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अंबाला परिषद में सालों से अटकी हैं म्यूटेशन फाइलें, नागरिक झेल रहे परेशानी

अंबाला छावनी नगर परिषद में एक्साइज एरिया के म्यूटेशन की करीबन सैकड़ों फाइलें विभिन्न अधिकारियों के टेबल पर धूल चाट रही हैं. वर्षों से अटकी पड़ी म्यूटेशन की फाइलों से नागरिकों को भारी परेशानी हो रही है.

Mutation files have been stucked in Ambala Council for years
Mutation files have been stucked in Ambala Council for years
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Published : Dec 2, 2019, 9:20 PM IST

अंबाला: सरकार ने अंबाला छावनी नगर निगम को नगर परिषद में तो तब्दील कर दिया, लेकिन अधिकारियों की कारगुजारी में कोई फर्क नही पड़ा है. अंबाला छावनी को जिला प्रशासन ने 4 हिस्सों में बांटा है जिनमें कंटोनमेंट बोर्ड, एक्साइज एरिया, महेश नगर एरिया ओर ग्रामीण एरिया आते हैं.

एक्साइज एरिया को छोड़ कर बाकी सभी इलाके में म्यूटेशन और इंतकाल का काम हो रहा है, लेकिन एक्साइज एरिया की म्यूटेशन पिछले लंबे समय से रुकी हुई है. इसी के चलते सैकड़ों फाइलें विभिन्न टेबलों पर धूल फांक रही हैं.

अंबाला परिषद में सालों से अटकी हैं म्यूटेशन फाइलें, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- बढ़ते महिला अपराध पर हरियाणा महिला आयोग गंभीर, लिखा मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र

लोगों का आरोप- बिना कारण रोकी हैं फाइलें
लोगों का कहना है कि इन फाइलों को बिना ऑब्जेक्शन लगे लंबे समय से रोका हुआ है. प्रभावित लोग चक्कर काट-काट कर थक गए हैं, लेकिन कोई सही जवाब ही नहीं दे रहा और ऑफिसर की मंशा आज तक समझ नहीं आई कि वो इसे क्लियर करने में क्यों आना कानी कर रहे हैं.

'बस 180 फाइल ही हैं पेंडिंग'
इस बारे जब परिषद के कार्यकारी अधिकारी विनोद नेहरा से बात की गई तो उन्होंने मीडिया के सवाल के आंकड़ों को गलत बताते अपना आंकड़ा फिट कर दिया. उनका मानना था कि केवल 180 फाइल ही फंसी हुई हैं जिनको क्लियर करना है. उनका कहना है कि पिछले दो साल का तो नहीं पता लेकिन उन्हें आए तीन महीने हुए हैं. उस दौरान दूसरे एरिया की फाइलों को निकाला गया है और केवल एक्साइज एरिया की 180 फाइलें पेंडिंग हैं.

अंबाला: सरकार ने अंबाला छावनी नगर निगम को नगर परिषद में तो तब्दील कर दिया, लेकिन अधिकारियों की कारगुजारी में कोई फर्क नही पड़ा है. अंबाला छावनी को जिला प्रशासन ने 4 हिस्सों में बांटा है जिनमें कंटोनमेंट बोर्ड, एक्साइज एरिया, महेश नगर एरिया ओर ग्रामीण एरिया आते हैं.

एक्साइज एरिया को छोड़ कर बाकी सभी इलाके में म्यूटेशन और इंतकाल का काम हो रहा है, लेकिन एक्साइज एरिया की म्यूटेशन पिछले लंबे समय से रुकी हुई है. इसी के चलते सैकड़ों फाइलें विभिन्न टेबलों पर धूल फांक रही हैं.

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लोगों का आरोप- बिना कारण रोकी हैं फाइलें
लोगों का कहना है कि इन फाइलों को बिना ऑब्जेक्शन लगे लंबे समय से रोका हुआ है. प्रभावित लोग चक्कर काट-काट कर थक गए हैं, लेकिन कोई सही जवाब ही नहीं दे रहा और ऑफिसर की मंशा आज तक समझ नहीं आई कि वो इसे क्लियर करने में क्यों आना कानी कर रहे हैं.

