अंबाला: हरियाणा सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान आयुष के डॉक्टर्स को 89 दिन के कॉन्ट्रेक्ट बेस पर रखा था. कॉन्ट्रेक्ट पूरा होते ही उन डॉक्टर्स को निकाल दिया गया. इसी के चलते ये डॉक्टर्स गृह मंत्री अनिल विज से गुहार लगाने उनके निवास स्थान पर पहुंचे.
इस पर डॉक्टर कुलदीप का कहना है कि आयुष डॉक्टर ने इस महामारी के दौरान अपना 100% देने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद थी की सरकार 89 दिन के बाद हमें निकलेगी नहीं, बल्कि जब तक कोरोना है. तब तक हमें रखेगी. उन्होंने कहा कि हम चार बार ग्रह मंत्री से मिल चुके हैं. हर बार आश्वाशन दे देते हैं.
उन्होंने कहा कि खाली आश्वाशन से काम नहीं चलता, क्योंकि हम सब अपने काम धंधे छोड़कर आए थे. कोरोना काल में हमें सभी पावर देकर 89 दिन काम कराकर हमारा चौकीदार से भी बुरा हाल कर दिया. वहीं डॉक्टर भरत का कहना है कि शुरू में कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने 218 वैकेंसी निकाली थी, इसमें 206 पर भर्ती हुई थी.
उन्होंने कहा कि 89 दिन पूरा होने के बाद उनको हटा दिया गया है. साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या हरियाणा में कोरोना खत्म हो गया है? उन्होंने डिपार्टमेंट पर टस से मस न होने के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि जब सभी हरियाणा के सिविल अस्पताल बंद थे, तब हमने हर जगह ड्यूटी की. उन्होंने कहा कि हमने 25 हजार की सैलरी पर इसलिए काम किया क्योंकि हम सोचते थे कि डॉक्टर होने के नाते देश के लिए हम भी कुछ करें.
ये भी पढे़ं:-सीएम मनोहर लाल के बाद कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा भी कोरोना पॉजिटिव
गृह मंत्री अनिल विज से मिलने पर एसएमओ सुरूचि भाटी ने कहा कि मंत्री ने हमें आश्वासन दिया हैकि जल्द ही फाइल निकाली जाएगी और उनको 2-3 दिन में फिर से रख लिया जाएगा. इससे उनको थोड़ी राहत जरूर मिली है. फिलहाल देखने वाली बात होगी कि गृह मंत्री के आश्वासन के बाद कब तक इन डॉक्टर्स की ज्वाइनिंग होगी.