अंबाला: जंगल से रास्ता भटक कर तेंदुआ अंबाला शहर में पहुंच गया. रात ज्यादा होने की वजह से लोग पहचान नहीं पाए. तेंदुआ गली में खड़ी कार के ऊपर बैठ गया, जिसे देखकर लोग काफी डर गए. तेंदुआ भी लोगों को देखकर काफी डर गया और गलियों में भागने लगा. लोगों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी. तेंदुए को काबू करने के लिए कुरुक्षेत्र और बरवाला से वन विभाग और पुलिस की टीमें बुलाई गई.
कमरे में बंधी गाय को नहीं पहुंचाया नुकसान
तेंदुआ जहां छिपा हुआ था, उस कमरे में एक गाय भी बंधी थी. तेंदुए ने किसी इंसान को नुकसान नहीं पहुंचाया और ना ही किसी जानवर को निशाना बनाया. लोगों का कहना है कि अगर समय रहते वो तेंदुए को न देखते तो तेंदुआ कुछ भी नुकसान पहुंचा सकता था. साथ ही लोगों ने वन विभाग की टीम पर भी आरोप लगाया. लोगों ने बताया अंबाला वन विभाग की टीम के पास कोई भी ऐसा सामान नहीं था, जिससे तेंदुए को काबू किया जा सकता.
काफी देर तक तेंदुआ गली में खड़ी कार के ऊपर बैठा रहा. जब लोग तेंदुए को देखकर शोर करने लगे तो तेंदुआ वहां से भाग गया और पशुओं के बाड़े में घुस गया. बाड़ा भी आकार में ज्यादा बड़ा नहीं था. करीब आधे बाड़े में तूड़ी पड़ी थी और पास में एक गाय बंधी हुई थी. लोगों ने समझदारी दिखाते हुए कमरा बंद कर दिया.
पुलिस ने किया तेंदुए का रेस्क्यू
जब पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई तो लोगों ने पूरा वाकया उनको बताया. वन विभाग की टीम ने बाड़े की छत में एक छेद किया. पुलिस और वन विभाग की टीम ने तेंदुए को नशे का इंजेक्शन दिया, जिसके बाद तेंदुआ बेहोश हो गया.
ये भी पढ़ें:-हरियाणा में 28 साल बाद सबसे कम मतदान, 1991 में हुआ था 65.86 फीसदी मतदान
पुलिस और वन विभाग की टीम ने घर को लोगों और गली में इकट्ठी हुई भीड़ को वहां से हटाया और रेस्क्यू किया. बाड़े का दरवाजा खोल घायल तेंदुए को लोहे के पिंजड़े में बंद किया गया. ये पूरी रेस्क्यू करीब 2 घंटे तक चला. जिसके बाद तेंदुए को वन विभाग की टीम ने सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया. गनीमत रही कि तेंदुए ने शहर में किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया.