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अंबाला का प्राचीन 'रानी का तालाब', यहां राजा रणजीत सिंह की रानी करती थी शाही स्नान

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Published : Feb 1, 2020, 7:03 AM IST

किस्सा हरियाणे का के इस एपिसोड में हम पहंचे हैं अंबाला छावनी में स्थित प्राचीन शिव मंदिर. इस मंदिर में करीब 400 साल पुराना रानी का तालाब है. इस तालाब में छछरौली रियासत के राजा रणजीत सिंह की पत्नी हर रोज शाही स्नान किया करती थी.

rani ka talag kissa haryane ka
rani ka talag kissa haryane ka

अंबाला: छावनी में स्थित प्राचीन शिव मंदिर 'रानी का तालाब' लगभग 400 साल पुराना बताया जाता है. तालाब के साथ बने शिव मंदिर के अंदर बाहर लगे होर्डिंग पर ये साफ लिखा है कि ये मंदिर 400 साल पुराना है. इस तालाब में छछरौली रियासत के राजा रणजीत सिंह की पत्नी हर रोज शाही स्नान किया करती थी. स्नान के बाद यहां बने शिव मंदिर और ग्यासी माता मंदिर में पूजा किया करती थीं.

यहां हर श्रद्धालु की मनोकामना होती है पूरी

बता दें कि वर्ष 1999 से पूर्व इस मंदिर की देखरेख साधु संत महात्मा किया करते थे लेकिन वर्ष 1999 के बाद ये मंदिर सेना के अधीन कर दिया गया. प्राचीन शिव मंदिर में बतौर सेवादार कार्य कर रहे अनिल वर्मा का कहना है कि इस मंदिर की मान्यता है कि यहां जो भी श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर आता हैं उनकी मन्नत जरूर पूरी होती है. ये मंदिर 77 कवचित कर्मशाला के पास है.

अंबाला का प्राचीन रानी का तालाब' देखें वीडियो

सेना के अधीन है रानी का तालाब

वैसे तो कागजों में ये मंदिर 400 वर्ष पूर्व बताया जाता है लेकिन बुजुर्गों से सुनते हैं तो ये मंदिर 400 वर्ष पहले से अंबाला छावनी में बना हुआ है. जब से ये मंदिर सेना के अधीन हुआ है, मंदिर में बहुत से विकास के कार्य हुए हैं. रानी का तालाब मंदिर के बहुत बड़े इलाके तक फैला हुआ था, जिसकी साफ सफाई सही ढंग से ना होने पर एक छोटा तालाब बनाया गया है, ताकि उसकी सही तरीके से रख रखाव किया जा सके.

ये भी पढे़ं:- लाडवा का पवित्र मंजी साहिब गुरुद्वारा: यहां मौजूद चारपाई जिस पर श्री गुरु तेग बहादुर ने किया था आराम

यहां स्थापित की गई शेषनाग की प्रतिमा

वहीं उन्होंने बताया कि मंदिर में किसी भी आम व्यक्ति के आने जाने में कोई पाबंदी नहीं है. मंदिर में सुबह 4:00 से 11:00 और शाम 4:00 से 8:00 तक श्रद्धालु बिना रोक-टोक दर्शन करते हैं. महाशिवरात्रि के दिन यहां पर बहुत बड़े उत्सव का आयोजन किया जाता है जिसमें भव्य भंडारा भी किया जाता है. जिसकी सारी व्यवस्था सेना की ओर से की जाती है. सेना की मदद से यहां पर शेषनाग की प्रतिभा भी स्थापित की गई है और साथ ही साथ सूर्य देव और दुर्गा माता की प्रतिमा भी स्थापित की गई है.

अंबाला: छावनी में स्थित प्राचीन शिव मंदिर 'रानी का तालाब' लगभग 400 साल पुराना बताया जाता है. तालाब के साथ बने शिव मंदिर के अंदर बाहर लगे होर्डिंग पर ये साफ लिखा है कि ये मंदिर 400 साल पुराना है. इस तालाब में छछरौली रियासत के राजा रणजीत सिंह की पत्नी हर रोज शाही स्नान किया करती थी. स्नान के बाद यहां बने शिव मंदिर और ग्यासी माता मंदिर में पूजा किया करती थीं.

यहां हर श्रद्धालु की मनोकामना होती है पूरी

बता दें कि वर्ष 1999 से पूर्व इस मंदिर की देखरेख साधु संत महात्मा किया करते थे लेकिन वर्ष 1999 के बाद ये मंदिर सेना के अधीन कर दिया गया. प्राचीन शिव मंदिर में बतौर सेवादार कार्य कर रहे अनिल वर्मा का कहना है कि इस मंदिर की मान्यता है कि यहां जो भी श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर आता हैं उनकी मन्नत जरूर पूरी होती है. ये मंदिर 77 कवचित कर्मशाला के पास है.

