पर बैठेंगे, जिसमें एनएचएम महिला कर्मचारी दिन मे और एनएचएम पुरुष कर्मचारी रात में हड़ताल पर बैठेंगे. अगर सरकार फिर भी नहीं चेती तो हम 72 घंटे के लिए हड़ताल को बढ़ा देंगे.

धरना देते एनएचएम कर्मचारी
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Published : Feb 19, 2019, 10:26 AM IST

NHM Workers Protest
धरना देते एनएचएम कर्मचारी
अंबाला: 5 फरवरी से प्रदेशभर में एनएचएम कर्मचारी हड़ताल पर हैं. आज एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल 15वें दिन में प्रवेश कर गई. न तो एनएचएम कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने को तैयार हैं और न ही सरकार इनसे बात करने को तैयार है. जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
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क्या है पूरा मामला?

बता दें कि अपनी लंबित मागों को लेकर पूरे हरियाणा में एनएचएम कर्मचारी पिछले 5 फरवरी से हड़ताल पर बैठे हैं. का कहना हैं कि अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती तो हम पहले 24 घंटे की हड़ताल पर बैठेंगे, जिसमें एनएचएम महिला कर्मचारी दिन मे और एनएचएम पुरुष कर्मचारी रात में हड़ताल पर बैठेंगे. अगर सरकार फिर भी नहीं चेती तो हम 72 घंटे के लिए हड़ताल को बढ़ा देंगे.

धरना देते एनएचएम कर्मचारी
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वहीं एनएचएम कर्चारियों के अड़ियल रवैय के कारण सरकार ने शक्ति दिखानी शुरू कर दी है. कई जिलो में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बर्खास्त के आदेश जारी कर दिए गए हैं और कई जगहों पर टर्मिनेट भी कर दिया गया है. अब देखना ये होगा की क्या सरकार और एनएचएम कर्चारियों के बीच वार्ता हो पायेगी या नहीं.

NHM Workers Protest
धरना देते एनएचएम कर्मचारी
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आउटसोर्सिंग पर भी रखे गए कर्मचारी

मामले में जब अंबाल के सीएमओ संत लाल वर्मा से बात कि गई तो उन्होंने बताया कि 5 फरवरी एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से मेडिकल डिपार्टमेंट की सेवाएं प्रभावित हो रही थी. जिसके चलते हमने हमारे रेगुलर स्टाफ को जो जिले के अलग-अलग इलाकों में अपनी सेवाएं दे रहे थे. उन्हें इन सभी इमरजेंसी वार्डों में नियुक्त किया. ताकि इमरजेंसी सेवाएं सुचारू रूप से चल सके. इसके अतिरिक्त हमने आउटसोर्सिंग के जरिए 18 एंबुलेंस ड्राइवर और कंप्यूटर ऑपरेटर को नियुक्त किया, ताकि एंबुलेंस के कंट्रोल रूम की सेवाएं और एंबुलेंस की सेवा सुचारू रूप से चल सके.

मानी गई मांगे

वहीं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना हैं कि एनएचएम कर्मचारी रेगुलर नहीं किए जा सकते हैं. ये केंद्र के प्रोजेक्ट में हैं. इनकी बाकी मांगें मानी जा चुकी है. इनका मानदेय बढ़ाया जा चुका है. जिससे राज्य सरकार पर 110 करोड़ रुपये एक्सट्रा भार आया है.

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'रेगुलर करें या रिटायरमेंट तक नौकरी पर रखे'

कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रेहान राजा का कहना है कि सरकार या तो रेगुलर करें या फिर रिटायरमेंट की उम्र तक नौकरी पर अन्य कर्मचारियों की तरह लाभ दे. जम्मू-कश्मीर में भी एनएचएम कर्मचारी हड़ताल पर हैं. वहां बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष कर्मचारियों से मिलकर आए हैं, जबकि यहां कोई बात तक नहीं कर रहा है.

मुख्य मांगें

  • अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई किया जाए
  • स्थाई सेवा मुहैया कराई जाए
  • ठेकेदारी नियम में संशोधन किया जाए
  • सातवें वेतन आयोग की मांग पूरी की जाए

NHM Workers Protest
धरना देते एनएचएम कर्मचारी
अंबाला: 5 फरवरी से प्रदेशभर में एनएचएम कर्मचारी हड़ताल पर हैं. आज एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल 15वें दिन में प्रवेश कर गई. न तो एनएचएम कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने को तैयार हैं और न ही सरकार इनसे बात करने को तैयार है. जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
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क्या है पूरा मामला?

बता दें कि अपनी लंबित मागों को लेकर पूरे हरियाणा में एनएचएम कर्मचारी पिछले 5 फरवरी से हड़ताल पर बैठे हैं. का कहना हैं कि अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती तो हम पहले 24 घंटे की हड़ताल पर बैठेंगे, जिसमें एनएचएम महिला कर्मचारी दिन मे और एनएचएम पुरुष कर्मचारी रात में हड़ताल पर बैठेंगे. अगर सरकार फिर भी नहीं चेती तो हम 72 घंटे के लिए हड़ताल को बढ़ा देंगे.

धरना देते एनएचएम कर्मचारी
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वहीं एनएचएम कर्चारियों के अड़ियल रवैय के कारण सरकार ने शक्ति दिखानी शुरू कर दी है. कई जिलो में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बर्खास्त के आदेश जारी कर दिए गए हैं और कई जगहों पर टर्मिनेट भी कर दिया गया है. अब देखना ये होगा की क्या सरकार और एनएचएम कर्चारियों के बीच वार्ता हो पायेगी या नहीं.

