अंबाला: नेशनल हाईवे के नजदीक अंबाला छावनी में 22 एकड़ की जमीन पर लगभग 300 करोड़ रुपयों की लागत से 1857 के क्रांति वीरों की याद में भव्य शहीदी स्मारक बनाया जा रहा है. ये शहीद स्मारक समूचे उत्तर भारत में इकलौता ऐसा भवन होगा. जिसमें 1857 के क्रांति वीरों और उस समय के समाज के रहन-सहन को हाईटेक तरीकों से आमजन को रुबरु कराया जाएगा.
इस शहीद स्मारक में प्रवेश करते ही आमजन को छह पड़ावों से गुजरना होगा. जिसमें हर एक पड़ाव में उस समय के जीवन को हाई टेक्नोलॉजी के जरिए और उस क्रांति को प्रस्तुत किया जाएगा. बताया जा रहा है कि ये शहीदी स्मारक इस वर्ष के अंत तक बन कर तैयार हो जायेगा.
शहीद स्मारक में होंगी ये खूबियां
कमल के फूल को लेकर कांग्रेस का वार
लेकिन इस शहीद स्मारक में बनाए जा रहे 200 फीट से भी ज्यादा ऊंचाई पर कमल के फूल को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं जिसको लेकर कांग्रेस द्ववारा बीजेपी पर तीखे हमले किए जा रहे हैं. दीपेंद्र हुड्डा का कहना है कि शहीदी स्मारक का प्रोजेक्ट भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में पास हुआ था और बीजेपी की तो ये नीति रही है कि वो पहले की सरकार के कामों को अपने रंग में रंगने की कोशिश करते हैं.
विज ने किया कांग्रेस पर पलटवार
वहीं बीजेपी द्वारा ये दावा किया जा रहा है कि 1857 की क्रांति की लड़ाई सबसे पहले अंबाला में ही शुरू हुई थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमें गलत इतिहास पढ़ाया है और विज ने शहीदी समारक पर बनाए जा रहे कमल के फूल को लेकर भी विस्तार से बताया और कहा कि ये फल इसलिए बनाया जा रहा है क्योंकि उस समय गुप्त संदेश देने के लिए सैनिकों द्वारा कमल के फूल और चपाती का इस्तेमाल किया जाता था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इतिहास के बारे में कुछ नहीं पता और ये कांग्रेस के आगे कुछ सोच ही नहीं सकते.
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वहीं 1857 की क्रांति से जुड़े हर सामान जैसे पत्र, राइफल, वर्दी तलवारे आदि चीजों को लेकर सरकार द्वारा आमजन से अपील भी की गई है कि यदि किसी के पास अंबाला में या फिर समूचे हरियाणा में कहीं पर भी इससे जुड़ा कोई सामान है तो इसकी सूचना इन नंबर पर दें 94634 37252 और 98880 09339।, ताकि उन चीजों को वो म्यूजियम में रख सकें.
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खैर नेताओं का आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला तो यूं ही चलता रहेगा लेकिन 1857 की क्रांति वीरों की याद में बनाए जा रहे भव्य शहीदी स्मारक से एक ओर जहां हरियाणा में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.