ETV Bharat / state

हरियाणा में धान घोटाला मामले की जांच को लेकर डिप्टी सीएम और गृह मंत्री के अलग-अलग सुर

300 करोड़ के धान घोटाले के मामले में अब अनिल विज और दुष्यंत चौटाला अलग-अलग राग अलाप रहे हैं. गृहमंत्री अनिल विज ने साफ कहा है कि सरकार इस मामले में किसी भी तरह की जांच नहीं करने वाली. वहीं दुष्यंत चौटाला बयान दे चुके हैं कि हरियाणा में राजस्व के लुटेरों को बख्शा नहीं जाएगा.

conflict between anil vij and dushyant chautala on paddy purchase scam
author img

By

Published : Nov 22, 2019, 8:58 PM IST

Updated : Nov 22, 2019, 9:23 PM IST

अंबाला: खट्टर सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार हुए अभी एक हफ्ता भी नहीं बीता कि जेजेपी और बीजेपी की गठबंधन सरकार के मंत्रियों के बीच मतभेद सामने आने लगे हैं. बीजेपी के गब्बर यानी अनिल विज और सरकार में उप मुख्यमंत्री यानी जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला के धान खरीद मामले में सुर बिगड़ते नजर आ रहे हैं.

दुष्यंत ने किया शक तो विज ने दी 'क्लीन चिट'
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत धान खरीद मामले में चोरी पर शक जाहिर होने और फिर राइस मिलर्स पर एक्शन लेने पर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं तो वहीं प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज दुष्यंत से बिलकुल उलट घोटाला न होने और राइस मिलर्स को क्लीन चिट देने की बात कह रहे हैं.

धान घोटाले मामले में डिप्टी सीएम और गृह मंत्री के बिगड़े सुर, देखिए रिपोर्ट

सरकार के आदेश पर सभी राइस मिल सीज
गौरतलब है कि धान खरीद मामले को लेकर उठ रहे सवालों के बाद अब सरकार ने राइस मिलों से धान के एक भी दाने के बाहर निकलने और अंदर जाने पर पाबंदी लगा दी है. जिसके तहत राइस मिलों के बाहर ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी तैनात कर दिए गए हैं, जो राइस मिलों के बाहर सख्त पहरा दे रहे हैं.

राजस्व के लुटेरों को बख्शा नहीं जाएगा: उप मुख्यमंत्री
सूबे में धान खरीद घोटाले का मामला तूल पकड़ने लगा है. आपको बता दें कि इस मामले को लेकर खाद्य आपूर्ति विभाग की कमान संभाल रहे दुष्यंत चौटाला उप मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही कई बार बयान दे चुके हैं कि वो किसानों की धान का एक एक दाना खरीदेंगे. बस इतना ही नहीं कांग्रेस द्वारा धान खरीद मामले को लेकर उठाये जा रहे घोटाले के सवालों पर भी उप मुख्यमंत्री खुद की पीठ थपथपा कर ये बयान दे रहे हैं कि हरियाणा में राजस्व के लुटेरों को बख्शा नहीं जायेगा.

गृहमंत्री के राग अलग ही हैं...
दूसरी और हरियाणा के गृह मंत्री दुष्यंत चौटाला के विपरीत राइस मिलरों को क्लीन चिट देते नजर आ रहे हैं. मामले को लेकर अनिल विज ने कहा कि ऐसा कोई घोटाला नहीं हुआ ये तो सरकार ने अपनी धान पर नजर रखने के लिए अपने नुमाइंदे राइस मिलों में बिठाये हैं. विज का कहना है कि राइस मिल संदेह के घेरे में नहीं हैं ये तो ज्वाइंट कस्टडी होती है.

ये पढें- 300 करोड़ का राइस घोटाला: यमुनानगर में सभी मिल सीज, हर गतिविधि पर विभाग की नजर

सरकारी माल है जो मर्जी करें- राइस मिलर्स
इस मामले को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने राइस मिलरों से भी हकीकत जानी तो राइस मिलर भी अनिल विज के सुर में सुर मिलाते नजर आये. राइस मिलरों की माने तो सरकार ने आदेश दिए हैं कि सरकार की धान का एक भी दाना न तो मिल से बाहर जायेगा और न ही मिल के अंदर आएगा. ये सरकार का माल है सरकार इसे लेकर जो भी चाहे आदेश दे सकती है उन्हें इसमें कोई आपत्ति नहीं है.

तो जांच नहीं होगी?
जब खुद सूबे के गृहमंत्री अनिल विज ने मामले में किसी भी प्रकार की जांच जारी होने की बातों को भी पूरी तरह से खारिज कर डाला. तो साफ जाहिर है कि सरकार इस मामले में किसी भी तरह की जांच नहीं होने वाली. उनका कहना है कि सरकार अगर अपना आदमी मिल के बाहर खड़ा करती है तो इसका ये मतलब नहीं है कि कोई घोटाला हुआ है. अब ऐसे में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की जुबां का क्या ? विपक्ष तो मौके की तलाश में है और जनता तो जवाब मांगेगी ही.