NHM Workers Protest
धरना देते एनएचएम कर्मचारी
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आउटसोर्सिंग पर भी रखे गए कर्मचारी

मामले में जब अंबाल के सीएमओ संत लाल वर्मा से बात कि गई तो उन्होंने बताया कि 5 फरवरी एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से मेडिकल डिपार्टमेंट की सेवाएं प्रभावित हो रही थी. जिसके चलते हमने हमारे रेगुलर स्टाफ को जो जिले के अलग-अलग इलाकों में अपनी सेवाएं दे रहे थे. उन्हें इन सभी इमरजेंसी वार्डों में नियुक्त किया. ताकि इमरजेंसी सेवाएं सुचारू रूप से चल सके. इसके अतिरिक्त हमने आउटसोर्सिंग के जरिए 18 एंबुलेंस ड्राइवर और कंप्यूटर ऑपरेटर को नियुक्त किया, ताकि एंबुलेंस के कंट्रोल रूम की सेवाएं और एंबुलेंस की सेवा सुचारू रूप से चल सके.

मानी गई मांगे

वहीं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना हैं कि एनएचएम कर्मचारी रेगुलर नहीं किए जा सकते हैं. ये केंद्र के प्रोजेक्ट में हैं. इनकी बाकी मांगें मानी जा चुकी है. इनका मानदेय बढ़ाया जा चुका है. जिससे राज्य सरकार पर 110 करोड़ रुपये एक्सट्रा भार आया है.

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'रेगुलर करें या रिटायरमेंट तक नौकरी पर रखे'

कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रेहान राजा का कहना है कि सरकार या तो रेगुलर करें या फिर रिटायरमेंट की उम्र तक नौकरी पर अन्य कर्मचारियों की तरह लाभ दे. जम्मू-कश्मीर में भी एनएचएम कर्मचारी हड़ताल पर हैं. वहां बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष कर्मचारियों से मिलकर आए हैं, जबकि यहां कोई बात तक नहीं कर रहा है.

मुख्य मांगें

  • अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई किया जाए
  • स्थाई सेवा मुहैया कराई जाए
  • ठेकेदारी नियम में संशोधन किया जाए
  • सातवें वेतन आयोग की मांग पूरी की जाए
Intro:एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल आज 14 वे दिन में प्रवेश कर चुकी है लेकिन ना तो सरकार और ना ही एनएचएम कर्मचारी पीछे हटने को तैयार हैं और जिसका खामियाजा आम पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है।


Body:बता दें कि पिछले लगातार 14 दिनों से चली आ रही एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से एसएनसीयू वार्ड लेबर बोर्ड इमरजेंसी वार्ड और एंबुलेंस सेवाएं प्रभावित हो रही हैं लेकिन ना तो सरकार और ना ही एनएचएम कर्मचारी आमजन की समस्याओं को समझ पा रहे हैं।

एक तरफ एनएचएम कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर जिद पर अड़े हुए हैं और दूसरी तरफ सरकार एक के बाद एक हड़ताल पर बैठे एनएचएम कर्मचारियों को टर्मिनेट करती जा रही है।

इसी सिलसिले में जब हमने अंबाला के सी एम ओ संत लाल वर्मा से बात करी तो उन्होंने बताया कि 5 फरवरी से लेकर अब तक लगातार चली आ रही एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से बहुत से मेडिकल डिपार्टमेंट की सेवाएं प्रभावित हो रही थी जिसके चलते हमने हमारे रेगुलर स्टाफ को जो जिले के अलग-अलग इलाकों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे थे उन्हें इन सभी इमरजेंसी वार्ड्स में नियुक्त किया है ताकि इमरजेंसी सेवाएं सुचारू रूप से चल सके। इसके अतिरिक्त हमने आउटसोर्सिंग के जरिए 18 एंबुलेंस ड्राइवर और कंप्यूटर ऑपरेटर को भी नियुक्त किया है ताकि एंबुलेंस के कंट्रोल रूम की सेवाएं और एंबुलेंस की सेवा सुचारू रूप से चल सके।

वर्मा ने बताया कि मैं समझता हूं एनएचएम कर्मचारियों की मांगे जायज हैं और जिसको सरकार ने माना भी है लेकिन लागू करने में कुछ समय लगता है जिसे एनएचएम कर्मचारियों को समझना चाहिए ना की हठधर्मिता पर उतरना चाहिए।

बाइट- संत लाल वर्मा, सीएमओ,अंबाला

वहीं दूसरी तरफ हड़ताल पर बैठे एनएचएम कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी ना करके देश भक्ति के गाने गाकर अपनी हड़ताल को बदस्तूर जारी रखा।

एनएचएम कर्मचारी संघ की उपप्रधान अनीता खन्ना ने बताया कि सरकार द्वारा हमारी मांगे ना माने जाने के चलते आज से हम लोग 24 घंटे की लगातार हड़ताल पर बैठेंगे जिसमें एनएचएम महिला कर्मचारी दिन के वक्त हड़ताल पर बैठेंगे और एनएचएम पुरुष कर्मचारी रात को भी हड़ताल पर बैठेंगे साथ ही उन्होंने कहा कि यदि सरकार फिर भी हमारे मांगे नहीं मानती है तो हम 72 घंटे की लगातार हड़ताल पर बैठेंगे।

खन्ना ने कहा हमें सरकार पर पूरा भरोसा है कि जिस तरह से उन्होंने गेस्ट टीचर की जायज मांगों को माना है ठीक उसी तरह से वह एनएचएम कर्मचारियों की मांगों को भी मानेंगे और 72 घंटे की लगातार हड़ताल पर बैठने की हमें जरूरत नहीं पड़ेगी।

बाइट- अनिता खन्ना,उप प्रधान,एनएचएम कर्मचारी संघ


Conclusion:
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