अंबालाः हरियाणा में गेहूं की खरीद 20 अप्रैल से शुरू हो रही है. सरकार और प्रशासन अपने स्तर पर खरीद तैयारियां पूरी कर चुके हैं. लेकिन मजदूरों की कमी के चलते अंबाला जिले के कई इलाकों में मजदूरों ने फसल की कटाई शुरू नहीं की है. लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूर या तो वापस चले गए हैं या कही आ जा नहीं पा रहे हैं. जिसके चलते किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऊपर से मौसम का डर अलग से सता रहा है.
कटाई के लिए नहीं मिल रहे मजदूर
सबसे ज्यादा दिक्कत छोटे किसानों को आ रही है. जिनके पास न तो मशीन से फसल कटाई के लिए पैसे हैं और ना ही उनके परिवार में इतने सदस्य हैं कि वे खुद फसल काट सकें. किसानों का कहना है कि जो मजदूर हैं वो महंगे मिल रहे हैं. मशीनें अभी पंजाब से उनके पास नहीं आ रही और उनके पास भंडारण की व्यवस्था भी नहीं है.
फसल भंडारण की भी व्यवस्था नहीं
किसानों ने सरकार पर भी कोरोना के मद्देनजर खास इंतजाम ना करने का आरोप लगाया है. किसानों का कहना है कि सरकार ने पहले गांवों में मंडियां लगवाने का वादा किया था. लेकिन अब कुछ नहीं हो रहा है.
मजदूर को लेकर अंबाला विधायक बेबस !
वहीं इस मामले पर जब ईटीवी भारत की टीम ने अंबाला शहर से विधायक असीम गोयल से बात की तो उन्होंने बताया किसानों की समस्याओं को देखते हुए उन्होंने शेल्टर होम्स में रह रहे प्रवासी मजदूरों से बात की है. लेकिन शेल्टर होम में रह रहे प्रवासी मजदूर इंडस्ट्रीज में काम करते हैं. जिसके चलते उन्हें खेती-बाड़ी का अनुभव नहीं है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते किसानों को बहुत समस्याएं आ रही हैं. असीम गोयल ने किसानों से एक-दूसरे की मदद और मनरेगा मजदूरों से फसल कटवाने की अपील की है.
वहीं इस मौसम में आगजनी के मामले भी सामने आते रहते हैं. इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में दो जगह चिन्हित किए गए हैं. जहां पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तैनात रहेंगी. ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से तुरंत निपटा जा सके.
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