'बस 180 फाइल ही हैं पेंडिंग'
इस बारे जब परिषद के कार्यकारी अधिकारी विनोद नेहरा से बात की गई तो उन्होंने मीडिया के सवाल के आंकड़ों को गलत बताते अपना आंकड़ा फिट कर दिया. उनका मानना था कि केवल 180 फाइल ही फंसी हुई हैं जिनको क्लियर करना है. उनका कहना है कि पिछले दो साल का तो नहीं पता लेकिन उन्हें आए तीन महीने हुए हैं. उस दौरान दूसरे एरिया की फाइलों को निकाला गया है और केवल एक्साइज एरिया की 180 फाइलें पेंडिंग हैं.

Intro:अम्बाला छावनी नगर परिषद में एक्साइज एरिया के म्यूटेशन की करीबन सैकड़ों फाइलें विभिन्न अधिकारियों के टेबल पर धूल चाट रही है। वर्षों से अटकी पड़ी म्यूटेशन की फाइलों से नागरिकों को भारी परेशानी हो रही हैं। कोई भी अधिकारी इन पर लगे ऑब्जेक्शन से उनके क्लियर करने तक कुछ भी बोलने को तैयार नही हैं। वहीं परिषद के कार्यकारी अधिकारी का कहना है कि केवल 180 फाइलें ही पेंडिंग है जिन्हें जल्द क्लियर कर दिया जाएगा। Body:अम्बाला छावनी नगर निगम से नगर परिषद में तो सरकार ने तब्दील कर दिया लेकिन अधिकारियों की कारगुजारी में कोई फर्क नही पड़ा है। अंबाला केंट को जिला प्रशासन ने 4 हिस्सों में बाटा गया है जिनमे केंटोनमेंट बोर्ड, एक्साइज एरिया, महेश नगर एरिया ओर ग्रामीण एरिया आते हैं। एक्साइज एरिया को छोड़ कर बाकी सभी इलाके में "म्यूटेशन ओर इंतकाल" का काम हो रहा है मगर एक्साइज एरिया की म्यूटेशन पिछले लंबे समय से रुकी हुई हैं, इसी के चलते सैकड़ों फाइलें विभिन्न टेबलों पर धूल फांक रही हैं। लोगों का कहना है कि इन फाइलों को बिना ऑब्जेक्शन लगे अकारण लंबे समय से रोका हुआ हैं। प्रभावित लोग चक्कर काट काट कर थक गए हैं मगर कोई सही जवाब ही नही दे रहा ओर ऑफिसर की मंशा आज तक समझ नही आई कि वो इसे क्लियर करने में क्यो आना कानी कर रहे हैं?। कभी म्यूटेशन क्लर्क, कभी हाऊस टेक्स, कभी परिषद सचिव ओर फिर ईओ के टेबल पर पड़ी होने के बहाने लगाए जाते हैं। लेकिन वस्तुस्थिति क्लियर नही की जाती। थक हार कर पीड़ित नागरिक दलालों के चक्कर मे फंसकर समय के साथ पैसा भी बर्बाद कर देता है। लोगो का कहना है जहां सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है वहीं नागरिकों को परिषद के धक्के खाते देखा जा सकता है।

बाईट--नरेंद्र आहूजा--पीड़ित।
बाईट--नवीन--पीड़ित।

वीओ--इस बारे जब परिषद के कार्यकारी अधिकारी विनोद नेहरा से बात की गई तो उन्होंने मीडिया के सवाल के आंकड़ों को गलत बताते अपना आंकड़ा फिट कर दिया। उनका मानना था कि केवल 180 फाइल ही फंसी हुई हैं जिनको क्लियर करना हैं। उनका कहना है कि पिछले दो साल का तो नही पता वे तो तीन महीने से आये हैं उस दौरान दूसरे एरिया की फाइलों को निकाला गया है केवल एक्साइज एरिया की 180 फाइलें पेंडिंग है जिन्हें कुछ समय मे क्लियर कर दिया जाएगा। उनका कहना है पहले फाइल डीसी से क्लियर होती थी जिन्हें अब निगम की एडीए ब्रांच अधिकारी ही क्लियर करेगा।

बाईट--विनोद नेहरा--ईओ नगर परिषद अम्बाला।Conclusion:
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