अंबाला का प्राचीन रानी का तालाब' देखें वीडियो

सेना के अधीन है रानी का तालाब

वैसे तो कागजों में ये मंदिर 400 वर्ष पूर्व बताया जाता है लेकिन बुजुर्गों से सुनते हैं तो ये मंदिर 400 वर्ष पहले से अंबाला छावनी में बना हुआ है. जब से ये मंदिर सेना के अधीन हुआ है, मंदिर में बहुत से विकास के कार्य हुए हैं. रानी का तालाब मंदिर के बहुत बड़े इलाके तक फैला हुआ था, जिसकी साफ सफाई सही ढंग से ना होने पर एक छोटा तालाब बनाया गया है, ताकि उसकी सही तरीके से रख रखाव किया जा सके.

ये भी पढे़ं:- लाडवा का पवित्र मंजी साहिब गुरुद्वारा: यहां मौजूद चारपाई जिस पर श्री गुरु तेग बहादुर ने किया था आराम

यहां स्थापित की गई शेषनाग की प्रतिमा

वहीं उन्होंने बताया कि मंदिर में किसी भी आम व्यक्ति के आने जाने में कोई पाबंदी नहीं है. मंदिर में सुबह 4:00 से 11:00 और शाम 4:00 से 8:00 तक श्रद्धालु बिना रोक-टोक दर्शन करते हैं. महाशिवरात्रि के दिन यहां पर बहुत बड़े उत्सव का आयोजन किया जाता है जिसमें भव्य भंडारा भी किया जाता है. जिसकी सारी व्यवस्था सेना की ओर से की जाती है. सेना की मदद से यहां पर शेषनाग की प्रतिभा भी स्थापित की गई है और साथ ही साथ सूर्य देव और दुर्गा माता की प्रतिमा भी स्थापित की गई है.

Intro:अंबाला छावनी में स्थित प्राचीन शिव मंदिर 'रानी का तालाब' लगभग 400 साल पुराना बताया जाता है । तालाब के साथ बने शिव मंदिर के अंदर बाहर लगे होर्डिंग पर यह साफ लिखा है कि यह मंदिर 400 साल पुराना है। इस तालाब में छछरौली रियासत के राजा रंजीत सिंह की पत्नी हर रोज शाही स्नान किया करती थी । स्नान के बाद यहां बने शिव मंदिर और ग्यासी माता मंदिर में पूजा किया करती थी।

बता दें कि वर्ष 1999 से पूर्व इस मंदिर की देखरेख साधु संत महात्मा किया करते थे लेकिन वर्ष 1999 के बाद यह मंदिर सेना के अधीन कर दिया गया।


Body:प्राचीन शिव मंदिर 'रानी का तालाब' मे बतौर सेवादार कार्य कर रहे अनिल वर्मा का कहना है कि इस मंदिर की मान्यता है कि यहां जो भी श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर आता है उसकी मन्नत जरूर पूरी होती है।

उन्होंने बताया कि वैसे तो कागजों पर यह मंदिर 400 वर्ष पूर्व बताया जाता है लेकिन बुजुर्गों से सुनते हैं तो यह मंदिर 400 वर्ष पहले से अंबाला छावनी में बना हुआ है। उन्होंने बताया कि जब से यह मंदिर सेना के अधीन हुआ है मंदिर में बहुत से विकास के कार्य हुए हैं।

उन्होंने बताया कि रानी का तालाब मंदिर के बहुत बड़े इलाके तक फैला हुआ था जिसकी साफ सफाई सही ढंग से ना होने पर एक छोटा तालाब बनाया गया है ताकि उसकी सही तरीके से रखरखाव किया जा सके। वहीं उन्होंने बताया कि मंदिर में किसी भी आम व्यक्ति के आने जाने में कोई पाबंदी नहीं है। मंदिर में सुबह 4:00 से 11:00 और शाम 4:00 से 8:00 तक श्रद्धालु बिना रोक-टोक दर्शन करते हैं।

अनिल वर्मा ने बताया कि आगामी 21 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन यहां पर बहुत बड़ा उत्सव बनाया जाएगा और 24 फरवरी को विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाएगा।

अनिल वर्मा ने बताया कि सेना की मदद से यहां पर शेषनाग की प्रतिभा भी स्थापित की गई है। और साथ ही साथ सूर्य देव और दुर्गा माता की प्रतिमा भी स्थापित की गई है।


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