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एशिया की सबसे बड़ी होलसेल कपड़ा मार्केट पर आर्थिक संकट! व्यापारियों की बढ़ी परेशानी - अंबाला होलसेल कपड़ा मार्केट आर्थिक मंदी

कोरोना वायरस की मार से देश का कोई भी वर्ग अछूता नहीं है. ऐसे में अंबाला में बसी एशिया की सबसे बड़ी होलसेल कपड़ा मार्किट के व्यापारियों पर कितना असर पड़ रहा है. ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मार्किट के व्यपारियों से बातचीत की. सुनिए क्या कहना है उनका...

ambala cloth market merchants facing financial slowdown during lockdown
एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट पर आर्थिक संकट का खतरा! व्यापारियों की बढ़ी परेशान
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Published : Apr 14, 2020, 5:53 PM IST

Updated : Apr 14, 2020, 8:44 PM IST

अंबालाः देश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते संक्रमित मामलों को देखते पीएम मोदी ने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा कर दी है. देश में बढ़ इस लॉकडाउन का अंबाला शहर विधानसभा में स्थित एशिया की सबसे बड़ी होलसेल कपड़ा मार्केट के व्यापारियों पर कितना असर पड़ रहा है. ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट के व्यपारियों से बातचीत की और उनसे उनकी परेशानियों के बारे में जाना.

'इस सीजन में होती थी सबसे ज्यादा कमाई'

ईटीवी भारत की टीम के साथ बातचीत करते हुए अंबाला होलसेल कपड़ा मार्केट के प्रधान विशाल बत्रा ने बताया कि यहां लगभग 1 हजार से ऊपर दुकानें हैं और जिनमे लगभग 11 हजार मुलाजिम कार्यरत हैं. मार्केट प्रधान ने बताया कि जिस दिन लॉकडाउन लगा था उस समय वेडिंग सीजन था. मार्केट के सभी व्यपारियो ने वेडिंग और विंटर सीजन के सामान दुकानों में रखे हुए थे. वो समय हमारा सबसे ज्यादा कमाई का सीजन होता है. ऐसे में पूरी वेडिंग सीजन के लिए खरीदी हुई ड्रैसेज ऐसी ही रखी हुई है. उन्होंने बताया कि दुकानों पड़ा स्टॉक अब खराब हो जाएगा.

एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट पर आर्थिक संकट का खतरा!

ये भी पढ़ेंः #Lockdown 2.O पर जानिए पंचकूला के लोगों की राय

'पड़ा लॉकडाउन का खासा असर'

वहीं मार्केट में साड़ियों की दुकान के व्यापारी मोहन गोयल का कहना है कि बाजार फैशन ट्रैंड के हिसाब से ही चलती है. जैसे कुछ समय पहले वेडिंग सीजन था तो उसी तरह के कपड़े बाजारों में आए हुए थे. फिर अभी गर्मियां आ रही है तो वैसे ही कॉटन और गर्मी के हिसाब के कपड़े आएंगे, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते बिक्री नहीं हो पा रही है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से उनके व्यापार पर खासा असर पड़ा है.

'वापस नहीं भेज सकते माल'

कपड़ा व्यापारी सुनील जिंदल ने बताया कि अब तो समर सीजन शुरू हो चुका है लेकिन हमारी दुकानों में अभी भी वेडिंग और विंटर सीजन का सामान पड़ा हुआ है. और अगर वो ये सामान वापस करते हैं तो आगे से उन्हें सामान उन मैन्युफैक्चरर द्वारा नहीं मिलेगा जिस वजह से उन्हें ये सामान रखना ही होगा.

मार्केट पर आर्थिक संकट का खतरा!

व्यापारियों का कहना है कि अगर 3 मई के बाद लॉकडॉन खुल भी जाता है तब भी लगभग 6 महीने से लेकर 1 साल तक व्यापारियों को पटरी पर आने में लगेगा. उन्होंने बताया कि इस समय एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट आर्थिक मंदी से गुजर रही है और उन्हें वापस अपने ग्राहक बुलाने में और लॉकडाउन के दौरान हुए नुकसान को रिकवर करने में काफी समय लगने वाला है.

अंबालाः देश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते संक्रमित मामलों को देखते पीएम मोदी ने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा कर दी है. देश में बढ़ इस लॉकडाउन का अंबाला शहर विधानसभा में स्थित एशिया की सबसे बड़ी होलसेल कपड़ा मार्केट के व्यापारियों पर कितना असर पड़ रहा है. ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट के व्यपारियों से बातचीत की और उनसे उनकी परेशानियों के बारे में जाना.

'इस सीजन में होती थी सबसे ज्यादा कमाई'

ईटीवी भारत की टीम के साथ बातचीत करते हुए अंबाला होलसेल कपड़ा मार्केट के प्रधान विशाल बत्रा ने बताया कि यहां लगभग 1 हजार से ऊपर दुकानें हैं और जिनमे लगभग 11 हजार मुलाजिम कार्यरत हैं. मार्केट प्रधान ने बताया कि जिस दिन लॉकडाउन लगा था उस समय वेडिंग सीजन था. मार्केट के सभी व्यपारियो ने वेडिंग और विंटर सीजन के सामान दुकानों में रखे हुए थे. वो समय हमारा सबसे ज्यादा कमाई का सीजन होता है. ऐसे में पूरी वेडिंग सीजन के लिए खरीदी हुई ड्रैसेज ऐसी ही रखी हुई है. उन्होंने बताया कि दुकानों पड़ा स्टॉक अब खराब हो जाएगा.

एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट पर आर्थिक संकट का खतरा!

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'पड़ा लॉकडाउन का खासा असर'

वहीं मार्केट में साड़ियों की दुकान के व्यापारी मोहन गोयल का कहना है कि बाजार फैशन ट्रैंड के हिसाब से ही चलती है. जैसे कुछ समय पहले वेडिंग सीजन था तो उसी तरह के कपड़े बाजारों में आए हुए थे. फिर अभी गर्मियां आ रही है तो वैसे ही कॉटन और गर्मी के हिसाब के कपड़े आएंगे, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते बिक्री नहीं हो पा रही है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से उनके व्यापार पर खासा असर पड़ा है.

'वापस नहीं भेज सकते माल'

कपड़ा व्यापारी सुनील जिंदल ने बताया कि अब तो समर सीजन शुरू हो चुका है लेकिन हमारी दुकानों में अभी भी वेडिंग और विंटर सीजन का सामान पड़ा हुआ है. और अगर वो ये सामान वापस करते हैं तो आगे से उन्हें सामान उन मैन्युफैक्चरर द्वारा नहीं मिलेगा जिस वजह से उन्हें ये सामान रखना ही होगा.

मार्केट पर आर्थिक संकट का खतरा!

व्यापारियों का कहना है कि अगर 3 मई के बाद लॉकडॉन खुल भी जाता है तब भी लगभग 6 महीने से लेकर 1 साल तक व्यापारियों को पटरी पर आने में लगेगा. उन्होंने बताया कि इस समय एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट आर्थिक मंदी से गुजर रही है और उन्हें वापस अपने ग्राहक बुलाने में और लॉकडाउन के दौरान हुए नुकसान को रिकवर करने में काफी समय लगने वाला है.

Last Updated : Apr 14, 2020, 8:44 PM IST
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