ये पढ़ें- कुरुक्षेत्र में राइस मिलों पर कार्रवाई, फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद ही शुरू हो पाएंगी

दोनों नेताओं में ऑल इज़ वेल नहीं !
गौरतलब है कि साल 2018 में दुष्यंत चौटाला की ओर से बीजेपी पर दवा घोटाला कराने का आरोप लगाया था. दुष्यंत चौटाला ने ये मुद्दा लोकसभा में भी उठाया था. जिसके बाद तब दुष्यंत चौटाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मनोहर सरकार पर कई बड़े आरोप लगाए थे. जिसके जवाब में अनिल विज ने दुष्यंत चौटाला को नशेड़ियों के गांव से आना वाला बताया था और कहा था कि दुष्यंत चौटाला को अपना इलाज नशामुक्ति केंद्र में कराना चाहिए.

ये भी पढ़ें- ​मंत्री विज पर मानहानि केसः दुष्यंत का बदल गया दिल? कोर्ट में नहीं हुए पेश, 7 फरवरी अगली तारीख

अंबाला: खट्टर सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार हुए अभी एक हफ्ता भी नहीं बीता कि जेजेपी और बीजेपी की गठबंधन सरकार के मंत्रियों के बीच मतभेद सामने आने लगे हैं. बीजेपी के गब्बर यानी अनिल विज और सरकार में उप मुख्यमंत्री यानी जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला के धान खरीद मामले में सुर बिगड़ते नजर आ रहे हैं.

दुष्यंत ने किया शक तो विज ने दी 'क्लीन चिट'
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत धान खरीद मामले में चोरी पर शक जाहिर होने और फिर राइस मिलर्स पर एक्शन लेने पर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं तो वहीं प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज दुष्यंत से बिलकुल उलट घोटाला न होने और राइस मिलर्स को क्लीन चिट देने की बात कह रहे हैं.

धान घोटाले मामले में डिप्टी सीएम और गृह मंत्री के बिगड़े सुर, देखिए रिपोर्ट

सरकार के आदेश पर सभी राइस मिल सीज
गौरतलब है कि धान खरीद मामले को लेकर उठ रहे सवालों के बाद अब सरकार ने राइस मिलों से धान के एक भी दाने के बाहर निकलने और अंदर जाने पर पाबंदी लगा दी है. जिसके तहत राइस मिलों के बाहर ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी तैनात कर दिए गए हैं, जो राइस मिलों के बाहर सख्त पहरा दे रहे हैं.

राजस्व के लुटेरों को बख्शा नहीं जाएगा: उप मुख्यमंत्री
सूबे में धान खरीद घोटाले का मामला तूल पकड़ने लगा है. आपको बता दें कि इस मामले को लेकर खाद्य आपूर्ति विभाग की कमान संभाल रहे दुष्यंत चौटाला उप मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही कई बार बयान दे चुके हैं कि वो किसानों की धान का एक एक दाना खरीदेंगे. बस इतना ही नहीं कांग्रेस द्वारा धान खरीद मामले को लेकर उठाये जा रहे घोटाले के सवालों पर भी उप मुख्यमंत्री खुद की पीठ थपथपा कर ये बयान दे रहे हैं कि हरियाणा में राजस्व के लुटेरों को बख्शा नहीं जायेगा.

गृहमंत्री के राग अलग ही हैं...
दूसरी और हरियाणा के गृह मंत्री दुष्यंत चौटाला के विपरीत राइस मिलरों को क्लीन चिट देते नजर आ रहे हैं. मामले को लेकर अनिल विज ने कहा कि ऐसा कोई घोटाला नहीं हुआ ये तो सरकार ने अपनी धान पर नजर रखने के लिए अपने नुमाइंदे राइस मिलों में बिठाये हैं. विज का कहना है कि राइस मिल संदेह के घेरे में नहीं हैं ये तो ज्वाइंट कस्टडी होती है.

ये पढें- 300 करोड़ का राइस घोटाला: यमुनानगर में सभी मिल सीज, हर गतिविधि पर विभाग की नजर

सरकारी माल है जो मर्जी करें- राइस मिलर्स
इस मामले को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने राइस मिलरों से भी हकीकत जानी तो राइस मिलर भी अनिल विज के सुर में सुर मिलाते नजर आये. राइस मिलरों की माने तो सरकार ने आदेश दिए हैं कि सरकार की धान का एक भी दाना न तो मिल से बाहर जायेगा और न ही मिल के अंदर आएगा. ये सरकार का माल है सरकार इसे लेकर जो भी चाहे आदेश दे सकती है उन्हें इसमें कोई आपत्ति नहीं है.

तो जांच नहीं होगी?
जब खुद सूबे के गृहमंत्री अनिल विज ने मामले में किसी भी प्रकार की जांच जारी होने की बातों को भी पूरी तरह से खारिज कर डाला. तो साफ जाहिर है कि सरकार इस मामले में किसी भी तरह की जांच नहीं होने वाली. उनका कहना है कि सरकार अगर अपना आदमी मिल के बाहर खड़ा करती है तो इसका ये मतलब नहीं है कि कोई घोटाला हुआ है. अब ऐसे में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की जुबां का क्या ? विपक्ष तो मौके की तलाश में है और जनता तो जवाब मांगेगी ही.

