हैदराबाद : महेंद्र सिंह धोनी सिर्फ एक नाम नहीं है बल्कि भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए एक इमोशन है. माही भले ही अब कप्तान न हों, लेकिन उन्हें दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट आइकन के रूप में देखा जाता है.
रांची के एक छोटे से शहर में जन्मे धोनी ने खुद को दुनिया के सबसे बेहतरीन कप्तानों और स्टंपरों में शुमार होने के लिए कड़ी मेहनत की. बांग्लादेश के खिलाफ अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरु करने के बाद धोनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और विश्व क्रिकेट में सब कुछ जीत लिया.
तीन प्रमुख आईसीसी ट्रॉफी जीती
क्रिकेट प्रेमियों के बीच 'कैप्टन कूल' के नाम से मशहूर एम एस धोनी क्रिकेट के इतिहास में एकमात्र क्रिकेटर हैं जिन्होंने बतौर कप्तान तीन प्रमुख आईसीसी ट्रॉफी जीती हो. उन्होंने भारत को 2007 में आईसीसी टी 20 विश्व कप, 2011 में आईसीसी विश्व कप और 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी दिलाई.
सीमित ओवरों के अंतरराष्ट्रीय खेल में अपने शांत स्वभाव और पिच पर लिए अपने आश्चर्यजनक फैसलों की वजह से वो आज क्रिकेट के एक लेजेंड बन गए हैं. 2007 में क्रिकेट एक्सपर्ट और फैंस उस समय सकते में आ गए जब बीसीसीआई ने धोनी को दक्षिण अफ्रीका में हुए टी-20 वर्ल्डकप के लिए भारतीय टीम का कप्तान बनाया. वहीं धोनी ने अपने कप्तानी कौशल से भारत को 1983 के बाद ICC टूर्नामेंट की पहली बड़ी जीत दिलाई.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट
इसके बाद राहुल द्रविड़ की जगह धोनी को भारतीय एकदिवसीय टीम का कप्तान बनाया गया. 38 साल के धोनी ने टीम इंडिया को 200 वनडे मैचों में नेतृत्व किया. जिसमें से 110 मैचों में जीते और 74 में हार का सामना करना पड़ा. वहीं घरेलू मैदान पर धोनी ने 73 मैचों में से 43 मैचों में जीत दिलाया.
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महेंद्र सिंह धोनी ने 90 टेस्ट, 349 वनडे और 98 टी-20 मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने एकदिवसीय मैचों में 10723 और टेस्ट में 4876 रन बनाए हैं. धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा (123) स्टंपिंग करने का रिकॉर्ड भी बनाया है.