अंबाला: नगर निगम से मिलने वाली एनडीसी के विरोध में आम आदमी पार्टी अंबाला के कार्यकर्ता विनोद धीमान पिछले 3 दिन से अनशन पर बैठे हुए थे. आखिरकार पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री चौधरी निर्मल सिंह व राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता पहुंचे और विनोद धीमान का अनशन खत्म कराया. इस दौरान उन्होंने अंबाला नगर निगम के अधिकारियों को लेकर नाराजगी जताई और मौजूदा सरकार पर भी जमकर बरसे.
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पिछले 3 दिन से नगर निगम के बाहर विनोद धीमान अनशन पर बैठे हुए थे. यह अनशन एनडीसी व निगम में फैमिली आईडी जैसे कई अन्य मुद्दों के विरोध में रखा गया था और आज आखरी दिन आप पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील गुप्ता भी अनशन पर पहुंचे. उन्होंने अधिकारियों को जनता की समस्याओं का समाधान करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि मेयर और विधायक दोनों की मिलीजुटी सरकार है, पूरी जनता को प्रमाण देने की जरूरत नहीं है. ये झूठ पर बनी सरकारें हैं.
पहले भी कई बार भर्ती के नाम पर यह जनता से झूठ बोल चुके हैं. इस मौके राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि अंबाला के विधायक और मेयर के संरक्षण में ही अधिकारियों द्वारा यह भ्रष्टाचार की कहानी चलाई जा रही है. पिछले लगभग तीन-चार दिन से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता विनोद धीमान इस भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए अनशन पर बैठे हुए हैं. भारतीय जनता पार्टी की सरकार में हर तरफ केवल भ्रष्टाचार है.
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प्रॉपर्टी आईडी का गलत सर्वे करके पूरे हरियाणा को सरकार ने परेशान कर रखा है. हर व्यक्ति तहसील के चक्कर काट काट कर परेशान हो चुका है. प्रॉपर्टी आईडी सर्वे करने वाली कंपनी ने इतनी बड़ी गलती की लेकिन अभी तक इन पर केस दर्ज क्यों नहीं हुआ है. अंबाला में लगातार यह भ्रष्टाचार बढ़ता ही जा रहा है. अंबाला में 50 से 100 साल पहले बसे हुए शहरों को भी अब परेशान किया जाने लगा है, जो कि बहुत शर्मनाक है.
अनशन पर बैठे आप नेता विनोद धीमान ने कहा कि आम आदमी पार्टी हमेशा ही आम जनता की सहायता के लिए तत्पर है. भले ही 4 दिन के बाद अनशन समाप्त हो गया हो लेकिन संघर्ष अभी जारी है. आम आदमी पार्टी हमेशा ही जनता की आवाज उठाने के लिए तैयार है. वरिष्ठ नेता सुशील गुप्ता और निर्मल सिंह द्वारा जो भी आदेश दिए गए हैं. उसके अनुसार आगे की तैयारी की जाएगी.
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उन्होंने कहा कि 1 महीने के अंदर इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो विधायक के घर के बाहर यह टेंट गाड़ दिए जाएंगे. उन्हें पहले भी किसी भी अधिकारी से बातचीत की उम्मीद नहीं थी लेकिन वे जनता को बताने के लिए कि उनकी आवाज उठाने वाले अभी इस शहर में मौजूद है इसलिए अनशन रूपी तपस्या कर रहे थे और उनकी यह तपस्या सफल हुई है.