ये पढ़ें- कुरुक्षेत्र में राइस मिलों पर कार्रवाई, फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद ही शुरू हो पाएंगी

दोनों नेताओं में ऑल इज़ वेल नहीं !
गौरतलब है कि साल 2018 में दुष्यंत चौटाला की ओर से बीजेपी पर दवा घोटाला कराने का आरोप लगाया था. दुष्यंत चौटाला ने ये मुद्दा लोकसभा में भी उठाया था. जिसके बाद तब दुष्यंत चौटाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मनोहर सरकार पर कई बड़े आरोप लगाए थे. जिसके जवाब में अनिल विज ने दुष्यंत चौटाला को नशेड़ियों के गांव से आना वाला बताया था और कहा था कि दुष्यंत चौटाला को अपना इलाज नशामुक्ति केंद्र में कराना चाहिए.

ये भी पढ़ें- ​मंत्री विज पर मानहानि केसः दुष्यंत का बदल गया दिल? कोर्ट में नहीं हुए पेश, 7 फरवरी अगली तारीख

Intro:खटटर सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार हुए अभी एक सप्ताह भी नहीं बीता कि जेजेपी और बीजेपी की गठबंधन सरकार के मंत्रियों के बीच मतभेद सामने आने लगे हैं। बीजेपी के गब्बर यानी अनिल विज और सरकार में उप मुख्यमंत्री यानी जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला धान खरीद मामले में आमने सामने हैं। दुष्यंत धान खरीद मामले में चोरी पर शक जाहिर होने और फिर राइस मिलर्स पर एक्शन लेने पर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं तो वहीँ प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज दुष्यंत से बिलकुल उल्ट घोटाला न होने और राईस मिलर्स को क्लीन चिट देने का काम कर रहे हैं।
Body:सूबे में धान खरीद घोटाले का मामला तूल पकड़ने लगा है। आपको बता दे कि इस मामले को लेकर खाद्य आपूर्ति विभाग की कमान संभाल रहे दुष्यंत चौटाला उप मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही कई बार बयान दे चुके हैं कि वो किसानों की धान का एक एक दाना खरीदेंगे । बस इतना ही नहीं कांग्रेस द्वारा धान खरीद मामले को लेकर उठाये जा रहे घोटाले के सवालों पर भी उप मुख्यमंत्री खुद की पीठ थपथपा कर ये बयान दे रहे हैं कि हरियाणा में राजस्व के लुटेरों को बख्शा नहीं जायेगा। गौरतलब है कि धान खरीद मामले को लेकर उठ रहे सवालों के बाद अब सरकार ने राईस मीलों से धान के एक भी दाने के बाहर निकलने और अंदर जाने पर पाबंदी लगा दी है। जिसके तहत राईस मीलों के बाहर ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी तैनात कर दिए गए हैं जो राईस मीलों के बाहर सख्त पहरा दे रहे हैं।

बाईट 01- दुष्यंत चौटाला- उप मुख्यमंत्री
बाईट 02- संजीव - ड्यूटी मजिस्ट्रेट

वीओ- वहीँ दूसरी और हरियाणा के गृह मंत्री दुष्यंत चौटाला के विपरीत राईस मिलरों को क्लीन चिट देते नजर आ रहे हैं। मामले को लेकर अनिल विज ने कहा कि ऐसा कोई घोटाला नहीं हुआ ये तो सरकार ने अपनी धान पर नजर रखने के लिए अपने नुमाइंदे राईस मिलों में बिठाये हैं। विज का कहना है कि राईस मिल संदेह के घेरे में नहीं हैं ये तो ज्वाइंट कस्टडी होती है। ऐसे में सरकार अगर अपना आदमी मिल के बाहर खड़ा करती है तो इसका ये मतलब नहीं है कि कोई घोटाला हुआ है। वहीँ विज ने मामले में किसी भी प्रकार की जांच जारी होने की बातों को भी पूरी तरह से खारिज कर डाला।

बाईट 03- अनिल विज- गृह मंत्री हरियाणा सरकार

वीओ- इस मामले को लेकर हमने राइस मिलरों से भी हकीकत जानी तो राईस मिलर भी अनिल विज के सुर में सुर मिलाते नजर आये। राईस मिलरों की माने तो सरकार ने आदेश दिए हैं कि सरकार की धान का एक भी दाना न तो मिल से बाहर जायेगा और न ही मिल के अंदर आएगा। मिल संचालकों की माने तो ये सरकार का माल है सरकार इसे लेकर जो भी चाहे आदेश दे सकती है उन्हें इसमें कोई आपत्ति नहीं है।

बाईट 04- जितेंद्र - राईस मिलर


Conclusion:
Last Updated : Nov 22, 2019, 9:23 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.