अंबाला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन किया है. कोरोना के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए सरकार ने ये फैसला लिया है. वहीं इस लॉकडाउन के बाद परिवहन सेवा बिल्कुल बंद हो चुकी है. पब्लिक और प्राइवेट परिवहन सेवा थम चुकी है.
लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी-मजदूरी करने वाले लोगों के सामने खाने-पीने की समस्या बन चुकी है. लोगों के पास काम नहीं है ना ही गुजारा करने के लिए पैसे. इसलिए लोग अब अपने घरों की ओर पैदल ही निकल पड़े हैं. अंबाला में ऐसे ही कुछ लोगों से ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने बातचीत की.
पंजाब से आ रहे कुछ लोगों ने बताया कि ना तो हमारे पास पैसे हैं और ना ही खाने पीने का सामान. उन्होंने बताया कि उनके घर पर इमरजेंसी है इसलिए वो लोग पैदल ही यूपी, बिहार और सहारनपुर के लिए निकल पड़े हैं.
कुछ लोगों ने बताया कि महीना खत्म होने से पहले ही सरकार ने लॉकडाउन कर दिया, जिसके चलते उन्हें तनख्वाह तक नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि अब उन्हें भूखे पेट ही अपने घरों की ओर सफर करना होगा.
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ईटीवी भारत की टीम को एक ऐसा ट्रक मिला जो जरूरी वस्तुएं लेकर जा रहा है. ट्रक के ड्राइवर ने हमें बताया कि उसके पास पैसे तो हैं, लेकिन रास्ते में कहीं भी होटल नहीं खुले हैं, इसलिए उसे भी भूखे पेट सफर तय करना पड़ रहा है.
सद्दोपुर बैरियर पर ड्यूटी पर तैनात एसआई सुखविंदर सिंह ने बताया कि पुलिसकर्मी लॉकडाउन के तहत 24 घंटे बैरियर पर मुस्तैदी से ड्यूटी दे रहे हैं, लेकिन कुछ लोग बिना किसी इमरजेंसी के जाली दस्तावेज दिखाकर यहां से निकलने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, हमने आमजन की जरूरतों को समझते हुए सुबह 8 से 11 बजे तक ढील दी थी.
एसआई सुखविंदर ने बताया कि बहुत से मजदूरी करने वाले लोग भी आ रहे हैं, जो पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को पुलिस अपनी तरफ से खाने पीने का सामान दे रही है. उन्होंने कहा कि ये कार्य हम अपनी इच्छा से कर रहे हैं.